न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Thu, 26 Aug 2021 12:16 AM IST
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पुराने भवन के पुनर्निर्माण और नवीनीकरण करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है। साथ ही यह भी कहा कि वे उनसे मिलकर इसके लिए कुछ सुझाव देना चाहते हैं।
बता दें कि फिलहाल अनिल विज पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल हैं।
पत्र में विज ने लिखा है कि पीजीआई चंडीगढ़ उत्तरी क्षेत्र का एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान है। यहां हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां सभी हाईटेक और मल्टी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मांग के अनुसार नए भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है लेकिन, यह देखा गया है कि 1950 में निर्मित पीजीआई चंडीगढ़ की पुरानी इमारत के साथ कुछ समस्याएं हैं। इस वजह से उक्त भवन का नवीनीकरण या पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है।
‘मैं नहीं चाहता मेरी बीमारी से किसी का काम रुके’
विज ने कहा कि कुछ लोगों ने मेरा पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान अपने दफ्तर की फाइलें को निपटाना ठीक नहीं लगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी बीमारी की वजह से कोई भी काम रुके। फाइलें चलती हैं तो सरकार चलती है, फाइलों के रुक जाने से सरकार के कार्य पर फर्क पड़ता है। कोरोना के बाद जब वह 24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, तब भी एक महीने के लगभग अपने चंडीगढ़ सचिवालय कार्यालय में ऑक्सीजन का सिलेंडर लगाकर फाइलों को निकाला और दफ्तर के सारे काम किए। काम करना उनका जुनून है। पीजीआई के डॉक्टर दिनरात मेहनत कर रहे हैं मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगा।
विस्तार
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पुराने भवन के पुनर्निर्माण और नवीनीकरण करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है। साथ ही यह भी कहा कि वे उनसे मिलकर इसके लिए कुछ सुझाव देना चाहते हैं।
बता दें कि फिलहाल अनिल विज पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल हैं।
पत्र में विज ने लिखा है कि पीजीआई चंडीगढ़ उत्तरी क्षेत्र का एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान है। यहां हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां सभी हाईटेक और मल्टी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मांग के अनुसार नए भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है लेकिन, यह देखा गया है कि 1950 में निर्मित पीजीआई चंडीगढ़ की पुरानी इमारत के साथ कुछ समस्याएं हैं। इस वजह से उक्त भवन का नवीनीकरण या पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है।
‘मैं नहीं चाहता मेरी बीमारी से किसी का काम रुके’
विज ने कहा कि कुछ लोगों ने मेरा पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान अपने दफ्तर की फाइलें को निपटाना ठीक नहीं लगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी बीमारी की वजह से कोई भी काम रुके। फाइलें चलती हैं तो सरकार चलती है, फाइलों के रुक जाने से सरकार के कार्य पर फर्क पड़ता है। कोरोना के बाद जब वह 24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, तब भी एक महीने के लगभग अपने चंडीगढ़ सचिवालय कार्यालय में ऑक्सीजन का सिलेंडर लगाकर फाइलों को निकाला और दफ्तर के सारे काम किए। काम करना उनका जुनून है। पीजीआई के डॉक्टर दिनरात मेहनत कर रहे हैं मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगा।