न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Tue, 06 Oct 2020 10:18 PM IST
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जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग के भिंडियालीगाड़ क्षेत्र में एक बार फिर भूस्खलन सक्रिय होने से प्रशासन ने यमुनोत्री धाम की यात्रा पर रोक लगा दी। मंगलवार सुबह करीब आठ बजे तक धाम की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई। इस दौरान मार्ग बाधित होने से करीब 100 तीर्थयात्री धाम में ही फंस गए, जिन्हें पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने तीन घंटे रेस्क्यू अभियान चलाकर सुरक्षित निकाला।
जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग के भिंडियालीगाड़ क्षेत्र में विगत 11 सितंबर को अचानक भारी भूस्खलन शुरू हुआ था। इस कारण मार्ग का करीब 150 मीटर हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया था। घटना के बाद सुरक्षित आवाजाही के लिए प्रशासन ने यात्रा रोक कर वैकल्पिक मार्ग बनाया था, लेकिन सोमवार देर रात से इस हिस्से में एक बार फिर रुक-रुक कर भूस्खलन शुरू हो गया।
वैकल्पिक मार्ग तक मलबा बोल्डर आने से मंगलवार सुबह करीब आठ बजे तक धाम की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। इस बीच मार्ग बाधित हो जाने से करीब 100 तीर्थयात्री धाम में ही फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए पुलिस व एसडीआरएफ के विपिन आर्य, आशीष बिष्ट, प्रदीप राणा, इंतजार अली, खुशीराम, सुरेंद्र, जालम आदि जवानों ने तेजी से रेसक्यू अभियान चलाया। करीब तीन घंटों तक चले रेसक्यू अभियान के बाद जवानों ने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक सकुशल पहुंचा दिया।
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए एसडीएम चतर सिंह चौहान ने यमुनोत्री धाम की यात्रा रोक कर सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों में ठहराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मार्ग सुरक्षित होते ही यमुनोत्री धाम में दोबारा आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।
वहीं लोनिवि के साइट इंचार्ज रविंद्र चौहान ने बताया कि बिना बारिश के हो रहे इस भूस्खलन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस कारण अब वैकल्पिक भी जोखिम भरा हो गया है। भूस्खलन रुकने के बाद ही मार्ग खोलने का कार्य आरंभ किया जा सकेगा।
यात्रा रुकने पर तीर्थपुरोहितों ने जताई चिंता
हले लॉकडाउन और अब बार-बार हो रहे भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित होने पर यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहितों ने चिंता जाहिर की है। प्यारेलाल उनियाल, चंद्रकांत उनियाल, कुलदीप उनियाल आदि पुरोहितों ने कहा कि चारधाम यात्रा ही स्थानीय लोगों की आर्थिकी का प्रमुख स्रोत है, लेकिन इस साल पहले लॉकडाउन और अब भिंडियालीगाड़ में हो रहे भूस्खलन ने यात्रा को प्रभावित कर दिया है। उन्होंने प्रशासन से भूस्खलन जोन के उपचार की मांग की है। साथ ही भूस्खलन का ट्रीटमेंट होने तक जल्द सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग की।
जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग के भिंडियालीगाड़ क्षेत्र में एक बार फिर भूस्खलन सक्रिय होने से प्रशासन ने यमुनोत्री धाम की यात्रा पर रोक लगा दी। मंगलवार सुबह करीब आठ बजे तक धाम की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई। इस दौरान मार्ग बाधित होने से करीब 100 तीर्थयात्री धाम में ही फंस गए, जिन्हें पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने तीन घंटे रेस्क्यू अभियान चलाकर सुरक्षित निकाला।
जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग के भिंडियालीगाड़ क्षेत्र में विगत 11 सितंबर को अचानक भारी भूस्खलन शुरू हुआ था। इस कारण मार्ग का करीब 150 मीटर हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया था। घटना के बाद सुरक्षित आवाजाही के लिए प्रशासन ने यात्रा रोक कर वैकल्पिक मार्ग बनाया था, लेकिन सोमवार देर रात से इस हिस्से में एक बार फिर रुक-रुक कर भूस्खलन शुरू हो गया।
वैकल्पिक मार्ग तक मलबा बोल्डर आने से मंगलवार सुबह करीब आठ बजे तक धाम की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। इस बीच मार्ग बाधित हो जाने से करीब 100 तीर्थयात्री धाम में ही फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए पुलिस व एसडीआरएफ के विपिन आर्य, आशीष बिष्ट, प्रदीप राणा, इंतजार अली, खुशीराम, सुरेंद्र, जालम आदि जवानों ने तेजी से रेसक्यू अभियान चलाया। करीब तीन घंटों तक चले रेसक्यू अभियान के बाद जवानों ने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक सकुशल पहुंचा दिया।
तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों में ठहराया
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए एसडीएम चतर सिंह चौहान ने यमुनोत्री धाम की यात्रा रोक कर सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों में ठहराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मार्ग सुरक्षित होते ही यमुनोत्री धाम में दोबारा आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।
वहीं लोनिवि के साइट इंचार्ज रविंद्र चौहान ने बताया कि बिना बारिश के हो रहे इस भूस्खलन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस कारण अब वैकल्पिक भी जोखिम भरा हो गया है। भूस्खलन रुकने के बाद ही मार्ग खोलने का कार्य आरंभ किया जा सकेगा।
यात्रा रुकने पर तीर्थपुरोहितों ने जताई चिंता
हले लॉकडाउन और अब बार-बार हो रहे भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित होने पर यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहितों ने चिंता जाहिर की है। प्यारेलाल उनियाल, चंद्रकांत उनियाल, कुलदीप उनियाल आदि पुरोहितों ने कहा कि चारधाम यात्रा ही स्थानीय लोगों की आर्थिकी का प्रमुख स्रोत है, लेकिन इस साल पहले लॉकडाउन और अब भिंडियालीगाड़ में हो रहे भूस्खलन ने यात्रा को प्रभावित कर दिया है। उन्होंने प्रशासन से भूस्खलन जोन के उपचार की मांग की है। साथ ही भूस्खलन का ट्रीटमेंट होने तक जल्द सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग की।