खाद-बीज की कंपनी ने कर्मचारी को वेतन नहीं दिया तो मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने कंपनी के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है। कर्मचारी का कहना है कि उसने चार महीने काम किया, लेकिन वेतन सिर्फ एक माह का दिया गया। कर्मचारी को कंपनी से 4 लाख 10 हजार रुपये अभी भी लेने हैं।
पुलिस को दी शिकायत में सिसाय पुल निवासी उमेश ने बताया कि गुजरात के मोडासा निवासी परेश पटेल द्वारा एक फर्जी कंपनी ऋद्धि सीड्स प्राइवेट लिमिटेड बनाई हुई थी। यह कंपनी वर्ष 2011 में बनाई गई थी और वर्ष 2015 में बंद कर दी गई। परेश पटेल द्वारा कंपनी बंद करने के बाद भी सोशल मीडिया पर प्रचार व प्रसार जारी रहा और नवयुवकों व नवयुवतियों की नौकरी हेतु विज्ञापन दिए जाते रहे, जिसके तहत उन्होंने भी आवेदन कर दिया। नवंबर 2019 में उनको ज्वाइनिंग लेटर जारी कर ज्वाइन करा दिया गया। उस वक्त वह काम की तलाश में थे। कंपनी द्वारा कई राज्यों में नकली खाद, बीज व दवाएं व अन्य प्रोडक्ट सरकार से बिना अनुमति के धड़ल्ले से बेचे गए और नकली कपास बीज से काफी किसानों को फसल का नुकसान हुआ। जिसके बाद परेश पटेल ने न तो अपने किसी कर्मचारी को वेतन दिया और न ही किसी डिस्ट्रीब्यूटर को उसे कमीशन दिया।
30 अप्रैल 2020 को ई मेल के माध्यम से उमेश को सूचित किया गया कि मार्च 2020 से उसे कंपनी से हटा दिया गया है। इस कंपनी से मात्र एक महीने का वेतन तीन किस्तों में लगभग 61 हजार रुपये दिए। उन्होंने कई दिनों तक पंजाब में निजी वाहन से अपनी जेब से तेल खर्च करके काम किया और होटलों व खाने-पीने के सभी बिलों की अदायगी भी उनके द्वारा की गई। कंपनी का पंजाब में प्रचार-प्रसार किया। काम के बदले और सभी बिलों को मिलाकर उनके कंपनी पर 4.10 लाख रुपये बकाया है। उमेश ने परेश पटेल से अपने रुपये मांगे तो उसने धमकी दी। परेश ने धमकी दी कि यदि फोन करके पैसे मांगेगा तो वह आत्महत्या कर लेगा और इस केस में तुझे फंसा देगा। जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी उमेश के पास उपलब्ध है।
उन्होंने कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठी की तो पाया कि यह एक फर्जी कंपनी है और लोगों को ठगने का काम करती है। केंद्र व राज्य सरकारों को करोड़ों रुपये के टैक्स की चोरी करके चूना लगा चुकी है। इस कंपनी द्वारा हवाला के काम के जरिये भारी मात्रा में कालाधन सफेद किया गया है। अरबों की संपत्ति अर्जित की है। मामले में इकनॉमिक सेल द्वारा जांच की गई, जिस पर अब पुलिस ने परेश पटेल के खिलाफ धारा 406 व 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
खाद-बीज की कंपनी ने कर्मचारी को वेतन नहीं दिया तो मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने कंपनी के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है। कर्मचारी का कहना है कि उसने चार महीने काम किया, लेकिन वेतन सिर्फ एक माह का दिया गया। कर्मचारी को कंपनी से 4 लाख 10 हजार रुपये अभी भी लेने हैं।
पुलिस को दी शिकायत में सिसाय पुल निवासी उमेश ने बताया कि गुजरात के मोडासा निवासी परेश पटेल द्वारा एक फर्जी कंपनी ऋद्धि सीड्स प्राइवेट लिमिटेड बनाई हुई थी। यह कंपनी वर्ष 2011 में बनाई गई थी और वर्ष 2015 में बंद कर दी गई। परेश पटेल द्वारा कंपनी बंद करने के बाद भी सोशल मीडिया पर प्रचार व प्रसार जारी रहा और नवयुवकों व नवयुवतियों की नौकरी हेतु विज्ञापन दिए जाते रहे, जिसके तहत उन्होंने भी आवेदन कर दिया। नवंबर 2019 में उनको ज्वाइनिंग लेटर जारी कर ज्वाइन करा दिया गया। उस वक्त वह काम की तलाश में थे। कंपनी द्वारा कई राज्यों में नकली खाद, बीज व दवाएं व अन्य प्रोडक्ट सरकार से बिना अनुमति के धड़ल्ले से बेचे गए और नकली कपास बीज से काफी किसानों को फसल का नुकसान हुआ। जिसके बाद परेश पटेल ने न तो अपने किसी कर्मचारी को वेतन दिया और न ही किसी डिस्ट्रीब्यूटर को उसे कमीशन दिया।
30 अप्रैल 2020 को ई मेल के माध्यम से उमेश को सूचित किया गया कि मार्च 2020 से उसे कंपनी से हटा दिया गया है। इस कंपनी से मात्र एक महीने का वेतन तीन किस्तों में लगभग 61 हजार रुपये दिए। उन्होंने कई दिनों तक पंजाब में निजी वाहन से अपनी जेब से तेल खर्च करके काम किया और होटलों व खाने-पीने के सभी बिलों की अदायगी भी उनके द्वारा की गई। कंपनी का पंजाब में प्रचार-प्रसार किया। काम के बदले और सभी बिलों को मिलाकर उनके कंपनी पर 4.10 लाख रुपये बकाया है। उमेश ने परेश पटेल से अपने रुपये मांगे तो उसने धमकी दी। परेश ने धमकी दी कि यदि फोन करके पैसे मांगेगा तो वह आत्महत्या कर लेगा और इस केस में तुझे फंसा देगा। जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी उमेश के पास उपलब्ध है।
उन्होंने कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठी की तो पाया कि यह एक फर्जी कंपनी है और लोगों को ठगने का काम करती है। केंद्र व राज्य सरकारों को करोड़ों रुपये के टैक्स की चोरी करके चूना लगा चुकी है। इस कंपनी द्वारा हवाला के काम के जरिये भारी मात्रा में कालाधन सफेद किया गया है। अरबों की संपत्ति अर्जित की है। मामले में इकनॉमिक सेल द्वारा जांच की गई, जिस पर अब पुलिस ने परेश पटेल के खिलाफ धारा 406 व 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया।