पुराने एयरपोर्ट और नए टर्मिनल पर करीब 2 हजार करोड़ खर्च करने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें न होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि केवल नाम रख लेने से एयरपोर्ट इंटरनेशनल नहीं होता, इसके लिए इंटरनेशनल उड़ानें भी होनी चाहिए। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई पर केंद्र सरकार को सभी लंबित कामों और उनको पूरा करने की डेडलाइन सौंपने के आदेश दिए हैं। कैट 3 पर केंद्र सरकार पलट गई है। उसने कहा कि कैट 3 तय समय में नहीं लग सकता।
सुनवाई आरंभ होते ही याचिकाकर्ता संस्था मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की एक बड़ी लॉबी चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चलने नहीं देना चाहती। इसके पीछे कारण उनके व्यवसाय पर पर बुरा प्रभाव होना है। दिल्ली से इंटरनेशनल फ्लाइट लेने वाले सबसे ज्यादा यात्री पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से होते हैं। अगर चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हो जाएं तो यहां के लोगों को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कोर्ट को बताया गया कि पहले पुराने एयरपोर्ट को 400 करोड़ खर्च कर रेनोवेट किया गया और फिर 1400 करोड़ खर्च कर नया एयरपोर्ट बना दिया। करीब 2 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी अब तक सही तरह से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू नहीं हो पाई हैं। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब एयरपोर्ट को चलाना ही नहीं था तो इसे बनाया क्यों। कुछ दिन पहले कैट-3 मंजूर था और इसे पूरा करने की समय सीमा भी दे दी थी और अब अचानक ऐसा हो गया जैसे कोई अदृश्य शक्ति रोक रही है।
आसियान देशों ने जिन 18 एयरपोर्ट को ओपन स्काई पॉलिसी के तहत नोटिफाई किया है उनमें से बेहद ही कम इस्तेमाल होने वाले को डी-नोटिफाई कर उसकी जगह चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नोटिफाई करने के सवाल पर केंद्र सरकार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौते में बदलाव नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस ओपन स्काई पॉलिसी में चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शामिल नहीं किया जा सकेगा।
कैट-2 को अपग्रेड किया जा रहा
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कैट-2 इंस्टॉल किया जा चुका है जिसे अब अपग्रेड किया जा रहा है। इसके लिए 24 एलिमेंट एंटीना ऐरे सिस्टम लगाए जा रहे हैं और जहां तक कैट-3 बी इंस्टॉल किए जाने का मामला है तो उसमे एयरफोर्स ने कहा है कि इसके कुछ ढांचे हटाने पड़ेंगे जो एयरफोर्स सुरक्षा कारणों से नहीं हटा सकता है। इस पर बात की जा रही है और अब इसे फेस्ड मैनर में किए जाने का निर्णय लिया गया है।
पुराने एयरपोर्ट और नए टर्मिनल पर करीब 2 हजार करोड़ खर्च करने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें न होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि केवल नाम रख लेने से एयरपोर्ट इंटरनेशनल नहीं होता, इसके लिए इंटरनेशनल उड़ानें भी होनी चाहिए। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई पर केंद्र सरकार को सभी लंबित कामों और उनको पूरा करने की डेडलाइन सौंपने के आदेश दिए हैं। कैट 3 पर केंद्र सरकार पलट गई है। उसने कहा कि कैट 3 तय समय में नहीं लग सकता।
सुनवाई आरंभ होते ही याचिकाकर्ता संस्था मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की एक बड़ी लॉबी चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चलने नहीं देना चाहती। इसके पीछे कारण उनके व्यवसाय पर पर बुरा प्रभाव होना है। दिल्ली से इंटरनेशनल फ्लाइट लेने वाले सबसे ज्यादा यात्री पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से होते हैं। अगर चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हो जाएं तो यहां के लोगों को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कोर्ट को बताया गया कि पहले पुराने एयरपोर्ट को 400 करोड़ खर्च कर रेनोवेट किया गया और फिर 1400 करोड़ खर्च कर नया एयरपोर्ट बना दिया। करीब 2 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी अब तक सही तरह से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू नहीं हो पाई हैं। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब एयरपोर्ट को चलाना ही नहीं था तो इसे बनाया क्यों। कुछ दिन पहले कैट-3 मंजूर था और इसे पूरा करने की समय सीमा भी दे दी थी और अब अचानक ऐसा हो गया जैसे कोई अदृश्य शक्ति रोक रही है।
चंडीगढ़ एयरपोर्ट नहीं बन सकता ओपन स्काई पॉलिसी का हिस्सा
आसियान देशों ने जिन 18 एयरपोर्ट को ओपन स्काई पॉलिसी के तहत नोटिफाई किया है उनमें से बेहद ही कम इस्तेमाल होने वाले को डी-नोटिफाई कर उसकी जगह चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नोटिफाई करने के सवाल पर केंद्र सरकार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौते में बदलाव नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस ओपन स्काई पॉलिसी में चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शामिल नहीं किया जा सकेगा।
कैट-2 को अपग्रेड किया जा रहा
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कैट-2 इंस्टॉल किया जा चुका है जिसे अब अपग्रेड किया जा रहा है। इसके लिए 24 एलिमेंट एंटीना ऐरे सिस्टम लगाए जा रहे हैं और जहां तक कैट-3 बी इंस्टॉल किए जाने का मामला है तो उसमे एयरफोर्स ने कहा है कि इसके कुछ ढांचे हटाने पड़ेंगे जो एयरफोर्स सुरक्षा कारणों से नहीं हटा सकता है। इस पर बात की जा रही है और अब इसे फेस्ड मैनर में किए जाने का निर्णय लिया गया है।