राजधानी देहरादून की सड़कों के दोनों ओर की दीवारों पर हुई पुताई आजकल सबको आगामी विधानसभा चुनाव की आहट का अहसास करा रही है, लेकिन यह अहसास जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर तैयार हो रहा है।
दरअसल, आजकल राजधानी में दीवारों पर पेंटिंग का प्रचलन जोरों पर है। जगह-जगह प्रत्याशियों ने अपने हक में प्रचार-प्रसार लिखी हुई पेंटिंग बनवाई है। कहीं कमल खिल रहा है तो कहीं हाथ लहरा रहा है। कहीं झाडू का चित्र बना है तो कहीं हाथी नजर आ रहा है।
प्रेमनगर में बनाया गया पुश्ता तो इस बार के चुनाव में दावेेदारों के लिए सबसे हॉट स्पॉट बन गया है। शहर की तमाम गली-मोहल्लों के साथ ही फ्लाईओवर के पिलरों पर भी प्रचार शुरू कर दिया गया है। ऐसे में तेजी से बढ़ रहा यह प्रचार जिला प्रशासन को 24 घंटे के भीतर हटाने में पसीने छूट जाएंगे।
दरअसल, नियम के हिसाब से जिस दिन आचार संहिता लागू होगी, उसके 24 घंटे के भीतर जिला प्रशासन (नियमानुसार दावेदारों को) को सभी पेंटिंग हटानी होगी। जो पेंटिंग महीनों से हो रही है, उसे महज 24 घंटे के भीतर मिटाना जिला निर्वाचन अधिकारी के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। निर्वाचन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अभी आचार संहिता लागू नहीं हुई है, इसलिए इससे पहले इस पर लगाम लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।
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राजधानी देहरादून की सड़कों के दोनों ओर की दीवारों पर हुई पुताई आजकल सबको आगामी विधानसभा चुनाव की आहट का अहसास करा रही है, लेकिन यह अहसास जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर तैयार हो रहा है।
दरअसल, आजकल राजधानी में दीवारों पर पेंटिंग का प्रचलन जोरों पर है। जगह-जगह प्रत्याशियों ने अपने हक में प्रचार-प्रसार लिखी हुई पेंटिंग बनवाई है। कहीं कमल खिल रहा है तो कहीं हाथ लहरा रहा है। कहीं झाडू का चित्र बना है तो कहीं हाथी नजर आ रहा है।
प्रेमनगर में बनाया गया पुश्ता तो इस बार के चुनाव में दावेेदारों के लिए सबसे हॉट स्पॉट बन गया है। शहर की तमाम गली-मोहल्लों के साथ ही फ्लाईओवर के पिलरों पर भी प्रचार शुरू कर दिया गया है। ऐसे में तेजी से बढ़ रहा यह प्रचार जिला प्रशासन को 24 घंटे के भीतर हटाने में पसीने छूट जाएंगे।
दरअसल, नियम के हिसाब से जिस दिन आचार संहिता लागू होगी, उसके 24 घंटे के भीतर जिला प्रशासन (नियमानुसार दावेदारों को) को सभी पेंटिंग हटानी होगी। जो पेंटिंग महीनों से हो रही है, उसे महज 24 घंटे के भीतर मिटाना जिला निर्वाचन अधिकारी के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। निर्वाचन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अभी आचार संहिता लागू नहीं हुई है, इसलिए इससे पहले इस पर लगाम लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।