गुरुग्राम। अरावली में एक फिर से माफिया सक्रिय हो गए हैं। जिम्मेदरों की सुस्ती माफिया का हौसला बढ़ा रही है, यही कारण है कि अरावली में फिर से अवैध कब्जों का खेल शुरू हो गया है। यहां फिर से अवैध फार्म हाउस का निर्माण शुरू कर दिया है। ताजा मामला सोहना क्षेत्र के मोहम्मद गुर्जर गांव का है, जहां अरावली की तलहटी में पहाड़ काट कर फार्म हाउस की चारदीवारी तैयार की जा रही है।
करीब 10 एकड़ में पहाड़ और मिट्टी काट कर फार्म हाउस विकसित किया जा रहा है। अरावली से निकलने वाले पत्थरों को निर्माण में इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि मिट्टी से रास्ता आदि दुरुस्त किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि कार्रवाई के डर के कारण यहां रात के अंधेरे में निर्माण कार्य किया जा रहा है। गुमराह करने के लिए यहां दिन में काम बंद रहता है। हैरानी की बात यह वन विभाग और सोहना नगर परिषद दोनों ही इस खेल से अनजान हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायत और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के बाद सितंबर-अक्तूबर में यहां हर तरह का निर्माण बंद हो गया था। वन विभाग के साथ ही दूसरे संबंधित विभागों ने अवैध कब्जाधारियों को धड़ाधड़ नोटिस थमाकर अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इससे अवैध कब्जाधारी सकते में आ गए। इन दो महीनों के भीतर ही अकेले सोहना में ही 1200 के करीब नोटिस दिए गए थे।
नगर परिषद अनजान
विकसित हो रहे फार्म हाउस के बारे में जब नगर परिषद सोहना के कार्यकारी अधिकारी डॉ. अतर सिंह से बात की तो उन्होंने इस तरह की किसी भी गतिविधि से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में अभी कोई मामला नहीं आया है। उन्हें क्षेत्र के मोहम्म्दपुर गुर्जर गांव की ही जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी, अगर कहीं लापरवाही या अनियमितता बरती जा रही है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग भी झाड़ रहा पल्ला
इस बारे में एक जिम्मेदार अधिकारी ने कहा कि यह वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। गैर मुमकिन पहाड़ का मामला नगर परिषद या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देखता है। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी।
गुरुग्राम। अरावली में एक फिर से माफिया सक्रिय हो गए हैं। जिम्मेदरों की सुस्ती माफिया का हौसला बढ़ा रही है, यही कारण है कि अरावली में फिर से अवैध कब्जों का खेल शुरू हो गया है। यहां फिर से अवैध फार्म हाउस का निर्माण शुरू कर दिया है। ताजा मामला सोहना क्षेत्र के मोहम्मद गुर्जर गांव का है, जहां अरावली की तलहटी में पहाड़ काट कर फार्म हाउस की चारदीवारी तैयार की जा रही है।
करीब 10 एकड़ में पहाड़ और मिट्टी काट कर फार्म हाउस विकसित किया जा रहा है। अरावली से निकलने वाले पत्थरों को निर्माण में इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि मिट्टी से रास्ता आदि दुरुस्त किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि कार्रवाई के डर के कारण यहां रात के अंधेरे में निर्माण कार्य किया जा रहा है। गुमराह करने के लिए यहां दिन में काम बंद रहता है। हैरानी की बात यह वन विभाग और सोहना नगर परिषद दोनों ही इस खेल से अनजान हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायत और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के बाद सितंबर-अक्तूबर में यहां हर तरह का निर्माण बंद हो गया था। वन विभाग के साथ ही दूसरे संबंधित विभागों ने अवैध कब्जाधारियों को धड़ाधड़ नोटिस थमाकर अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इससे अवैध कब्जाधारी सकते में आ गए। इन दो महीनों के भीतर ही अकेले सोहना में ही 1200 के करीब नोटिस दिए गए थे।
नगर परिषद अनजान
विकसित हो रहे फार्म हाउस के बारे में जब नगर परिषद सोहना के कार्यकारी अधिकारी डॉ. अतर सिंह से बात की तो उन्होंने इस तरह की किसी भी गतिविधि से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में अभी कोई मामला नहीं आया है। उन्हें क्षेत्र के मोहम्म्दपुर गुर्जर गांव की ही जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी, अगर कहीं लापरवाही या अनियमितता बरती जा रही है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग भी झाड़ रहा पल्ला
इस बारे में एक जिम्मेदार अधिकारी ने कहा कि यह वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। गैर मुमकिन पहाड़ का मामला नगर परिषद या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देखता है। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी।