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world's the largest ramoji film city in hyderabad, interesting facts and profile
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ऐसी फिल्मी दुनिया, जहां मनाएं छुट्टियां, फुल मस्ती, मैजिक और रोमांच
विजय जैन/अमर उजाला, हैदराबाद से लौट कर
Updated Tue, 02 Aug 2016 04:43 PM IST
वीकेंड में फैमिली सहित घूमने का प्लान है तो आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित होगा 'रामोजी फिल्म सिटी'। दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करवा चुकी 'रामोजी फिल्म सिटी' में आपको ट्रैवलिंग का हर एक्पीरिएंस मिलेगा।
हैदराबाद से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित करीब 2000 एकड़ में बनी फिल्मसिटी में वैसे तो फिल्मों की शूटिंग के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है लेकिन यहां पर्यटकों के लिए पचास से अधिक छोटे-बड़े मनमोहक उद्यान हैं।
जापानी गार्डन, डेजर्ट गार्डन और कोम्बो गार्डन इन्हीं खूबसूरत गार्डन में से एक हैं। खास बात ये है कि फिल्म निर्माण से जुड़ी हर बारीकियां यहां दिखाई जाती हैं। इसके अलावा म्यूजिक मैजिक, स्टंट शो, स्पेस यात्रा और एडवेंचर यहां की विशेष खासियत हैं।
किसने और क्यों बनाई फिल्म सिटी, क्या है इतिहास?
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
दक्षिण भारत के मशहूर फिल्म निर्माता और पद्मविभूषित रामोजी राव ने इस फिल्म सिटी को 1996 में बसाया था। फिल्म निर्माण से जुड़ी मुश्किलों को देखते हुए उन्होंने ऐसी फिल्म सिटी की कल्पना की थी, जिसमें ऐसा कहा जाता है कि फिल्म मेकर यहां सिर्फ स्क्रिप्ट लेकर आते और बनी हुई फिल्म लेकर वापस जाते हैं। यहां हर साल करीब 200 फिल्मों की शूटिंग होती है। अब तक यहां करीब 2000 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
इसमें हिंदी, भोजपुरी, तेलगू, तमिल, कन्नड़, मल्यालम, बंगाली, उड़िया और अन्य भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। हिंदी फिल्मों में यहां कृष-3, जय हो, रोबोट, किस्मत कनेक्शन, सरकार राज, गोलमाल, हिम्मतवाला, चेन्नई एक्सप्रेस और दिलवाले आदि शामिल हैं। बाहुबली फिल्म की पूरी शूटिंग यही हुई थी, अब बाहुबली, पार्ट-2 की शूटिंग चल रही है।
रामोजी फिल्म सिटी में खास क्या?
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
फिल्मों की बारिश कैसे होती है, बिजली कैसे गरजती है। एक्शन सीन कैसे बनते हैं। शूटिंग के दौरान सड़कें कैसे खाली दिखती हैं। फिल्मों में रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट कैसे होते हैं।
फिल्मों के शहर कैसे होते हैं, गांव कैसे होते हैं? बिल्डिंग कैसे मल्टीपर्पस हो सकती हैं, यानि एक ही बिल्डिंग को चार अलग अलग ढंग से एक फिल्म में कैसे प्रयोग किया जाता है?
बम बलास्ट का सीन कैसे फिल्माया जाता है। रोमांटिंक सीन कहां होते हैं। उदास गीत कहां फिल्माए जाते हैं। हॉलीवुड की लोकेशंस कैसे क्रिएट जाती हैं। इन सबके बारे में न सिर्फ जानना, ब्लकि रामोजी फिल्मसिटी में देखना भी एक सुखद अनुभव है।
रोजाना 750 कलाकार करते हैं मनोरंजन
रामोजी फिल्मसिटी में सुबह की शुरुआत यूरेका के प्रांगण में ग्रैंड ओपनिंग से होती है। विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार कला का प्रदर्शन करते हैं। शाम को समापन कार्यक्रम में सांस्कृतिक संध्या होती है। देश भर से आए करीब 750 कलाकार किसी न किसी रूप में सैलानियों का मनोरंजन करने को तैयार रहते हैं।
वाइल्ड वेस्ट स्टंट शो दर्शकों का सबसे पसंदीदा कार्यक्रम होता है। इसमें कई खतरनाक स्टंट दृश्यों को दर्शकों के सामने साकार किया जाता है। नकली फाइटिंग, नकली फायरिंग, दीवार का गिरना, छत से कूदना जैसे कई फिल्मी स्टंट यहां वास्तविक रूप में दिखा दिए जाते है, जिन्हें देख पर्यटक भौंचक्के रह जाते हैं।
साहस है सबके लिए
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
एडवेंचर के शौकीनों के लिए साहस को ऐसे तैयार किया गया है, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और जवान एडवेंचर एक्टीविटीज में शामिल हो सकते हैं। धड़कन बढ़ाने वाली गतिविधियों के बीच खुद का आत्मविश्वास बढ़ता है तो खुद की काबिलियत बढ़ाने का मौका भी।
समय-समय पर कार्निवाल
रामोजी फिल्मसिटी में समय समय पर कार्निवाल होते हैं। दशहरा-दिवाली, दिसंबर-न्यू ईयर या गर्मियों की छुट्टियों में इसका आयोजन होता है, जो कुछ हफ्तों तक चलता रहता है। इस दौरान कार्निवाल परेड में होती है, जिसमें जोकर, डांसर्स, बाजीगर और तमाम खुशी के रंग शामिल होते हैं।
रामोजी फिल्म सिटी की कुछ खास बातें
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
1. रामोजी फिल्म सिटी में पर्यटकों को लुभाने के लिए दो-चार नहीं, बल्कि पचास से अधिक छोटे बड़े मनमोहक उद्यान हैं। इनमें हर रंग के फूलों की अभूतपूर्व छटा बिखरी हुई है। ड्रीम वैली पार्क में फव्वारों के इर्द-गिर्द टहलते युगल कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं जैसे सपनों की घाटी में आ पहुंचे हो।
2. अम्ब्रेला गार्डन में तो फूलों से बनी छतरियों की कतारें हैं। इन पर लाल और सफेद रंग के फूलों की घाटी सी फैली है। एनीमल गार्डन में बहुत से वन्य प्राणियों की हरी-भरी आकृतियां खड़ी हैं। ऐसा लगता है जैसे किसी अभ्यारण्य में पहुंच गए हों।
3. एक जगह चाय बागान के दृश्य को साकार किया गया है, जहां दर्शकों को आसाम या दार्जिलिंग में होने का आभास होता है। जापानी गार्डन में सैलानियों को ऐसा लगता है जैसे वे जापान ही पहुंच गए हो। इसी तरह डेजर्ट गार्डन और कोम्बो गार्डन की जीवंत दृश्यावली भी नवविवाहित युगलों का मन मोह लेती है।
4. इन्हीं सड़कों के बीच स्थित एंजेल्स फाउन्टेन भी बेहद आकर्षक है। रोमन कला के इस सुंदर नमूने को देख प्रेमी युगलों के हृदय में एक अनोखा स्पंदन होता है। वहीं पास ही पांच भव्य प्रतिमाओं के रूप में पश्चिमी नारी के सौंदर्य की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति है। एक ही वस्त्र से कोमल तन को ढांपने का असफल प्रयास है।
5. यदि किसी ऐतिहासिक स्थल की सैर करने का मन हो तो हवा महल पहुंच जाएं। वास्तुशिल्प भव्य महल जैसा है। सुंदर बारादरी के साथ-साथ नक्काशीदार छतरियां भी बनी हैं। सामने ढलान पर सुंदर झरना है। इसके आसपास घास पर बैठकर पर्यटक तस्वीरें खिंचवाना पसंद करते हैं।
रामोजी फिल्म सिटी की कुछ और खास बातें
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
6. यहां के मुगल गार्डन में जयपुर के सिसोदिया रानी महल जैसा मंजर नजर आता है। सामने उद्यान में सुंदर फव्वारे हैं। रात में तो इसका रूप ही बदल जाता है। ये फव्वारे और पूरा उद्यान रंग-बिरंगे प्रकाश से जगमगा उठते हैं। फव्वारों की रंगीन जलधाराएं देख पर्यटकों को मैसूर के वृंदावन गार्डन में होने का भ्रम होता है।
7. इतिहास में कुछ पीछे जाने की चाह हो तो पर्यटक यूरेका में प्रवेश कर सकते हैं। वहां पहुंचकर आभास होता है मानो मौर्यकाल में पहुंच गए हों। इसके साथ बनी मजबूत दीवार भी किसी प्राचीन किले की दीवार जैसी ही लगती है। इसके अंदर चौक के आसपास बने भवनों की शैली भी लगभग वैसी ही है जैसे कोई प्राचीन वैभवशाली नगर फिर नए सिरे से बस गया हो। चौक के पास बने दो मार्ग किसी अलग संस्कृति का हिस्सा लगते हैं।
8. यूरेका में एक मार्ग बढ़ने पर किसी अरब देश की संस्कृति झलकती है। दूसरे मार्ग पर अमेरिका के प्राचीन काउ ब्वाय विलेज का सा नजारा है। वहां लकड़ी के घर के आसपास रखा साजो सामान देखकर तो यही लगता है कि बस अभी चमड़े की कैप और जैकेट पहने काउ ब्वायज की टोली घोड़ों पर दौड़ती चली आएगी।
9. बच्चों के लिए है दादा जिन का फंडुस्तान। दरअसल यह एक विशालतम फन पार्क है, जिसके अंदर जाने के लिए पहले दादा जिन के मुंह में प्रवेश करना पड़ता है। अंदर बने टिम्बर लैंड में बच्चे लकड़ी से बने भूलभुलैया में भटकने का मजा लेते हैं। थ्रिल विला में कई रोमांचक खेल जुटाए गए हैं। प्रेस्टो में तो खिलौनों का जादुई संसार बाल मन में गुदगुदी सी पैदा करता है। वंडरविला में फल-सब्जियों की आकृतियां लुभाती हैं। निकट ही कोरोला नामक फूलों की घाटी भी है।
10. फंडुस्तान में एक बड़ा सा पानी का जहाज भी खड़ा है। यहां बच्चे वीडियो गेम का मजा भी ले सकते हैं। डेली एक्सप्रेस एक मिनी ट्रेन रेस्टोरेंट है। इसमें बच्चों के टेस्ट की हर चीज मिलती है। यहां बोरासोरा नामक एक थ्रिलर पार्क भी है। इसमें रहस्य और रोमांच की एक हैरतअंगेज दुनिया है। कभी सामने भयानक सुरंग नजर आती है तो कभी डरावने दृश्य दिखाई देते हैं। फंडुस्तान एक ऐसा वैभवपूर्ण बाल जगत है जो पूरे परिवार के मनोरंजन का केंद्र बन जाता है।
रामोजी फिल्म सिटी में ये सब भी काफी दिलचस्प
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
11. जिन लोगों के लिए खाना-पीना पर्यटन की मौजमस्ती का खास हिस्सा है। उनके लिए यूरेका में चार अलग-अलग तरह के रेस्तरां हैं। आलमपनाह रेस्तरां में मुगलई खाने से दस्तरखान सजता है तो चाणक्य रेस्तरां में स्वादिष्ट व्यंजनों की शाकाहारी थाली लगाई जाती है। दक्षिण भारतीय भोजन का स्वाद गंगा-जमुना रेस्तरां में लिया जा सकता है तथा गनस्मोक रेस्तरां में फास्टफूड की धूम रहती है।
12. खानपान की तरह शॉपिंग भी सैलानियों के लिए शगल है। खरीदारी करनी हो तो यहां मीना बाजार, मगध शॉप, फ्रंटियर लैंड और ब्लैक कैट वेयर हाउस जैसे केंद्र हैं। प्रॉप-शॉप में फिल्मी कलाकारों द्वारा प्रयोग की जाने वाली तथा फिल्म निर्माण में काम आने वाली हर तरह की वस्तु होती है। कोई भी खरीद सकता है।
13. फिल्मसिटी में आने वाले पर्यटक फिल्मों के सेट देखने को भी बेहद उत्सुक होते हैं। टूर गाइड फिल्म घुमाने के दौरान यह बताता है कि किस फिल्म की शूटिंग यहां हो चुकी है। एयरपोर्ट के सेट पर खड़े होकर लगता ही नहीं यह नकली एयरपोर्ट लाउंज है। यहां का रेलवे स्टेशन भी अपने आप में अनूठा है। जरूरत के अनुसार इसका नाम भी बदलता रहता है। वैसे यहां टिकटघर, समयसारिणी, प्रतीक्षालय और स्टेशन मास्टर के केबिन के अलावा रेल इंजन और बोगियां भी हैं।
14. मल्टीपर्पस बिल्डिंग ऐसी हैं, एक तरफ से हीरो का मकान दिखता है। दूसरी ओर पहुंच जाएं तो लगता है कि यह कोई बड़ा अस्पताल है। तीसरी ओर से यह किसी चर्च या कोर्ट के प्रवेशद्वार जैसा है तथा चौथी ओर से यह एक पुस्तकालय का रूप लिए हुए है।
15. यहां का मंदिर भी कुछ ऐसा ही है। जहां अकसर भगवान बदलते रहते हैं। मंदिर का माहौल भी दोतरफा है। एक तरफ से यह शहर की भव्य सड़क पर स्थित नजर आता है तो दूसरी ओर किसी वीरान जगह का मंदिर लगता है। दृश्य की मांग के अनुसार इसकी दिशाओं का प्रयोग होता है।
रामोजी फिल्म सिटी के कुछ अन्य आकर्षण
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
16. पर्यटकों को उस समय सबसे ज्यादा ताज्जुब होता है जब वह स्वयं को लंदन की प्रिंसेस स्ट्रीट में खड़ा पाते हैं। खूबसूरत आधुनिक विला और बंगलों के बीच पहुंचकर किसी पश्चिमी देश के नगर में खड़े होने का भ्रम होता है। यहां बने ग्रामीण परिवेश, व्यस्त बाजार, हाइवे के ढाबे, सेंट्रल जेल आदि के सेट भी अत्यंत स्वाभाविक से दिखते हैं। सब कुछ बनावटी होते हुए भी यह सब पर्यटकों को इतना भाता है कि वे प्राय: हर सेट के सामने खड़े होकर फोटो अवश्य खिंचवाते हैं।
17. बजट टूरिस्ट और लग्जरी टूरिस्ट दोनों के लिए यहां आलीशान होटल हैं। सैलानियों के रिक्रिएशन के लिए इन होटलों में एक क्लब हाउस भी है। जिसमें बास्केट बॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बिलियर्ड जैसे खेलों के अलावा अत्याधुनिक जिम और एक स्विमिंग पूल भी है। पर्यटन की इतनी सुविधाओं के कारण कॉरपोरेट सेक्टर की नजर में यह व्यावसायिक पर्यटन का भी एक अच्छा केंद्र है। आए दिन यहां विभिन्न क्षेत्रों के लिए कॉन्फ्रेंस होती है।
18. कुछ अनूठे स्थल: यहीं नहीं फिल्मों में हरेक दृश्य को यहां दिशा और दशा देने की तकनीकों को विकसित किया गया है, चाहे रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मंदिर, महल, पोश कालोनी, शहर, गांव, वन, समुद्र, नदियां, बाजार, पशु-पक्षी, अस्पताल, कोर्ट, चर्च, गुरुद्वारा, मस्जिद, सेंट्रल जेल, हर तरह के वाहन, बिल्डिंग, पुस्तकालय, कालेज, खेल के मैदान, ट्रैकिंग की व्यवस्था यानि फिल्म की पटकथा के आधार पर सबकुछ इनमें बदलाव होता रहता है।
19. बॉलीवुड के साथ हॉलीवुड भी प्रभावित: रामोजी फिल्मसिटी ने बॉलीवुड के साथ हॉलीवुड के कई निमार्ताओं को भी प्रभावित किया। इसमें 500 से ज्यादा सेट लोकेशन हैं। सैंकड़ों उद्यान, पचास के करीब स्टूडियो फ्लोर, अधिकृत सेट्स, डिजिटल फिल्म निर्माण की सुविधाएं, आउटडोर लोकेशन, उच्च-तकनीक के लैस प्रयोगशालाएं, तकनीकी सहायता सभी मौजूद है। फिल्म की आधारभूत संरचना में कॉस्ट्यूम, लोकेशन, मैकअप, सेट-निर्माण, कैमरा, उपकरण, ऑडियो प्रोडक्शन, डिजीटल पोस्ट प्रोडक्शन और फिल्म प्रोसेसिंग की व्यवस्था के बीच यहां एक साथ बीस विदेशी फिल्म और चालीस देशी फिल्में बनाई जा सकती हैं।
20. फिल्म सिटी का एक आकर्षण बर्ड पार्क भी है, जहां दुनिया भर से लाए गए विभिन्न प्रकार के पक्षियों का घरौंदा बना हुआ है। ऐसे पक्षियों मे राजहंस से लेकर विभिन्न देशों से लाए गए पक्षी शामिल हैं। इन सभी पक्षियों की देखभाल करने के लिए डॉक्टर और उनकी टीमें यहां तैनात होती हैं।
रामोजी फिल्म सिटी में ये सब भी देखने योग्य
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद
- फोटो : अमर उजाला
21. वंडरलैंड रामोजी फिल्म सिटी में विभिन्न प्रजातियों की तितलियों को समर्पित एक पार्क बनाया गया है। यह 72 हजार स्क्वेयर फीट में फैला हुआ है। इसमें हजारों प्रकार की तितलियां संग्रहित हैं। यह एक प्रयोगशाला की तरह है जहां विभिन्न प्रजाति की कई रंगों, आकार-प्रकार की तितलियां देखी जा सकती हैं।
22. जैसा कि नाम है वामन यानी बौना, यह एक आनंदभरा बोनसाई संस्कृति वाला पार्क है। यहां 150 से अधिक प्लांट्स हैं। जो बोनसाई कला के प्रशंसक हैं, उनके लिए यह पार्क खासतौर पर दर्शनीय है। इसमें 86 जेनेरा और 132 स्पीसीज और प्लांट किंगडम के कई पौधों को शामिल किया गया है।
23. साहस है सबके लिए: एडवेंचर के शौकीनों के लिए साहस को ऐसे तैयार किया गया है, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और जवान एडवेंचर एक्टीविटीज में शामिल हो सकते हैं। धड़कन बढ़ाने वाली गतिविधियों के बीच खुद का आत्मविश्वास बढ़ता है तो खुद की काबिलियत बढ़ाने का मौका भी।
24. यहां हर दिन खास डांस-मस्ती, मूवी मैजिक, रियल स्टंट शो और कई प्रकार की मनोरंजक गतिविधियां होती हैं। फिल्म सिटी में पर्यटक स्वयं महसूस कर सकता है कि फिल्मी दुनिया कैसी होती है? फिल्म निर्माण और उससे जुड़े तमाम पहलुओं को बारीकियों के साथ जानने का मौका मिलता है।
25. रामोजी फिल्मसिटी में समय समय पर कार्निवाल होते हैं। दशहरा-दिवाली, दिसंबर-न्यू ईयर या गर्मियों की छुट्टियों में इसका आयोजन होता है, जो कुछ हफ्तों तक चलता रहता है। इस दौरान कार्निवाल परेड में होती है, जिसमें जोकर, डांसर्स, बाजीगर और तमाम खुशी के रंग शामिल होते हैं।
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