गुरुवार को विजिलेंस ने हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्यालय में दबिश दी। उप सचिव एचसीएस अधिकारी अनिल नागर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से एक करोड़ आठ लाख रुपये मिले। आरोप है कि यह रकम डेंटल सर्जन भर्ती की लिखित परीक्षा में नंबर बढ़ाने के लिए ली गई थी। लेकिन हरियाणा लोक सेवा आयोग का विवादों से पुराना नाता है। कांग्रेस सरकार के समय भी आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। इतना ही नहीं चहेते लोगों को नौकरियां देने के मामले में भी विपक्ष आयोग को कठघरे में खड़ा किया था। मार्च 2005 में कांग्रेस में सत्ता के आने के बाद एचपीएससी विवादों में घिरा रहा।
पांच साल तक आयोग एचसीएस की एक भी भर्ती सिरे नहीं चढ़ा, जबकि यह भर्ती हर साल होनी चाहिए थी। हरियाणा लोक सेवा आयोग सहायक प्रोफेसर अंग्रेजी की भर्ती को लेकर भी विवादों में रहा है। 29 जनवरी 2017 को हुई परीक्षा का प्रश्न पत्र कट कापी पेस्ट करके तैयार किया गया था।
100 अंकों की परीक्षा में एक एक नंबर के 100 प्रश्न थे। आरोप लगे थे कि अपने खासमखास को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया था। परीक्षा में 26 प्रश्न गलत थे। कुछ लोगों को भर्तियों में निजी तौर मेल भेजकर बुलाया जाता रहा है। सहायक प्रोफेसर की ही भर्ती सितंबर 2016 में 12 प्रश्न गलत होने के कारण रद्द कर दी गई थी।
आयोग में होनी है कई महत्वपूर्ण भर्तियां
हरियाणा लोक सेवा आयोग हरियाणा में ए और बी श्रेणी की भर्ती करता है। एचसीएच और एचपीएस लेकर तमाम पद शामिल हैं। इस समय आयोग की ओर से 256 एचसीएस ज्यूडिशियल और 156 एचसीएस एग्जीक्यूटिव, डेंटल सर्जन के 81 पदों पर भर्ती होनी है। एचसीएस ज्यूशियल का प्री पेपर हाल ही में 13 नवंबर को हुआ है। जबकि 12 सितंबर को एचसीएस एग्जीक्यूटिव की परीक्षा हो चुकी है। बता दें कि प्री परीक्षा पास करने वाले मुख्य परीक्षा में बैठते हैं और इसके बाद 75 अंकों का साक्षात्कार होता है। मुख्य परीक्षा के अंकों और साक्षात्कार अंकों के आधार पर भर्ती होती है।
पूर्व कार्यकाल की भी होगी जांच
अनिल नागर पर शिकंजा कसने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह कहा जा रहा है कि एचसीएस ज्यूडिशियल भर्ती का रेट एक करोड़ तय हुआ था। भर्ती कराने के नाम पर पैसे एंठने में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। अनिल नागर स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव, रोडवेज जीएम समेत करनाल में शुगर मिल के एमडी पदों के साथ कई स्थानों पर एसडीएम भी रहा है। इनके पूर्व के कार्यकाल के विभागों की भी जांच हो सकती है। विजिलेंस इनसे अन्य मामलों में भी इस तरह से लेन देन का खुलासा करा सकती है।
कांग्रेस का तंज, क्या ये खर्ची की पर्ची के पैसे: सुरजेवाला
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने एचपीएससी मामले में प्रदेश सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि नौकरियों में धांधली का इससे बड़ा सुबूत क्या होगा। क्या ये खर्ची की पर्ची के पैसे हैं। इस मामले के तार किस-किस भर्ती से जुड़े हुए हैं, क्या इसका कोई खुलासा होगा, या फिर पर्दा डाला जाएगा। क्या 31 पेपर लीक में जीरो कार्रवाई की तर्ज पर इस बार भी मामला दबाने की तैयारी तो नहीं है।
विस्तार
गुरुवार को विजिलेंस ने हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्यालय में दबिश दी। उप सचिव एचसीएस अधिकारी अनिल नागर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से एक करोड़ आठ लाख रुपये मिले। आरोप है कि यह रकम डेंटल सर्जन भर्ती की लिखित परीक्षा में नंबर बढ़ाने के लिए ली गई थी। लेकिन हरियाणा लोक सेवा आयोग का विवादों से पुराना नाता है। कांग्रेस सरकार के समय भी आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। इतना ही नहीं चहेते लोगों को नौकरियां देने के मामले में भी विपक्ष आयोग को कठघरे में खड़ा किया था। मार्च 2005 में कांग्रेस में सत्ता के आने के बाद एचपीएससी विवादों में घिरा रहा।
पांच साल तक आयोग एचसीएस की एक भी भर्ती सिरे नहीं चढ़ा, जबकि यह भर्ती हर साल होनी चाहिए थी। हरियाणा लोक सेवा आयोग सहायक प्रोफेसर अंग्रेजी की भर्ती को लेकर भी विवादों में रहा है। 29 जनवरी 2017 को हुई परीक्षा का प्रश्न पत्र कट कापी पेस्ट करके तैयार किया गया था।
100 अंकों की परीक्षा में एक एक नंबर के 100 प्रश्न थे। आरोप लगे थे कि अपने खासमखास को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया था। परीक्षा में 26 प्रश्न गलत थे। कुछ लोगों को भर्तियों में निजी तौर मेल भेजकर बुलाया जाता रहा है। सहायक प्रोफेसर की ही भर्ती सितंबर 2016 में 12 प्रश्न गलत होने के कारण रद्द कर दी गई थी।
आयोग में होनी है कई महत्वपूर्ण भर्तियां
हरियाणा लोक सेवा आयोग हरियाणा में ए और बी श्रेणी की भर्ती करता है। एचसीएच और एचपीएस लेकर तमाम पद शामिल हैं। इस समय आयोग की ओर से 256 एचसीएस ज्यूडिशियल और 156 एचसीएस एग्जीक्यूटिव, डेंटल सर्जन के 81 पदों पर भर्ती होनी है। एचसीएस ज्यूशियल का प्री पेपर हाल ही में 13 नवंबर को हुआ है। जबकि 12 सितंबर को एचसीएस एग्जीक्यूटिव की परीक्षा हो चुकी है। बता दें कि प्री परीक्षा पास करने वाले मुख्य परीक्षा में बैठते हैं और इसके बाद 75 अंकों का साक्षात्कार होता है। मुख्य परीक्षा के अंकों और साक्षात्कार अंकों के आधार पर भर्ती होती है।
पूर्व कार्यकाल की भी होगी जांच
अनिल नागर पर शिकंजा कसने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह कहा जा रहा है कि एचसीएस ज्यूडिशियल भर्ती का रेट एक करोड़ तय हुआ था। भर्ती कराने के नाम पर पैसे एंठने में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। अनिल नागर स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव, रोडवेज जीएम समेत करनाल में शुगर मिल के एमडी पदों के साथ कई स्थानों पर एसडीएम भी रहा है। इनके पूर्व के कार्यकाल के विभागों की भी जांच हो सकती है। विजिलेंस इनसे अन्य मामलों में भी इस तरह से लेन देन का खुलासा करा सकती है।
कांग्रेस का तंज, क्या ये खर्ची की पर्ची के पैसे: सुरजेवाला
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने एचपीएससी मामले में प्रदेश सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि नौकरियों में धांधली का इससे बड़ा सुबूत क्या होगा। क्या ये खर्ची की पर्ची के पैसे हैं। इस मामले के तार किस-किस भर्ती से जुड़े हुए हैं, क्या इसका कोई खुलासा होगा, या फिर पर्दा डाला जाएगा। क्या 31 पेपर लीक में जीरो कार्रवाई की तर्ज पर इस बार भी मामला दबाने की तैयारी तो नहीं है।