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कोरोना महामारी के बाद दिल्ली में पहली बार कश्मीरी पंडितों की कहानी के साथ थिएटर की शुरुआत हो रही है। कश्मीर की उस अन्याय की आग को नाटकीय रूपांतरण करके लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। 'रिफ्यूजी कैम्प' नामक किताब 2018 की बेस्टसेलर बुक रही है। इसका सक्षम ग्रुप के द्वारा 25 फरवरी को साढ़े पांच बजे दिल्ली के प्रतिष्ठित कमानी ऑडीटोरियम में नाटकीय रूपांतरण होने जा रहा है।
'रिफ्यूजी कैंप' आशीष कौल ने प्रस्तुत किया है, जो मीडिया के दिग्गज और एक बिज़नेस लीडर हैं। उन्होंने विभिन्न समूहों का नेतृत्व किया है। वे रिफ्यूजी कैंप, दिद्दा दी वॉरियर क्वीन ऑफ कश्मीर, रक्त गुलाब, स्त्री देश समेत अन्य बेस्टसेलर बुक के लेखक हैं। वे कश्मीर के भूले हुए इतिहास को याद दिलाने के साथ-साथ सक्रिय रूप से युवाओं को आतंक के खिलाफ एक कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
'रिफ्यूजी कैम्प' कश्मीर और कश्मीरी पंडितों पर लिखी किताब पर आधारित पहली मंचीय प्रस्तुति है। 'रिफ्यूजी कैंप' नाटक कश्मीरी पंडितों द्वारा बिताए गए दर्द भरे अतीत पर आधारित है। यह न केवल कश्मीर की समस्या के बारे में बातचीत शुरू करने पर मजबूर करता है, बल्कि इस समस्या से बाहर आने का रास्ता भी बताता है।
रिफ्यूजी कैंप अभिमन्यु की कहानी है। उसके लीडर बनने की कहानी है। जिसने हजारों लोगों को घर वापस जाने के लिए प्रेरित किया। एक यात्रा जो घर वापसी की तरफ ले जाने की ओर थी। यह गंभीर विपत्तियों के सामने मानवीय भावना और विजय की एक जीवंत कहानी है।
नाटकीय प्रस्तुति के दौरान भारतीय उद्योग और मीडिया जगत के जाने-माने नाम शामिल होंगे। भाजपा नेता सुधांशु मित्तल, आईजीएनसीए सदस्य सचिव डॉ. सचिदानंद जोशी, प्रभात ग्रुप के एमडी पीयूष अग्रवाल आदि लोगों के शामिल होने की संभावना है।
कोरोना महामारी के बाद दिल्ली में पहली बार कश्मीरी पंडितों की कहानी के साथ थिएटर की शुरुआत हो रही है। कश्मीर की उस अन्याय की आग को नाटकीय रूपांतरण करके लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। 'रिफ्यूजी कैम्प' नामक किताब 2018 की बेस्टसेलर बुक रही है। इसका सक्षम ग्रुप के द्वारा 25 फरवरी को साढ़े पांच बजे दिल्ली के प्रतिष्ठित कमानी ऑडीटोरियम में नाटकीय रूपांतरण होने जा रहा है।
'रिफ्यूजी कैंप' आशीष कौल ने प्रस्तुत किया है, जो मीडिया के दिग्गज और एक बिज़नेस लीडर हैं। उन्होंने विभिन्न समूहों का नेतृत्व किया है। वे रिफ्यूजी कैंप, दिद्दा दी वॉरियर क्वीन ऑफ कश्मीर, रक्त गुलाब, स्त्री देश समेत अन्य बेस्टसेलर बुक के लेखक हैं। वे कश्मीर के भूले हुए इतिहास को याद दिलाने के साथ-साथ सक्रिय रूप से युवाओं को आतंक के खिलाफ एक कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
'रिफ्यूजी कैम्प' कश्मीर और कश्मीरी पंडितों पर लिखी किताब पर आधारित पहली मंचीय प्रस्तुति है। 'रिफ्यूजी कैंप' नाटक कश्मीरी पंडितों द्वारा बिताए गए दर्द भरे अतीत पर आधारित है। यह न केवल कश्मीर की समस्या के बारे में बातचीत शुरू करने पर मजबूर करता है, बल्कि इस समस्या से बाहर आने का रास्ता भी बताता है।
रिफ्यूजी कैंप अभिमन्यु की कहानी है। उसके लीडर बनने की कहानी है। जिसने हजारों लोगों को घर वापस जाने के लिए प्रेरित किया। एक यात्रा जो घर वापसी की तरफ ले जाने की ओर थी। यह गंभीर विपत्तियों के सामने मानवीय भावना और विजय की एक जीवंत कहानी है।
नाटकीय प्रस्तुति के दौरान भारतीय उद्योग और मीडिया जगत के जाने-माने नाम शामिल होंगे। भाजपा नेता सुधांशु मित्तल, आईजीएनसीए सदस्य सचिव डॉ. सचिदानंद जोशी, प्रभात ग्रुप के एमडी पीयूष अग्रवाल आदि लोगों के शामिल होने की संभावना है।