गुरुग्राम। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में हुए हिंसक आंदोलन का डर लोगों में अगले दिन भी दिखा। बुधवार को भी आंदोलन की आशंका में लोगों ने दिल्ली जाने से दूरी बनाई। हालांकि गुरुग्राम से दिल्ली जाने के लिए यलो लाइन पर बुधवार को मेट्रो सेवाएं सामान्य रही। बावजूद इसके कम ही यात्री नजर आए। वहीं यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा मेट्रो रूट के सामान्य रहने की सूचना लोगों को देता रहा।
मंगलवार को दिल्ली में किसानों द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर येलो और ग्रीन लाइन के स्टेशनों को बंद कर दिया गया था। ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर बुधवार को भी मेट्रो रूट प्रभावित रहने की आशंका रही। इससे पहले भी किसान आंदोलन की शुरुआत में मेट्रो सेवाएं डेढ़ दिन के लिए प्रभावित रहीं थी। मेट्रो से दिल्ली जाने वाली नाजिया ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर हुए उग्र किसान आंदोलन के बाद उन्हें अगले दिन भी मेट्रो सेवाएं प्रभावित होने का डर था। ऐसे में वह कैब की मदद से कार्यालय पहुंची हैं। वहीं मोनिका ने बताया कि किसान आंदोलन को देखते हुए उन्होंने अपने कार्यालय से अवकाश ले लिया है। वह नई दिल्ली तक मेट्रो से ही पहुंचती हैं।
गुरुग्राम। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में हुए हिंसक आंदोलन का डर लोगों में अगले दिन भी दिखा। बुधवार को भी आंदोलन की आशंका में लोगों ने दिल्ली जाने से दूरी बनाई। हालांकि गुरुग्राम से दिल्ली जाने के लिए यलो लाइन पर बुधवार को मेट्रो सेवाएं सामान्य रही। बावजूद इसके कम ही यात्री नजर आए। वहीं यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा मेट्रो रूट के सामान्य रहने की सूचना लोगों को देता रहा।
मंगलवार को दिल्ली में किसानों द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर येलो और ग्रीन लाइन के स्टेशनों को बंद कर दिया गया था। ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर बुधवार को भी मेट्रो रूट प्रभावित रहने की आशंका रही। इससे पहले भी किसान आंदोलन की शुरुआत में मेट्रो सेवाएं डेढ़ दिन के लिए प्रभावित रहीं थी। मेट्रो से दिल्ली जाने वाली नाजिया ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर हुए उग्र किसान आंदोलन के बाद उन्हें अगले दिन भी मेट्रो सेवाएं प्रभावित होने का डर था। ऐसे में वह कैब की मदद से कार्यालय पहुंची हैं। वहीं मोनिका ने बताया कि किसान आंदोलन को देखते हुए उन्होंने अपने कार्यालय से अवकाश ले लिया है। वह नई दिल्ली तक मेट्रो से ही पहुंचती हैं।