तीन साल पहले कृषि विभाग में हुए 12 करोड़ रुपये के एक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से जांच शुरू कर दी है। ईडी ने कृषि विभाग से कृषि अवशेष यंत्रों के जारी किए गए फंड के इस्तेमाल का पूरा ब्योरा तलब किया है। ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले की जांच शुरू की गई है।
घोटाले का खुलासा 2019 में हुआ था। केंद्र की ओर से 12 करोड़ की राशि 2018-19 से लेकर 2021-22 तक भेजी गई लेकिन जिस मशीनरी का जिक्र किया गया है वह विभाग द्वारा खरीदी ही नहीं गई। पंजाब के कृषि विभाग में केंद्र की ओर से जारी फंड के इस्तेमाल में की गई अनियमितताओं की जांच पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू की है।
मई में ईडी ने पंजाब के कृषि विभाग से फंड के इस्तेमाल का ब्योरा मांगा गया था लेकिन विभाग ने इसे उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद फिर 14 जून को ईडी की ओर से रिमांइडर भेजकर कहा कि जल्द ही वांछित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। रिमाइंडर के बाद अब कृषि विभाग की ओर से इसकी जानकारी जुटाई जानी शुरू कर दी गई है।
यह मांगी गई जानकारी
ईडी की ओर से कृषि विभाग से जो जानकारी मांगी गई है उसमें इस बात की जानकारी देने को कहा है कि कृषि अवशेष यंत्रों की खरीद कहां से की गई। यंत्रों का खरीद मूल्य कितना है। साथ ही अवशेष कृषि यंत्रों की खरीद प्रक्रिया में कौन शामिल थे।
जांच के दायरे में कई पूर्व अधिकारी
ईडी द्वारा कृषि विभाग में शुरू की गई जांच में कई पूर्व कृषि विभाग के अधिकारी दायरे में आ सकते हैं। ईडी की ओर से इस मामले में जिला स्तर पर भी खर्च की गई केंद्रीय राशि की जानकारी एकत्र की जा रही है।
विस्तार
तीन साल पहले कृषि विभाग में हुए 12 करोड़ रुपये के एक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से जांच शुरू कर दी है। ईडी ने कृषि विभाग से कृषि अवशेष यंत्रों के जारी किए गए फंड के इस्तेमाल का पूरा ब्योरा तलब किया है। ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले की जांच शुरू की गई है।
घोटाले का खुलासा 2019 में हुआ था। केंद्र की ओर से 12 करोड़ की राशि 2018-19 से लेकर 2021-22 तक भेजी गई लेकिन जिस मशीनरी का जिक्र किया गया है वह विभाग द्वारा खरीदी ही नहीं गई। पंजाब के कृषि विभाग में केंद्र की ओर से जारी फंड के इस्तेमाल में की गई अनियमितताओं की जांच पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू की है।
मई में ईडी ने पंजाब के कृषि विभाग से फंड के इस्तेमाल का ब्योरा मांगा गया था लेकिन विभाग ने इसे उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद फिर 14 जून को ईडी की ओर से रिमांइडर भेजकर कहा कि जल्द ही वांछित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। रिमाइंडर के बाद अब कृषि विभाग की ओर से इसकी जानकारी जुटाई जानी शुरू कर दी गई है।
यह मांगी गई जानकारी
ईडी की ओर से कृषि विभाग से जो जानकारी मांगी गई है उसमें इस बात की जानकारी देने को कहा है कि कृषि अवशेष यंत्रों की खरीद कहां से की गई। यंत्रों का खरीद मूल्य कितना है। साथ ही अवशेष कृषि यंत्रों की खरीद प्रक्रिया में कौन शामिल थे।
जांच के दायरे में कई पूर्व अधिकारी
ईडी द्वारा कृषि विभाग में शुरू की गई जांच में कई पूर्व कृषि विभाग के अधिकारी दायरे में आ सकते हैं। ईडी की ओर से इस मामले में जिला स्तर पर भी खर्च की गई केंद्रीय राशि की जानकारी एकत्र की जा रही है।