चंडीगढ़। पंजाब विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए कभी भी अपने द्वार पूरी तरह खोल सकता है। स्नातक के विद्यार्थियों को कभी भी बुलाया जा सकता है। छात्रावासों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां समुचित तैयारी रखें। कितने विद्यार्थियों को ठहराया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट भी तैयार कर लें। सफाई के बंदोबस्त भी रखें। यह भी कहा गया है कि कोविड निर्देशों के पालन के लिए हर छात्रावास में टीम गठित कर दें।
कोरोना के बाद से लगातार पीयू कैंपस बंद रहा। कोरोना की पहली लहर के बाद शोधार्थियों को बुलाया गया। उसके बाद दूसरी लहर शुरू हुई तो कुछ दिन के लिए शोधार्थी भी घर चले गए। हालात ठीक होने लगे तो शोधार्थी कैंपस पहुंचे। इस समय सभी शोधार्थी अपनी शोध कर रहे हैं। इन्हीं के साथ परास्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी कैंपस बुलाया जा रहा है। यह सब चरणवार तरीके से चल रहा है। इसका छात्र से लेकर पीयू के हितधारक विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि पीयू कैंपस पूरा खोलना चाहिए, क्योंकि अब तो स्कूल भी सितंबर से संचालित हैं। हजारों की संख्या में विद्यार्थी आ रहे हैं। इसके बावजूद पीयू कैंपस खोलने से डर रही है।
हाल ही में पंजाब भाजपा के महामंत्री एवं पूर्व सीनेटर डॉ. सुभाष शर्मा ने इस मुद्दे को उपराष्ट्रपति व चांसलर कार्यालय तक पहुंचा दिया। इससे पीयू और घिर गई। सूत्रों का कहना है कि आनन-फानन में तैयारी की जा रही है कि विद्यार्थियों को कैंपस बुलाया जाए, लेकिन उनके ठहरने के बंदोबस्त करना, कैंटीन खोलना आदि की व्यवस्थाएं करनी हैं। छात्रावासों के कमरों का आवंटन आदि भी देखा जाएगा। इसी को देखते हुए तैयारियां चल रही हैं।
6500 विद्यार्थियों के रुकने की व्यवस्था
मालूम हो कि पीयू में 20 छात्रावास हैं। इनमें अभी लगभग 1500 विद्यार्थी रह रहे हैं। जैसे ही कैंपस खुलेगा तो 12 हजार से अधिक विद्यार्थी और कैंपस में आएंगे। अधिकांश विद्यार्थी पंजाब से हैं। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि प्रदेशों से भी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। छात्रावासों की आवश्यकता 40 से 50 किमी दूरी वाले विद्यार्थियों को पड़ती है। लगभग नौ हजार विद्यार्थियों को छात्रावासों की आवश्यकता होती है, जबकि छात्रावासों में लगभग साढ़े छह हजार ही विद्यार्थी रह सकते हैं। बाकी छात्रों को किराए पर रहना पड़ेगा।
वर्जन ----
कैंपस खोलने को लेकर कमेटी बनाई गई है। वह जल्द ही कुछ निर्णय लेगी। पीजी के विद्यार्थी कैंपस आ चुके हैं। वे प्रयोग आदि कर रहे हैं। -प्रो. वीआर सिन्हा, डीयूआई
चंडीगढ़। पंजाब विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए कभी भी अपने द्वार पूरी तरह खोल सकता है। स्नातक के विद्यार्थियों को कभी भी बुलाया जा सकता है। छात्रावासों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां समुचित तैयारी रखें। कितने विद्यार्थियों को ठहराया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट भी तैयार कर लें। सफाई के बंदोबस्त भी रखें। यह भी कहा गया है कि कोविड निर्देशों के पालन के लिए हर छात्रावास में टीम गठित कर दें।
कोरोना के बाद से लगातार पीयू कैंपस बंद रहा। कोरोना की पहली लहर के बाद शोधार्थियों को बुलाया गया। उसके बाद दूसरी लहर शुरू हुई तो कुछ दिन के लिए शोधार्थी भी घर चले गए। हालात ठीक होने लगे तो शोधार्थी कैंपस पहुंचे। इस समय सभी शोधार्थी अपनी शोध कर रहे हैं। इन्हीं के साथ परास्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी कैंपस बुलाया जा रहा है। यह सब चरणवार तरीके से चल रहा है। इसका छात्र से लेकर पीयू के हितधारक विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि पीयू कैंपस पूरा खोलना चाहिए, क्योंकि अब तो स्कूल भी सितंबर से संचालित हैं। हजारों की संख्या में विद्यार्थी आ रहे हैं। इसके बावजूद पीयू कैंपस खोलने से डर रही है।
हाल ही में पंजाब भाजपा के महामंत्री एवं पूर्व सीनेटर डॉ. सुभाष शर्मा ने इस मुद्दे को उपराष्ट्रपति व चांसलर कार्यालय तक पहुंचा दिया। इससे पीयू और घिर गई। सूत्रों का कहना है कि आनन-फानन में तैयारी की जा रही है कि विद्यार्थियों को कैंपस बुलाया जाए, लेकिन उनके ठहरने के बंदोबस्त करना, कैंटीन खोलना आदि की व्यवस्थाएं करनी हैं। छात्रावासों के कमरों का आवंटन आदि भी देखा जाएगा। इसी को देखते हुए तैयारियां चल रही हैं।
6500 विद्यार्थियों के रुकने की व्यवस्था
मालूम हो कि पीयू में 20 छात्रावास हैं। इनमें अभी लगभग 1500 विद्यार्थी रह रहे हैं। जैसे ही कैंपस खुलेगा तो 12 हजार से अधिक विद्यार्थी और कैंपस में आएंगे। अधिकांश विद्यार्थी पंजाब से हैं। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि प्रदेशों से भी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। छात्रावासों की आवश्यकता 40 से 50 किमी दूरी वाले विद्यार्थियों को पड़ती है। लगभग नौ हजार विद्यार्थियों को छात्रावासों की आवश्यकता होती है, जबकि छात्रावासों में लगभग साढ़े छह हजार ही विद्यार्थी रह सकते हैं। बाकी छात्रों को किराए पर रहना पड़ेगा।
वर्जन ----
कैंपस खोलने को लेकर कमेटी बनाई गई है। वह जल्द ही कुछ निर्णय लेगी। पीजी के विद्यार्थी कैंपस आ चुके हैं। वे प्रयोग आदि कर रहे हैं। -प्रो. वीआर सिन्हा, डीयूआई