पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
चंडीगढ़ में कोरोना के मरीजों के इलाज में लापरवाही का मामला दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। सूद धर्मशाला में क्वारंटीन किए जा रहे मरीज अपने इलाज के लिए बाहर से खुद दवा मंगा रहे हैं।
स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि क्वारंटीन किए गए मरीज तमाम परेशानियों को झेलने के बावजूद भी शांत रहकर अपने क्वारंटीन पीरियड के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर शिकायत की तो सजा के तौर पर उनके क्वारंटाइन की समय सीमा बढ़ाए जाने का खतरा है। सूद धर्मशाला की व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जीएमसीएच- 32 के पास है।
चाय के लिए धक्कामुक्की.. एक साथ हॉल में एकत्रित होते हैं 60 मरीज
सूद धर्मशाला में भर्ती एक मरीज ने बताया कि वहां पर मौजूदा समय में सबसे ज्यादा मरीज क्वारंटीन किए गए हैं। संक्रमण से बचाव के मानकों की अनदेखी व्यापक स्तर पर जारी है। आलम यह है कि सुबह की चाय ग्राउंड फ्लोर पर एक जगह रख दी जाती है और सारे मरीजों को आवाज लगा दिया जाता है। एक साथ 50 से 60 मरीज नीचे के हॉल में एकत्रित हो जाते हैं।
सभी एक दूसरे को धक्का देकर आगे निकलते हैं ताकि चाय खत्म ना हो जाए। ठीक यही स्थिति नाश्ता और खाना लेने के दौरान भी होती है। अन्य क्वारंटीन सेंटर में मरीजों की हालत दयनीय है। खाने-पीने, रहने के लिए मरीजों को हर दिन जद्दोजहद करनी पड़ रही है। क्वारंटीन सेंटरों पर संक्रमण से बचाव की व्यवस्था भी नदारद है।
केस- 1: मरीज का माइग्रेन का दर्द बढ़ा तो कर्मचारी की खुशामद कर बाहर से मंगवानी पड़ी दवा
सेक्टर 15 निवासी संदीप कुमार (बदला हुआ नाम) की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव तो आ गई, लेकिन उनके अंदर कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए। इसके बाद उन्हें 3 दिन पहले सूद धर्मशाला में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया है। कोरोना की चपेट में आने से संदीप काफी तनाव में हैं। इससे उनके माइग्रेन का दर्द बढ़ गया है। मंगलवार की शाम उन्हें सिर में भयंकर दर्द हुआ। उन्होंने इसके बारे में कर्मचारी को बताया तो जवाब मिला यहां पर सिर दर्द की कोई दवा नहीं है। संदीप ने आग्रह कर उस कर्मचारी से बाहर से सिर दर्द की दवा खरीद कर मंगाई।
केस-2: जान बचाने के लिए कर्मचारी को पैसे देकर बाहर से मंगवाई पेट दर्द
सेक्टर- 45 निवासी सुनीता (बदला हुआ नाम) को भी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सूद धर्मशाला में क्वारंटाइन किया गया है । उन्हें गॉल ब्लैडर में स्टोन की शिकायत है। इस समय कोरोना के तनाव के कारण उनका पथरी का दर्द उभर गया है। 2 दिन पहले सुनीता को भी पेट में भयंकर दर्द शुरू हुआ तो दवा मांगने पर साफ इंकार कर दिया गया। कर्मचारियों ने सुनीता को भी बताया कि यहां पर पेट दर्द की दवा उपलब्ध नहीं है। सुनीता ने अपनी जान बचाने के लिए कर्मचारी को पैसे देकर बाहर से पेट दर्द रोकने की दवा मंगाई।
चंडीगढ़ में कोरोना के मरीजों के इलाज में लापरवाही का मामला दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। सूद धर्मशाला में क्वारंटीन किए जा रहे मरीज अपने इलाज के लिए बाहर से खुद दवा मंगा रहे हैं।
स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि क्वारंटीन किए गए मरीज तमाम परेशानियों को झेलने के बावजूद भी शांत रहकर अपने क्वारंटीन पीरियड के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर शिकायत की तो सजा के तौर पर उनके क्वारंटाइन की समय सीमा बढ़ाए जाने का खतरा है। सूद धर्मशाला की व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जीएमसीएच- 32 के पास है।
चाय के लिए धक्कामुक्की.. एक साथ हॉल में एकत्रित होते हैं 60 मरीज
सूद धर्मशाला में भर्ती एक मरीज ने बताया कि वहां पर मौजूदा समय में सबसे ज्यादा मरीज क्वारंटीन किए गए हैं। संक्रमण से बचाव के मानकों की अनदेखी व्यापक स्तर पर जारी है। आलम यह है कि सुबह की चाय ग्राउंड फ्लोर पर एक जगह रख दी जाती है और सारे मरीजों को आवाज लगा दिया जाता है। एक साथ 50 से 60 मरीज नीचे के हॉल में एकत्रित हो जाते हैं।
सभी एक दूसरे को धक्का देकर आगे निकलते हैं ताकि चाय खत्म ना हो जाए। ठीक यही स्थिति नाश्ता और खाना लेने के दौरान भी होती है। अन्य क्वारंटीन सेंटर में मरीजों की हालत दयनीय है। खाने-पीने, रहने के लिए मरीजों को हर दिन जद्दोजहद करनी पड़ रही है। क्वारंटीन सेंटरों पर संक्रमण से बचाव की व्यवस्था भी नदारद है।
केस- 1: मरीज का माइग्रेन का दर्द बढ़ा तो कर्मचारी की खुशामद कर बाहर से मंगवानी पड़ी दवा
सेक्टर 15 निवासी संदीप कुमार (बदला हुआ नाम) की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव तो आ गई, लेकिन उनके अंदर कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए। इसके बाद उन्हें 3 दिन पहले सूद धर्मशाला में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया है। कोरोना की चपेट में आने से संदीप काफी तनाव में हैं। इससे उनके माइग्रेन का दर्द बढ़ गया है। मंगलवार की शाम उन्हें सिर में भयंकर दर्द हुआ। उन्होंने इसके बारे में कर्मचारी को बताया तो जवाब मिला यहां पर सिर दर्द की कोई दवा नहीं है। संदीप ने आग्रह कर उस कर्मचारी से बाहर से सिर दर्द की दवा खरीद कर मंगाई।
केस-2: जान बचाने के लिए कर्मचारी को पैसे देकर बाहर से मंगवाई पेट दर्द
सेक्टर- 45 निवासी सुनीता (बदला हुआ नाम) को भी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सूद धर्मशाला में क्वारंटाइन किया गया है । उन्हें गॉल ब्लैडर में स्टोन की शिकायत है। इस समय कोरोना के तनाव के कारण उनका पथरी का दर्द उभर गया है। 2 दिन पहले सुनीता को भी पेट में भयंकर दर्द शुरू हुआ तो दवा मांगने पर साफ इंकार कर दिया गया। कर्मचारियों ने सुनीता को भी बताया कि यहां पर पेट दर्द की दवा उपलब्ध नहीं है। सुनीता ने अपनी जान बचाने के लिए कर्मचारी को पैसे देकर बाहर से पेट दर्द रोकने की दवा मंगाई।