मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) ने 2014 में एक सड़क हादसे में मरने वाले लड़के के परिजनों को 17.35 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हालांकि आर्थिक मदद से जान के नुकसान को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
वर्ष 2014 में 15 दिसंबर की रात लड़के ने एक ट्रक में लिफ्ट ली थी। वह ट्रक बाद में पलट गया था, जिसमें लड़के की मौत हो गई थी। उसी ट्रक पर सवार दूसरी सवारी महबूब मामले में एकलौता गवाह था। उसके बयान के आधार पर नरेला पुलिस ने केस दर्ज किया था। ट्रक चला रहे वाहन मालिक रविंद्र कुमार ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया था। उसका कहना था कि हादसा सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक की वजह से हुआ था।
कोर्ट ने बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के दावे को खारिज कर दिया कि ट्रक एक व्यापारिक वाहन है और लड़के ने अपने मन से लिफ्ट ली थी। इसलिए उसे मुआवजा नहीं देना होगा।
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मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) ने 2014 में एक सड़क हादसे में मरने वाले लड़के के परिजनों को 17.35 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हालांकि आर्थिक मदद से जान के नुकसान को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
वर्ष 2014 में 15 दिसंबर की रात लड़के ने एक ट्रक में लिफ्ट ली थी। वह ट्रक बाद में पलट गया था, जिसमें लड़के की मौत हो गई थी। उसी ट्रक पर सवार दूसरी सवारी महबूब मामले में एकलौता गवाह था। उसके बयान के आधार पर नरेला पुलिस ने केस दर्ज किया था। ट्रक चला रहे वाहन मालिक रविंद्र कुमार ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया था। उसका कहना था कि हादसा सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक की वजह से हुआ था।
कोर्ट ने बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के दावे को खारिज कर दिया कि ट्रक एक व्यापारिक वाहन है और लड़के ने अपने मन से लिफ्ट ली थी। इसलिए उसे मुआवजा नहीं देना होगा।