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शव के लिए अस्पताल में हंगामा, मारपीट
पुलिस ने बच्चे के कहने पर शव नाना को सौंपा
रविवार रात को शव लेने के लिए हुआ था हंगामा
संवाद न्यूज एजेंसी
अंबाला। छावनी नागरिक अस्पताल में बीमारी से मौत के बाद महिला का शव ले जाने के लिए दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। ससुराल व मायके पक्ष शव ले जाने के लिए सुबह ही बहस करते रहे और देखते ही देखते अस्पताल परिसर में ही दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई। सूचना मिलते ही इलाका पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह दोनों पक्षों को शांत करवाया।
करीब तीन घंटे तक अस्पताल परिसर में ही दोनों पक्षों के बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और माहौल तनाव पूर्ण रहा। मायके पक्ष से जहां गोबिंदगढ़ निवासी मामा शव को ले जाने पर अड़ा हुआ था, वहीं जठलाना से ससुराल पक्ष वाले। आखिर में पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मृत महिला के 17 वर्षीय बेटे की सहमति को देखते हुए शव महिला के पिता को सौंपा, जोकि यमुनानगर का गांव चनेटी में शव को ले गए।
यह था पूरा मामला
दरअसल, गांव चनेटी निवासी 40 वर्षीय रेखा की शादी गांव जठलाना में हुई थी। शादी के कुछ सालों बाद पति की मौत हो गई थी। वह खुद यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में काम करती थी और 17 वर्षीय बच्चा भी यमुनानगर के ही स्कूल में पढ़ाई करता था। करीब तीन साल पहले भी वह बीमार हो गई थी। लंबे समय से बीमार होने के बाद तीन फरवरी को महिला को उपचार के लिए छावनी नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। पांच फरवरी को अचानक तबीयत बिगड़ने पर महिला ने हार्ट सेंटर में दम तोड़ दिया था। ऐसे में मायके पक्ष से मामा जब शव ले जाने लगे तो इसी बीच ससुराल पक्ष ने विरोध जताया और दोनों के बीच बहस हो गई थी। पुलिस ने शव को लेने जाने से मना करते हुए मोर्चरी में रखवा दिया था। किसी तरह उस समय मामले को शांत करवाया था।
जमीन विवाद को लेकर चलती रही बेटे के लिए खींचतान
बताया जाता है कि मृत महिला के पति की गांव जठलाना में जमीन जायदाद है। मौजूदा समय में ससुराल पक्ष के लिए लोग रह रहे हैं। जबकि महिला अपने मायके पक्ष में रह रही थी। ऐसे में मामा शव को ले जाने पर अड़े रहे और कहा कि पहले तो ससुराल पक्ष उपचार के दौरान नहीं पहुंचा और अब शव लेने पहुंच गए। जबकि ससुराल पक्ष ने सभी आरोपों को नकारा था। इस बीच महिला के बच्चे को रखने को लेकर खींचतान चल रही थी।
पोस्टमार्टम के बाद महिला के पिता को शव सौंप दिया है। पहले मामा व ससुराल पक्ष के बीच झगड़ा चल रहा था। महिला के बच्चे की सहमति से यह निर्णय लिया गया है। जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया। हंगामे से पहले दोनों पक्षों को चौकी में बुलाया गया था लेकिन वह पंचायत के बीच फैसले की बात बोलकर अस्पताल आए थे। बाद में मामले को शांत करवा दिया गया।
-नरेश, चौकी प्रभारी रजिमेंट बाजार