नोएडा। बंगलूरू स्थित शायकोकैन कॉरपोरेशन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित एडवांस वाल्व्स लिमिटेड की तीन बड़ी फैक्टरियों में 85 वायरस अटेन्यूएशन उपकरण स्थापित किए हैं। इस उपकरण के निर्माताओं का दावा है कि इसमें कोरोना वायरस को 99 फीसदी तक नष्ट करने की क्षमता है। दीवार पर लगाया जाने वाला शायकोकैन नाम का यह बेलनाकार उपकरण कंपनी के 600 से अधिक कर्मचारियों को अत्यधिक संक्रामक वायरस से बचाव में मदद करता है।
एडवांस वाल्व्स, नोएडा के ज्वाइंट एमडी प्रियांक गर्ग ने बताया कि कोरोना महामारी ने काम को बहुत अधिक बाधित किया है। हमारे कारखाने पिछले साल मार्च से बंद थे। सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पूर्ण संचालन शुरू करने से पहले ही मई के पहले सप्ताह से हमने आंशिक रूप से काम करना शुरू कर दिया था। हमारे सभी कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसलिए हमने शायकोकैन लगाने का फैसला किया। यह एक अत्याधुनिक तकनीक है जो उपयोगकर्ता के अनुकूल है और इनडोर में बेहद प्रभावी है। इसकी कीमत भी सिर्फ 25 हजार रुपये से शुरू होती है। शायकोकैन कारपोरेशन के सीईओ आलोक शर्मा ने कहा कि ये उपकरण कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा परिवार के सभी वर्तमान वेरिएंट और म्यूटेंट पर काम कर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।
शायकोकैन के आविष्कारक डॉ. राजाह विजय कुमार ने बताया कि यह सुपर अलॉय से बना विशेष उपकरण है जो उच्च तीव्रता के फ ोटॉन का उत्पादन करता है। किसी भी स्थान पर ठोस सतहों जैसे कि दीवारों, फर्नीचर, हवा में धूल के कणों आदि पर प्रहार करने पर, ये फ ोटॉन इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन करते हैं। इलेक्ट्रॉन, कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा परिवारों के अन्य वायरस के खोल पर पॉजिटिव प्रोटीन के साथ जुड़ जाते हैं और उसे बेअसर करते हैं। ऐसा कर अन्य लोगों को संक्रमित करने से रोकते हैं।
नोएडा। बंगलूरू स्थित शायकोकैन कॉरपोरेशन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित एडवांस वाल्व्स लिमिटेड की तीन बड़ी फैक्टरियों में 85 वायरस अटेन्यूएशन उपकरण स्थापित किए हैं। इस उपकरण के निर्माताओं का दावा है कि इसमें कोरोना वायरस को 99 फीसदी तक नष्ट करने की क्षमता है। दीवार पर लगाया जाने वाला शायकोकैन नाम का यह बेलनाकार उपकरण कंपनी के 600 से अधिक कर्मचारियों को अत्यधिक संक्रामक वायरस से बचाव में मदद करता है।
एडवांस वाल्व्स, नोएडा के ज्वाइंट एमडी प्रियांक गर्ग ने बताया कि कोरोना महामारी ने काम को बहुत अधिक बाधित किया है। हमारे कारखाने पिछले साल मार्च से बंद थे। सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पूर्ण संचालन शुरू करने से पहले ही मई के पहले सप्ताह से हमने आंशिक रूप से काम करना शुरू कर दिया था। हमारे सभी कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसलिए हमने शायकोकैन लगाने का फैसला किया। यह एक अत्याधुनिक तकनीक है जो उपयोगकर्ता के अनुकूल है और इनडोर में बेहद प्रभावी है। इसकी कीमत भी सिर्फ 25 हजार रुपये से शुरू होती है। शायकोकैन कारपोरेशन के सीईओ आलोक शर्मा ने कहा कि ये उपकरण कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा परिवार के सभी वर्तमान वेरिएंट और म्यूटेंट पर काम कर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।
शायकोकैन के आविष्कारक डॉ. राजाह विजय कुमार ने बताया कि यह सुपर अलॉय से बना विशेष उपकरण है जो उच्च तीव्रता के फ ोटॉन का उत्पादन करता है। किसी भी स्थान पर ठोस सतहों जैसे कि दीवारों, फर्नीचर, हवा में धूल के कणों आदि पर प्रहार करने पर, ये फ ोटॉन इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन करते हैं। इलेक्ट्रॉन, कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा परिवारों के अन्य वायरस के खोल पर पॉजिटिव प्रोटीन के साथ जुड़ जाते हैं और उसे बेअसर करते हैं। ऐसा कर अन्य लोगों को संक्रमित करने से रोकते हैं।