चंडीगढ़। 35 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई अदालत ने मंगलवार को सब-इंस्पेक्टर बलबीर सिंह को चार साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने उसे 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। दोषी मनीमाजरा थाने में एसआई था।
2015 में सीबीआई ने मनीमाजरा निवासी सुरेश की शिकायत पर दोषी बलबीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक सुरेश ने शिकायत में बताया था कि एसआई एक मामले की जांच में उससे 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। सुरेश जुलाई 2014 में हुई एक शादी में लड़के की तरफ से गवाह था। कुछ दिनों के बाद लड़के और लड़की में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद लड़की ने लड़के और गवाहों पर जबरन शादी करने का आरोप लगाया था।
लड़की ने यूटी एसपी से लिखित शिकायत की थी। इसके बाद मनीमाजरा एसएचओ को जांच करने के निर्देश दिए थे। एसएचओ ने मामला एसआई बलबीर सिंह को सौंप दिया। सीबीआई एसपी ने कहा था कि एसआई शिकायतकर्ता से पूछताछ में उन्हें क्लीन चिट देने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। दोनों के बीच 35 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए उसने सीबीआई को मामले की सूचना दे दी। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और जैसे ही शिकायतकर्ता मनीमाजरा पुलिस स्टेशन में दोषी को रिश्वत देने पहुंचा तो उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
चंडीगढ़। 35 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई अदालत ने मंगलवार को सब-इंस्पेक्टर बलबीर सिंह को चार साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने उसे 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। दोषी मनीमाजरा थाने में एसआई था।
2015 में सीबीआई ने मनीमाजरा निवासी सुरेश की शिकायत पर दोषी बलबीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक सुरेश ने शिकायत में बताया था कि एसआई एक मामले की जांच में उससे 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। सुरेश जुलाई 2014 में हुई एक शादी में लड़के की तरफ से गवाह था। कुछ दिनों के बाद लड़के और लड़की में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद लड़की ने लड़के और गवाहों पर जबरन शादी करने का आरोप लगाया था।
लड़की ने यूटी एसपी से लिखित शिकायत की थी। इसके बाद मनीमाजरा एसएचओ को जांच करने के निर्देश दिए थे। एसएचओ ने मामला एसआई बलबीर सिंह को सौंप दिया। सीबीआई एसपी ने कहा था कि एसआई शिकायतकर्ता से पूछताछ में उन्हें क्लीन चिट देने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। दोनों के बीच 35 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए उसने सीबीआई को मामले की सूचना दे दी। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और जैसे ही शिकायतकर्ता मनीमाजरा पुलिस स्टेशन में दोषी को रिश्वत देने पहुंचा तो उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।