न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Fri, 24 Apr 2020 12:12 AM IST
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कर्फ्यू व तालाबंदी शुरू होने से अब तक महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायतों में भारी वृद्धि को देखते हुए पुलिस ने ऐसे मामलों से निपटने की विस्तृत रणनीति तैयार की है। इसके तहत डीएसपी को महिलाओं के विरुद्ध अपराध के संबंध में की जा रही कार्रवाई की डेली रिपोर्ट पेश करनी होगी। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्थिति का जायजा लेने और इस वृद्धि दर से निपटने के लिए डीजीपी ने गुरुवार को सीएडब्ल्यू सेल के सभी डीएसपी और महिला हेल्प डेस्क के अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरप्रीत दिओ एडीजीपी कम्युनिटी अफेयर्स (सीएडी) ने बताया कि पुलिस के प्रतिक्रिया तंत्र को तैयार करने के लिए एसओपी को लगाया गया है।
मीटिंग में फैसला किया गया है कि ऐसी सभी शिकायतों का पता लगाने और की गई कार्रवाई की निगरानी करने के लिए डीएसपी एक निर्धारित फॉर्मेट में रोजाना रिपोर्ट भेजेंगे। जरूरत पड़ने पर पुलिस वन स्टॉप सेंटरों से तालमेल करेगी। जिनका प्रबंधन सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नामांकित किए गए काउंसलरों द्वारा किया जाता है।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि आंकड़े दर्शाते हैं कि फरवरी से 20 अप्रैल के बीच महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में (4709 से 5695 तक) 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी दौरान महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा के मामले भी इतने ही प्रतिशत (3287 से 3993 तक) से बढ़े हैं।
दूसरी ओर, इसी दौरान दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म और छेड़खानी के मामलों में काफी कमी आई है। संभवत: इसका कारण यह है कि पुरुष और महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल रहें हैं और पुलिस की मौजूदगी में वृद्धि हुई है। तीन महीनों में 20 मार्च तक डायल 112 पर प्रतिदिन आने वाली कॉल्स की संख्या 133 रही। घरेलू हिंसा के मामले कुल 34 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। इस समय सीमा में कुल मामलों की दैनिक वृद्धि 30 प्रतिशत है।
कर्फ्यू व तालाबंदी शुरू होने से अब तक महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायतों में भारी वृद्धि को देखते हुए पुलिस ने ऐसे मामलों से निपटने की विस्तृत रणनीति तैयार की है। इसके तहत डीएसपी को महिलाओं के विरुद्ध अपराध के संबंध में की जा रही कार्रवाई की डेली रिपोर्ट पेश करनी होगी। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्थिति का जायजा लेने और इस वृद्धि दर से निपटने के लिए डीजीपी ने गुरुवार को सीएडब्ल्यू सेल के सभी डीएसपी और महिला हेल्प डेस्क के अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरप्रीत दिओ एडीजीपी कम्युनिटी अफेयर्स (सीएडी) ने बताया कि पुलिस के प्रतिक्रिया तंत्र को तैयार करने के लिए एसओपी को लगाया गया है।
मीटिंग में फैसला किया गया है कि ऐसी सभी शिकायतों का पता लगाने और की गई कार्रवाई की निगरानी करने के लिए डीएसपी एक निर्धारित फॉर्मेट में रोजाना रिपोर्ट भेजेंगे। जरूरत पड़ने पर पुलिस वन स्टॉप सेंटरों से तालमेल करेगी। जिनका प्रबंधन सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नामांकित किए गए काउंसलरों द्वारा किया जाता है।
ऐसे मामलों में कार्रवाई की डेली रिपोर्ट देंगे डीएसपी: डीजीपी
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि आंकड़े दर्शाते हैं कि फरवरी से 20 अप्रैल के बीच महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में (4709 से 5695 तक) 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी दौरान महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा के मामले भी इतने ही प्रतिशत (3287 से 3993 तक) से बढ़े हैं।
दूसरी ओर, इसी दौरान दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म और छेड़खानी के मामलों में काफी कमी आई है। संभवत: इसका कारण यह है कि पुरुष और महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल रहें हैं और पुलिस की मौजूदगी में वृद्धि हुई है। तीन महीनों में 20 मार्च तक डायल 112 पर प्रतिदिन आने वाली कॉल्स की संख्या 133 रही। घरेलू हिंसा के मामले कुल 34 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। इस समय सीमा में कुल मामलों की दैनिक वृद्धि 30 प्रतिशत है।