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संत निरंकारी मिशन की पांचवीं सद्गुरु माता सविंदर हरदेव महाराज का इस हिल स्टेशन से गहरा नाता रहा है। वह अक्सर यहां आती रहती थीं।
संत निरंकारी मंडल के उत्तराखंड जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने बताया कि कुछ वर्ष पहले वह अपने पति स्व. बाबा हरदेव सिंह के साथ हर वर्ष मसूरी आया करती थीं। यहां वह मई और जून दो माह निवास करती थीं। हालांकि, बीते वर्ष बीमारी के कारण वह मसूरी नहीं आ पाईं। माता सविंदर मसूरी में संत निरंकारी मिशन के पुनीत कार्यों में भी प्रतिभाग करती थीं।
रविवार देर शाम माता सविंदर हरदेव महाराज के निधन की सूचना मिलते ही नगर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके अनुयायी कैमल बैक रोड स्थित निरंकारी भवन की ओर दौड़ पड़े। संत निरंकारी मंडल उत्तराखंड जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने बताया सोमवार को निरंकारी भवन मसूरी में शोक सभा का आयोजन कर माता सविंदर हरदेव महाराज को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
निरंकारी मिशन के अनुसार, माता सविंदर लंबे समय से बीमार थीं। रविवार शाम 5.40 बजे दिल्ली के संत निरंकारी सत्संग भवन में उन्होंने आखिरी सांस ली और अपना शरीर त्याग दिया। हरभजन सिंह ने बताया कि मंगलवार को सुबह उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में अनुयायी दिल्ली रवाना होंगे।
उन्होंने बताया कि माता सविंदर का मसूरी के प्रति के गहरा लगाव था। मसूरी प्रवास के दौरान निरंकारी मिशन की ओर से लगने वाले रक्तदान शिविरों में वह खुद भी रक्तदान करती थीं। यहां स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उन्होंने एंबुलेंस, शव वाहन, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, सिलाई सेंटर समेत कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। वर्ष 1966 में मसूरी के वेवरली कान्वेंट स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर वह 1973 में पास आउट हुईं।
वेवरली स्कूल में उनकी शिक्षिका रहीं बीना भरद्वाज बताती हैं कि सविंदर स्कूल में बहुत ही आज्ञाकारी एवं होनहार छात्रा थीं। माता सविंदर हरदेव महाराज के निधन पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, जोत सिंह गुनसोला, रजत अग्रवाल, विजय रमोला, जशवीर कौर, पुष्पा पडियार, मीरा सकलानी, गीता कुमाई, बबीता मित्तल, अनुज गुप्ता महेश चंद, मेघ सिंह कंडारी आदि ने शोक जताया है।
संत निरंकारी मिशन की पांचवीं सद्गुरु माता सविंदर हरदेव महाराज का इस हिल स्टेशन से गहरा नाता रहा है। वह अक्सर यहां आती रहती थीं।
संत निरंकारी मंडल के उत्तराखंड जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने बताया कि कुछ वर्ष पहले वह अपने पति स्व. बाबा हरदेव सिंह के साथ हर वर्ष मसूरी आया करती थीं। यहां वह मई और जून दो माह निवास करती थीं। हालांकि, बीते वर्ष बीमारी के कारण वह मसूरी नहीं आ पाईं। माता सविंदर मसूरी में संत निरंकारी मिशन के पुनीत कार्यों में भी प्रतिभाग करती थीं।
रविवार देर शाम माता सविंदर हरदेव महाराज के निधन की सूचना मिलते ही नगर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके अनुयायी कैमल बैक रोड स्थित निरंकारी भवन की ओर दौड़ पड़े। संत निरंकारी मंडल उत्तराखंड जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने बताया सोमवार को निरंकारी भवन मसूरी में शोक सभा का आयोजन कर माता सविंदर हरदेव महाराज को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
लंबे समय से बीमार थीं माता सविंदर
निरंकारी मिशन के अनुसार, माता सविंदर लंबे समय से बीमार थीं। रविवार शाम 5.40 बजे दिल्ली के संत निरंकारी सत्संग भवन में उन्होंने आखिरी सांस ली और अपना शरीर त्याग दिया। हरभजन सिंह ने बताया कि मंगलवार को सुबह उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में अनुयायी दिल्ली रवाना होंगे।
उन्होंने बताया कि माता सविंदर का मसूरी के प्रति के गहरा लगाव था। मसूरी प्रवास के दौरान निरंकारी मिशन की ओर से लगने वाले रक्तदान शिविरों में वह खुद भी रक्तदान करती थीं। यहां स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उन्होंने एंबुलेंस, शव वाहन, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, सिलाई सेंटर समेत कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। वर्ष 1966 में मसूरी के वेवरली कान्वेंट स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर वह 1973 में पास आउट हुईं।
वेवरली स्कूल में उनकी शिक्षिका रहीं बीना भरद्वाज बताती हैं कि सविंदर स्कूल में बहुत ही आज्ञाकारी एवं होनहार छात्रा थीं। माता सविंदर हरदेव महाराज के निधन पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, जोत सिंह गुनसोला, रजत अग्रवाल, विजय रमोला, जशवीर कौर, पुष्पा पडियार, मीरा सकलानी, गीता कुमाई, बबीता मित्तल, अनुज गुप्ता महेश चंद, मेघ सिंह कंडारी आदि ने शोक जताया है।