न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Mohit Mudgal
Updated Mon, 05 Oct 2020 06:10 PM IST
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने राष्ट्रपति को पत्र लिख यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। हाथरस प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि वह सरकार का तोता है।
उन्होंने मांग की है कि हाथरस प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों का पैनल करे। उन्होंने यूपी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश में जातिगत दंगे कराने की साजिश कर रही है। यूपी सरकार अपराधियों के साथ खड़ी है।
चंद्रशेखर ने कहा कि जांच करने वाले जज भी दलित समाज से होंगे तभी निष्पक्ष जांच हो सकती है। उन्होंने कहा कि हाथरस में एक समुदाय विशेष, दलितों के खिलाफ पंचायत कर रहा है और सरकार मौन बैठी है।
इसके साथ ही चंद्रशेखर ने पीड़ित परिवार को अपने साथ सहारनपुर या दिल्ली अपने घर लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि न्याय नहीं मिलने पर वे यूपी विधानसभा का घेराव करेंगे।
चंद्रशेखर ने कहा कि लखनऊ में सामान्य वर्ग के विवेक तिवारी की हत्या पर सरकार ने तत्काल सरकारी नौकर दे दी। लेकिन हाथरस दुष्कर्म में पीड़ित परिवार को दलित होने की वजह से अब तक नौकरी नहीं दी गई। सरकार जाति के आधार पर कार्रवाई कर रही है।
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने राष्ट्रपति को पत्र लिख यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। हाथरस प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि वह सरकार का तोता है।
उन्होंने मांग की है कि हाथरस प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों का पैनल करे। उन्होंने यूपी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश में जातिगत दंगे कराने की साजिश कर रही है। यूपी सरकार अपराधियों के साथ खड़ी है।
चंद्रशेखर ने कहा कि जांच करने वाले जज भी दलित समाज से होंगे तभी निष्पक्ष जांच हो सकती है। उन्होंने कहा कि हाथरस में एक समुदाय विशेष, दलितों के खिलाफ पंचायत कर रहा है और सरकार मौन बैठी है।
इसके साथ ही चंद्रशेखर ने पीड़ित परिवार को अपने साथ सहारनपुर या दिल्ली अपने घर लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि न्याय नहीं मिलने पर वे यूपी विधानसभा का घेराव करेंगे।
चंद्रशेखर ने कहा कि लखनऊ में सामान्य वर्ग के विवेक तिवारी की हत्या पर सरकार ने तत्काल सरकारी नौकर दे दी। लेकिन हाथरस दुष्कर्म में पीड़ित परिवार को दलित होने की वजह से अब तक नौकरी नहीं दी गई। सरकार जाति के आधार पर कार्रवाई कर रही है।