गोरखपुर में दिवाली के बाद से ही गोरखपुर शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। दिवाली के दिन शहर ही नहीं, औद्योगिक क्षेत्र सहजनवां में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) करीब 350 के पास पहुंच गया। जिसे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत खतरनाक माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट समीर के अनुसार दिवाली के अगले दिन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 395 दर्ज किया गया। वहीं मंगलवार को यह 392 हो गया है।
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि दिवाली के दिन आतिशबाजी से हवा की गुणवत्ता काफी खराब हुई है। जहां सामान्य दिनों में गोरखपुर शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 90 से 150 के बीच रहता है, वह दिवाली के बाद 300 से भी ऊपर जा पहुंचा।
दिवाली के दूसरे दिन भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ। हवा नहीं चलने की वजह से प्रदूषण यहीं टिका हुआ है। हवा में नमी होने की वजह से इसमें तब तक सुधार नहीं होगा जब तक हवा नहीं चलेगी।
मेडिकल कॉलेज के चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. अश्वनी मिश्रा ने बताया कि कोहरे के बीच धुआं ज्यादा खतरनाक है। कोहरे के कारण धुआं वायुमंडल में ऊपर नहीं जा पाता है। इसकी वजह से धुआं कोहरे में मिश्रित हो जाता है। यह मरीजों पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। दिवाली के दौरान प्रदूषण ज्यादा फैलता है। ऐसे में अस्थमा, एलर्जी और सीओपीडी के मरीज इस मौसम में दवा बिल्कुल न बंद करें। अगर दवा बंद कर देते हैं तो ऐसे मरीजों को भर्ती करने की नौबत आ जाती है। उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी न हो तो ऐसे मरीज घरों में ही रहकर ठंड और प्रदूषण से बचने का प्रयास करें।
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गोरखपुर में दिवाली के बाद से ही गोरखपुर शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। दिवाली के दिन शहर ही नहीं, औद्योगिक क्षेत्र सहजनवां में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) करीब 350 के पास पहुंच गया। जिसे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत खतरनाक माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट समीर के अनुसार दिवाली के अगले दिन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 395 दर्ज किया गया। वहीं मंगलवार को यह 392 हो गया है।
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि दिवाली के दिन आतिशबाजी से हवा की गुणवत्ता काफी खराब हुई है। जहां सामान्य दिनों में गोरखपुर शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 90 से 150 के बीच रहता है, वह दिवाली के बाद 300 से भी ऊपर जा पहुंचा।
दिवाली के दूसरे दिन भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ। हवा नहीं चलने की वजह से प्रदूषण यहीं टिका हुआ है। हवा में नमी होने की वजह से इसमें तब तक सुधार नहीं होगा जब तक हवा नहीं चलेगी।
मेडिकल कॉलेज के चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. अश्वनी मिश्रा ने बताया कि कोहरे के बीच धुआं ज्यादा खतरनाक है। कोहरे के कारण धुआं वायुमंडल में ऊपर नहीं जा पाता है। इसकी वजह से धुआं कोहरे में मिश्रित हो जाता है। यह मरीजों पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। दिवाली के दौरान प्रदूषण ज्यादा फैलता है। ऐसे में अस्थमा, एलर्जी और सीओपीडी के मरीज इस मौसम में दवा बिल्कुल न बंद करें। अगर दवा बंद कर देते हैं तो ऐसे मरीजों को भर्ती करने की नौबत आ जाती है। उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी न हो तो ऐसे मरीज घरों में ही रहकर ठंड और प्रदूषण से बचने का प्रयास करें।