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रेल डिवीजन फिरोजपुर का उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला के बीच रेल लाइन बिछाने का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जिस पर कई वर्षों से कार्य चल रहा है। ये प्रोजेक्ट अंतिम चरण तक पहुंच चुका है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2022 तक पूरा किया जाना है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जम्मू में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा के साथ बैठक हुई। कोविड-19 के चलते प्रोजेक्ट पर चल रहे कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। यह जानकारी रेल डिवीजन फिरोजपुर के रेल मंडल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने दी।
डीआरएम अग्रवाल ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला के बीच चिनाब नदी पड़ती है, जिस पर सबसे ऊंचा पुल का निर्माण किया जा रहा है। अनेक चुनौतियों के बावजूद चिनाब पुल का कार्य वर्ष 2021 में पूरा होने की संभावना है। उक्त प्रोजेक्ट को वर्ष 2024 तक पूरा करना है। इस परियोजना के अंतर्गत कटरा और बनिहाल के बीच बिछाई जा रही रेल लाइन का कार्य सबसे कठिन है, क्योंकि ये रेल लाइन काफी दुर्गम क्षेत्रों से होकर गुजरती है।
कोविड-19 के दौरान इस परियोजना के निर्माण में कुछ बाधाएं आई हैं। इन दूर करने के लिए शनिवार को जम्मू में जम्मू-कश्मीर के माननीय लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव के अलावा अन्य अधिकारियों की बैठक हुई। ताकि इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा किया जा सके और जो बाधाएं आ रही है उसका निपटारा किया जाए।
इस मौके पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी, मंडल रेल प्रबंधक, फिरोजपुर राजेश अग्रवाल, प्रिंसिपल मुख्य अभियंता आरसी ठाकुर, प्रिंसिपल मुख्य परिचालन प्रबंधक राजीव सक्सेना, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/सी एके लाहोटी, अपर मंडल रेल प्रबंधक, जम्मू रमणीक सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों का कोरोना टेस्ट हुआ था, जिनकी रिपोर्ट नेगटिव आई, वही बैठक में शामिल हुए।
प्रोजेक्ट के ये कार्य हो चुके पूरे
जम्मू-कश्मीर में उधमपुर, कटरा, बनिहाल, कांजीकुंड व बारामुल्ला तक 161 किलोमीटर रेल पटरी बिछा दी गई है, जबकि 111 किलोमीटर का हिस्सा बचा है। इस हिस्से पर कार्य करना चुनौतीपूर्ण है। ये कार्य वर्ष 2024 तक पूरा करना है। इस प्रोजेक्ट में सुरंगों की लंबाई लगभग 163 किलोमीटर है। 126 किलोमीटर सुरंगों की लंबाई पूरी कर ली गई है। 37 पुल हैं, इनमें से बीस पुल बनाए जा चुके हैं। इस प्रोजेक्ट का सबसे खतरनाक पुल चिनाब नदी पर बन रहा है, इसे बनाने के लिए दिन रात कार्य चल रहा है।
रेल डिवीजन फिरोजपुर का उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला के बीच रेल लाइन बिछाने का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जिस पर कई वर्षों से कार्य चल रहा है। ये प्रोजेक्ट अंतिम चरण तक पहुंच चुका है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2022 तक पूरा किया जाना है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जम्मू में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा के साथ बैठक हुई। कोविड-19 के चलते प्रोजेक्ट पर चल रहे कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। यह जानकारी रेल डिवीजन फिरोजपुर के रेल मंडल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने दी।
डीआरएम अग्रवाल ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला के बीच चिनाब नदी पड़ती है, जिस पर सबसे ऊंचा पुल का निर्माण किया जा रहा है। अनेक चुनौतियों के बावजूद चिनाब पुल का कार्य वर्ष 2021 में पूरा होने की संभावना है। उक्त प्रोजेक्ट को वर्ष 2024 तक पूरा करना है। इस परियोजना के अंतर्गत कटरा और बनिहाल के बीच बिछाई जा रही रेल लाइन का कार्य सबसे कठिन है, क्योंकि ये रेल लाइन काफी दुर्गम क्षेत्रों से होकर गुजरती है।
कोविड-19 के दौरान इस परियोजना के निर्माण में कुछ बाधाएं आई हैं। इन दूर करने के लिए शनिवार को जम्मू में जम्मू-कश्मीर के माननीय लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव के अलावा अन्य अधिकारियों की बैठक हुई। ताकि इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा किया जा सके और जो बाधाएं आ रही है उसका निपटारा किया जाए।
इस मौके पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी, मंडल रेल प्रबंधक, फिरोजपुर राजेश अग्रवाल, प्रिंसिपल मुख्य अभियंता आरसी ठाकुर, प्रिंसिपल मुख्य परिचालन प्रबंधक राजीव सक्सेना, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/सी एके लाहोटी, अपर मंडल रेल प्रबंधक, जम्मू रमणीक सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों का कोरोना टेस्ट हुआ था, जिनकी रिपोर्ट नेगटिव आई, वही बैठक में शामिल हुए।
प्रोजेक्ट के ये कार्य हो चुके पूरे
जम्मू-कश्मीर में उधमपुर, कटरा, बनिहाल, कांजीकुंड व बारामुल्ला तक 161 किलोमीटर रेल पटरी बिछा दी गई है, जबकि 111 किलोमीटर का हिस्सा बचा है। इस हिस्से पर कार्य करना चुनौतीपूर्ण है। ये कार्य वर्ष 2024 तक पूरा करना है। इस प्रोजेक्ट में सुरंगों की लंबाई लगभग 163 किलोमीटर है। 126 किलोमीटर सुरंगों की लंबाई पूरी कर ली गई है। 37 पुल हैं, इनमें से बीस पुल बनाए जा चुके हैं। इस प्रोजेक्ट का सबसे खतरनाक पुल चिनाब नदी पर बन रहा है, इसे बनाने के लिए दिन रात कार्य चल रहा है।