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गोरखपुर: बाइक के साथ हेलमेट नहीं दे रहे अधिकतर शोरूम संचालक, आरटीओ अधिकारी भी नहीं कस पा रहे शिकंजा
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Thu, 14 Oct 2021 03:03 PM IST
सार
कानूनन नए दोपहिया वाहन के साथ आईएसआई मार्का हेलमेट देना अनिवार्य, वाहनों के ऑनलाइन पंजीकरण में हेलमेट की रसीद का नंबर डालने का विकल्प न होने का उठा रहे लाभ
हेलमेट। (सांकेतिक फोटो)
- फोटो : Amar Ujala
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गोरखपुर जिले में एमवी एक्ट में दो पहिया वाहन खरीदने पर साथ में आईएसआई मानक वाला हेलमेट अनिवार्य रूप से देने का प्रावधान होने के बावजूद, शहर के अधिकतर शोरूम संचालक ऐसा नहीं कर रहे हैं। दरअसल, ऑनलाइन पंजीकरण में हेलमेट की रसीद का नंबर डालने का विकल्प नहीं है, इसका ही फायदा शोरूम संचालक उठा रहे हैं।
ऑफलाइन पंजीकरण में हेलमेट की रसीद अनिवार्य होती थी, लेकिन ऑनलाइन में यह व्यवस्था समाप्त होने के कारण संभागीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी भी इन शोरूम संचालकों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।
नए दोपहिया वाहन के साथ आईएसआई मार्का हेलमेट देना अनिवार्य
केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली 1989 के नियम 138 एफ के तहत शोरूम संचालक को दोपहिया वाहन के साथ ग्राहक को आईएसआई मानक वाला हेलमेट भी देना होता है। पंजीकरण के दस्तावेज में हेलमेट की रसीद भी लगानी होगी। एआरटीओ श्यामलाल के मुताबिक बाइक पंजीकरण आवेदन के साथ हेलमेट की रसीद लगाने का नियम पांच वर्ष से लागू है। जब आवेदन ऑफलाइन होते थे तो आवेदन पत्र में रसीद का लगाया जाना अनिवार्य था। वर्तमान में पंजीकरण आवेदन ऑनलाइन हो गया है, इसमें हेलमेट की रसीद लगाने का विकल्प नहीं है।
अधिकतर शोरूम ग्राहकों को दोपहिया वाहन के साथ आठ सौ रुपये से डेढ़ हजार रुपये तक की एक्सेसरीज दे रहे हैं। इनमें फुटरेस्ट, सीट कवर, ग्रिप कवर, साड़ी गार्ड आदि शामिल हैं, लेकिन हेलमेट नहीं। मोहद्दीपुर स्थित एक बाइक शोरूम के एजेंट विशाल का कहना है कि बाइक के साथ हेलमेट नहीं दिया जाता है। यदि कोई ग्राहक मांग करता है तो एक हजार रुपये अतिरिक्त चार्ज कर ब्रांडेड कंपनी का हेलमेट दिया जाता है।
गोरखपुर देवरिया मार्ग स्थित एक शोरूम के एजेंट ने बताया कि उनके यहां बाइक के साथ हेलमेट अनिवार्य रूप से दिया जाता है, लेकिन इसके लिए ग्राहक से साढ़े सात सौ रुपये वसूल किए जाते हैं। मोहद्दीपुर स्थित एक अन्य बाइक शोरूम के एजेंट वीरेंद्र यादव ने बताया कि शुल्क लेकर ही हेलमेट देने का नियम है, अधिकतर ग्राहक खुद ही हेलमेट लेने से मना कर देते हैं, इसलिए जो मांगता है, उसे शुल्क लेकर हेलमेट दिया जाता है।
हेलमेट पहले से है तो देना होता है प्रमाण
नियम के अनुसार अगर किसी ग्राहक के पास हेलमेट पहले से उपलब्ध हो तो उसे इसका प्रमाण देना होता है। हेलमेट लेकर आने पर ही शोरूम से वाहन दिया जाता है। लेकिन, शोरूम संचालक इस नियम का उल्लंघन कर हैं। ज्यादातर ग्राहकों से हेलमेट होने का प्रमाण नहीं लिया जाता है।
विस्तार
गोरखपुर जिले में एमवी एक्ट में दो पहिया वाहन खरीदने पर साथ में आईएसआई मानक वाला हेलमेट अनिवार्य रूप से देने का प्रावधान होने के बावजूद, शहर के अधिकतर शोरूम संचालक ऐसा नहीं कर रहे हैं। दरअसल, ऑनलाइन पंजीकरण में हेलमेट की रसीद का नंबर डालने का विकल्प नहीं है, इसका ही फायदा शोरूम संचालक उठा रहे हैं।
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ऑफलाइन पंजीकरण में हेलमेट की रसीद अनिवार्य होती थी, लेकिन ऑनलाइन में यह व्यवस्था समाप्त होने के कारण संभागीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी भी इन शोरूम संचालकों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।
नए दोपहिया वाहन के साथ आईएसआई मार्का हेलमेट देना अनिवार्य
केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली 1989 के नियम 138 एफ के तहत शोरूम संचालक को दोपहिया वाहन के साथ ग्राहक को आईएसआई मानक वाला हेलमेट भी देना होता है। पंजीकरण के दस्तावेज में हेलमेट की रसीद भी लगानी होगी। एआरटीओ श्यामलाल के मुताबिक बाइक पंजीकरण आवेदन के साथ हेलमेट की रसीद लगाने का नियम पांच वर्ष से लागू है। जब आवेदन ऑफलाइन होते थे तो आवेदन पत्र में रसीद का लगाया जाना अनिवार्य था। वर्तमान में पंजीकरण आवेदन ऑनलाइन हो गया है, इसमें हेलमेट की रसीद लगाने का विकल्प नहीं है।
एक्सेसरीज में नहीं शामिल होता हेलमेट
अधिकतर शोरूम ग्राहकों को दोपहिया वाहन के साथ आठ सौ रुपये से डेढ़ हजार रुपये तक की एक्सेसरीज दे रहे हैं। इनमें फुटरेस्ट, सीट कवर, ग्रिप कवर, साड़ी गार्ड आदि शामिल हैं, लेकिन हेलमेट नहीं। मोहद्दीपुर स्थित एक बाइक शोरूम के एजेंट विशाल का कहना है कि बाइक के साथ हेलमेट नहीं दिया जाता है। यदि कोई ग्राहक मांग करता है तो एक हजार रुपये अतिरिक्त चार्ज कर ब्रांडेड कंपनी का हेलमेट दिया जाता है।
गोरखपुर देवरिया मार्ग स्थित एक शोरूम के एजेंट ने बताया कि उनके यहां बाइक के साथ हेलमेट अनिवार्य रूप से दिया जाता है, लेकिन इसके लिए ग्राहक से साढ़े सात सौ रुपये वसूल किए जाते हैं। मोहद्दीपुर स्थित एक अन्य बाइक शोरूम के एजेंट वीरेंद्र यादव ने बताया कि शुल्क लेकर ही हेलमेट देने का नियम है, अधिकतर ग्राहक खुद ही हेलमेट लेने से मना कर देते हैं, इसलिए जो मांगता है, उसे शुल्क लेकर हेलमेट दिया जाता है।
हेलमेट पहले से है तो देना होता है प्रमाण
नियम के अनुसार अगर किसी ग्राहक के पास हेलमेट पहले से उपलब्ध हो तो उसे इसका प्रमाण देना होता है। हेलमेट लेकर आने पर ही शोरूम से वाहन दिया जाता है। लेकिन, शोरूम संचालक इस नियम का उल्लंघन कर हैं। ज्यादातर ग्राहकों से हेलमेट होने का प्रमाण नहीं लिया जाता है।
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