कैटरीना-सिद्धार्थ अभिनीत फिल्म 'बार-बार देखो' के हिट गाने काला चश्मा की सफलता से उसके असली लेखक हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह शेरा गदगद हैं। शेरा ने 1990 में बस में बैठकर ये गीत लिखा था। उस समय वह नौवीं में पढ़ते थे।
शेरा ने बताया कि इस गाने के बाद तो बॉलीवुड से खूब फोन आ रहे है। जालंधर के म्यूजिक डायरेक्टर बंटी सहोता ने उन्हें काला चश्मा-2 लिखने के लिए कहा था, जो बॉलीवुड के किसी डायरेक्टर ने उनसे अपनी फिल्म के लिए मांगा है।
उन्होंने बताया कि यह गाना लिखकर उन्होंने भेज दिया है, लेकिन फिलहाल वह इसके बोल नहीं बता सकते। इतना जरूर है कि यह गाना काला चश्मा से भी ज्यादा पापुलर होगा और धूम मचाएगा।
1990 में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले शेरा किसी घरेलू काम से पहली बार चंडीगढ़ गए तो वहां पर टर्मिनल से पहले बस रेड लाइट पर रुकी।
उन्होंने खिड़की से बाहर देखा तो एक गोरी लड़की ने काला चश्मा पहना हुआ था और उसे पास ही चौक में खड़ा चंडीगढ़ पुलिस का सिपाही देख रहा था। उसी समय उनके जेहन में ‘तेरे नाम दीयां धूमां पै गईयां, तू चंडीगढ़ तो आई नीं, तैनूं वेख के हौके भरदे ने खड़े चौकां विच्च सिपाही नीं, ढोडी ते काला तिल कुड़िएं, जिवें दाग चन्न दे मुखड़े ते, तैनूं काला चश्मा जचदा ए.. जचदा ए गोरे मुखड़े ते’ आए और उन्होंने उसी समय इन शब्दों को कागज पर उतार लिया।
कई गायकों ने मना कर दिया था
शेरा ने बताया कि इस गाने को लेकर वे कई नामचीन कलाकारों के दर पर गए, लेकिन सबने मना कर दिया। अंत में अमर अर्शी ने इस गाने को सबसे पहले स्टेज पर गाया। 1990 में ही यह गाना इंग्लैंड में वीआईपी कंपनी ने रिकार्ड किया और 1994 में इसे इंडिया में केट्रेक कंपनी ने रिकार्ड किया।
उसके बाद शेरा ने कई गाने दिए, लेकिन कंपनियों की ओर से मेहनताना न मिलने पर कुछ साल के लिए गाने लिखने बंद कर दिए। 42 साल के शेरा ने बताया कि 2010 में उन्होंने पंजाब पुलिस की नौकरी ज्वाइन की।
अमरीक सिंह ने कहा कि मुंबई में एक सीमेंट फैक्टरी के ओपनिंग फंक्शन में गाना बजाने की बात कहकर 11 हजार रुपये थमाकर एग्रीमेंट पर साइन लेने का उन्हें दुख है। गाने में उनके गांव का एक सीन ही फिल्माते तो उन्हें ज्यादा सुकून मिलता। कास्टिंग में उनका नाम भी गलत लिखा हुआ है। इंटर सर्विस ट्रेनिंग सेंटर (आईएसटीसी) कपूरथला में ही एग्रीमेंट पर साइन करवाए गए।
काला चश्मा को गाने वाले फगवाड़ा के गांव नंगल मज्जा के गायक अमर अर्शी ने कहा कि चार-पांच साल से इस गाने के लिए उन्हें फोन आ रहे थे। जालंधर के ऐंजल रिकार्ड के मालिक कमल बॉलीवुड के कुछ लोगों के साथ गाना लेने के लिए पहुंचे और सीमेंट फैक्टरी के लिए मूल गाने को दस सेकेंड का कट लगाकर इस्तेमाल करने के नाम पर ले गए। बाद में उन्हें बॉलीवुड के अजीज नाम के व्यक्ति से पता चला कि यह गाना तो एक बड़ी फिल्म में इस्तेमाल हो रहा है।
कैटरीना-सिद्धार्थ अभिनीत फिल्म 'बार-बार देखो' के हिट गाने काला चश्मा की सफलता से उसके असली लेखक हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह शेरा गदगद हैं। शेरा ने 1990 में बस में बैठकर ये गीत लिखा था। उस समय वह नौवीं में पढ़ते थे।
शेरा ने बताया कि इस गाने के बाद तो बॉलीवुड से खूब फोन आ रहे है। जालंधर के म्यूजिक डायरेक्टर बंटी सहोता ने उन्हें काला चश्मा-2 लिखने के लिए कहा था, जो बॉलीवुड के किसी डायरेक्टर ने उनसे अपनी फिल्म के लिए मांगा है।
उन्होंने बताया कि यह गाना लिखकर उन्होंने भेज दिया है, लेकिन फिलहाल वह इसके बोल नहीं बता सकते। इतना जरूर है कि यह गाना काला चश्मा से भी ज्यादा पापुलर होगा और धूम मचाएगा।