लुधियाना में बीते शनिवार को हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने तीसरे आरोपी को गांव चक्ककलां के पास नाकाबंदी के दौरान गिरफ्तार किया है। बुधवार की सुबह पकड़े गए आरोपी की पहचान जम्मू कश्मीर के कठुआ निवासी सुरमु के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में अभी तक छह लोगों के स्केच जारी किए थे, अब तक पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि बचे तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। संभावना जताई जा रही है कि पुलिस गुरुवार को इसका खुलासा कर सकती है। वहीं दूसरी ओर मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए गांव इस्सेवल के गुरप्रीत सिंह को पुलिस ने रिहा कर दिया है। पुलिस आरोपी सादिक अली और जगरूप को मंगलवार को ही गिरफ्तार कर चुकी है।
इन तीनों से पूछताछ के बाद ही पुलिस फरार चल रहे तीनों आरोपियो का पता लगाने में जुटी है। पता चला है कि फरार चल रहे तीनों आरोपियों के करीबी रिश्तेदारों और परिवार वालों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में रखा है, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस की छह पार्टिया आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी के लिए निकली हुई है।
डीआईजी रणवीर सिंह खटड़ा ने बताया कि शनिवार की रात घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी सुरमु जम्मू कश्मीर स्थित कठुआ अपने घर चला गया था। पुलिस की टीमें इस मामले में लगातार जांच में जुटी थी, जहां जहां टीमें आरोपी की तलाश में गईं, वहां से पता चला कि आरोपी कठुआ में छिपा है। पुलिस टीम कठुआ स्थित आरोपी सुरमु के घर पहुंच गई। वहां से पता चला कि वह मंगलवार की रात को ही वापस चला गया है। बुधवार की सुबह पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव चक्क कलां के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
सामूहिक दुष्कर्म में अब तक गिरफ्तार किए गए सादिक अली, जगरुप सिंह और सुरमु को लेकर दाखा पुलिस बुधवार की दोपहर को सुधार के सिविल अस्पताल पहुंची। मेडिकल जांच कराने के बाद तीनों को लुधियाना में न्यायाधीश अंकित ऐरी की अदालत में पेश किया। अदालत ने तीनों आरोपियों को सभी के सामने कड़ी फटकार भी लगाई।
इस दौरान उन्होंने पुलिस को भी कुछ आदेश जारी किए। पुलिस ने आरोपियों का 14 दिन का पुलिस रिमांड मांगा गया था। पुलिस ने अदालत में कहा कि आरोपियों के तीन साथी अभी फरार है। उनकी तलाश के लिए आरोपियों को 14 दिन के लिए उन्हें सौंपा जाए। इस पर अदालत ने तीनों आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
आरोपियों पर अकाली नेता दुगरी ने किया जूते से हमला
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने के बाद चर्चा में आए यूथ अकाली दल जिला प्रधान मीतपाल दुगरी ने बुधवार को एक नया कारनामा कर डाला है। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों को बुधवार जब अदालत में पेश कर बाहर लाया जा रहा था। उस समय मीत पाल दुगरी ने अपने एक अन्य साथी के साथ जूते से हमला कर दिया।
पुलिस ने जैसे जूता हाथ में लिए नारा लगाते यूथ नेताओं को उनकी तरफ आते देखा। उन्होंने आरोपियों के चारो तरफ सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया, इसके बाद यूथ नेता ने जूते को आरोपियों की तरफ फेंक मारा, जो कि एक आरोपी को लगा। पुलिस तुरंत तीनों आरोपियों को गाड़ी में बैठाकर घेराबंदी कर अपने साथ ले गई।
गांव इस्सेवाल में नौ फरवरी की रात युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है। सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच के लिए बुधवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने लुधियाना के एक होटल में पीड़ित युवती और उसके दोस्त से मुलाकात की। आयोग की अधिकारी प्रीति कुमार की अगुवाई में पहुंची टीम में कुल तीन लोग शामिल थे, जिसमें दो महिलाएं व एक पुरुष सदस्यं ने कई घंटों तक पीड़ितों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट तैयार की।
टीम ने पीड़ित युवती से मामले संबंधी छोटी से छोटी बात को भी खंगाला और हर तरह से सहयोग व सहायता करने की बात कही। आयोग की अधिकारी ने पीड़ित लड़की को समझाया कि वह अपनी स्टेटमेंट के मुख्य बिंदुओं को लिख कर पक्के तौर पर याद कर ले ताकि अदालत में बयान देते वक्त किसी तरह की भी गलती न हो और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जा सके। टीम ने पीड़ित को पूरी मदद का भरोसा देते हुए हमेशा संपर्क में रहने के लिए भी कहा।
इस दौरान पीड़ित लड़की ने आयोग के अधिकारियों से मांग की है कि आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने में उसकी मदद की जाए। टीम से बातचीत में पीड़िता ने दाखा पुलिस पर बयान तोड़ मरोड़ कर लिखने का भी आरोप लगाया। पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि उसके दोस्त एंव उसका फोन स्विच ऑफ हो जाने के कारण लोकेशन नहीं मिल सकी, जिस कारण पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी, जबकि उसके दोस्त का फोन आरोपियों ने दोबारा स्विच ऑन किया और फिरौती की मांग की।
दूसरे पुलिस ने आरोपियों की कुल गिनती छह बताई है, लेकिन आरोपी इससे अधिक थे। प्रीति कुमार ने पूरे मामले की रिपोर्ट पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों से तलब करने का भरोसा भी दिया है। पूछताछ के बाद टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। दोपहर बाद महिला आयोग की टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
पीड़ित लड़की का कहना है कि समय के साथ उसके शरीर के जख्म तो भर जाएंगे, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने उसके दिलो दिमाग पर गहरा असर छोड़ा है। उसने सरकार से मांग की है कि उसका किसी अच्छे मनोरोगी डाक्टर से इलाज करवाने में मदद की जाए। पिता की मौत के बाद वह अपनी मां की बेटी नहीं बल्कि बेटा बन सहारा बनने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उस दिन की घटना ने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया है। घटना को याद कर अभी भी उसे काफी डर लग रहा है।
मुफ्त में केस लड़ेंगे सीनियर वकील
सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित युवती की मदद के लिए अब जिला अदालत के एक बड़े क्रिमिनल वकील ने पूरा केस मुफ्त में लड़ने की पेशकश की है। वकील का कहना है कि उनके एनजीओ के साथ देश के 35 सौ अधिवक्ता जुड़े हैं और वह आरोपियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाने में मदद करेंगे। आज उन वकीलों में से कई पीड़ित युवती से मिलने पहुंचे और मदद करने की पेशकश की। अभी युवती ने वकीलों से मुलाकात कर सोचने का वक्त मांगा है।
लुधियाना में बीते शनिवार को हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने तीसरे आरोपी को गांव चक्ककलां के पास नाकाबंदी के दौरान गिरफ्तार किया है। बुधवार की सुबह पकड़े गए आरोपी की पहचान जम्मू कश्मीर के कठुआ निवासी सुरमु के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में अभी तक छह लोगों के स्केच जारी किए थे, अब तक पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि बचे तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। संभावना जताई जा रही है कि पुलिस गुरुवार को इसका खुलासा कर सकती है। वहीं दूसरी ओर मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए गांव इस्सेवल के गुरप्रीत सिंह को पुलिस ने रिहा कर दिया है। पुलिस आरोपी सादिक अली और जगरूप को मंगलवार को ही गिरफ्तार कर चुकी है।
इन तीनों से पूछताछ के बाद ही पुलिस फरार चल रहे तीनों आरोपियो का पता लगाने में जुटी है। पता चला है कि फरार चल रहे तीनों आरोपियों के करीबी रिश्तेदारों और परिवार वालों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में रखा है, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस की छह पार्टिया आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी के लिए निकली हुई है।
डीआईजी रणवीर सिंह खटड़ा ने बताया कि शनिवार की रात घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी सुरमु जम्मू कश्मीर स्थित कठुआ अपने घर चला गया था। पुलिस की टीमें इस मामले में लगातार जांच में जुटी थी, जहां जहां टीमें आरोपी की तलाश में गईं, वहां से पता चला कि आरोपी कठुआ में छिपा है। पुलिस टीम कठुआ स्थित आरोपी सुरमु के घर पहुंच गई। वहां से पता चला कि वह मंगलवार की रात को ही वापस चला गया है। बुधवार की सुबह पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव चक्क कलां के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
तीनों आरोपी सात दिन के पुलिस रिमांड पर
सामूहिक दुष्कर्म में अब तक गिरफ्तार किए गए सादिक अली, जगरुप सिंह और सुरमु को लेकर दाखा पुलिस बुधवार की दोपहर को सुधार के सिविल अस्पताल पहुंची। मेडिकल जांच कराने के बाद तीनों को लुधियाना में न्यायाधीश अंकित ऐरी की अदालत में पेश किया। अदालत ने तीनों आरोपियों को सभी के सामने कड़ी फटकार भी लगाई।
इस दौरान उन्होंने पुलिस को भी कुछ आदेश जारी किए। पुलिस ने आरोपियों का 14 दिन का पुलिस रिमांड मांगा गया था। पुलिस ने अदालत में कहा कि आरोपियों के तीन साथी अभी फरार है। उनकी तलाश के लिए आरोपियों को 14 दिन के लिए उन्हें सौंपा जाए। इस पर अदालत ने तीनों आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
आरोपियों पर अकाली नेता दुगरी ने किया जूते से हमला
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने के बाद चर्चा में आए यूथ अकाली दल जिला प्रधान मीतपाल दुगरी ने बुधवार को एक नया कारनामा कर डाला है। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों को बुधवार जब अदालत में पेश कर बाहर लाया जा रहा था। उस समय मीत पाल दुगरी ने अपने एक अन्य साथी के साथ जूते से हमला कर दिया।
पुलिस ने जैसे जूता हाथ में लिए नारा लगाते यूथ नेताओं को उनकी तरफ आते देखा। उन्होंने आरोपियों के चारो तरफ सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया, इसके बाद यूथ नेता ने जूते को आरोपियों की तरफ फेंक मारा, जो कि एक आरोपी को लगा। पुलिस तुरंत तीनों आरोपियों को गाड़ी में बैठाकर घेराबंदी कर अपने साथ ले गई।
महिला आयोग की टीम ने पीड़ित युवती से मुलाकात
गांव इस्सेवाल में नौ फरवरी की रात युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है। सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच के लिए बुधवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने लुधियाना के एक होटल में पीड़ित युवती और उसके दोस्त से मुलाकात की। आयोग की अधिकारी प्रीति कुमार की अगुवाई में पहुंची टीम में कुल तीन लोग शामिल थे, जिसमें दो महिलाएं व एक पुरुष सदस्यं ने कई घंटों तक पीड़ितों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट तैयार की।
टीम ने पीड़ित युवती से मामले संबंधी छोटी से छोटी बात को भी खंगाला और हर तरह से सहयोग व सहायता करने की बात कही। आयोग की अधिकारी ने पीड़ित लड़की को समझाया कि वह अपनी स्टेटमेंट के मुख्य बिंदुओं को लिख कर पक्के तौर पर याद कर ले ताकि अदालत में बयान देते वक्त किसी तरह की भी गलती न हो और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जा सके। टीम ने पीड़ित को पूरी मदद का भरोसा देते हुए हमेशा संपर्क में रहने के लिए भी कहा।
इस दौरान पीड़ित लड़की ने आयोग के अधिकारियों से मांग की है कि आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने में उसकी मदद की जाए। टीम से बातचीत में पीड़िता ने दाखा पुलिस पर बयान तोड़ मरोड़ कर लिखने का भी आरोप लगाया। पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि उसके दोस्त एंव उसका फोन स्विच ऑफ हो जाने के कारण लोकेशन नहीं मिल सकी, जिस कारण पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी, जबकि उसके दोस्त का फोन आरोपियों ने दोबारा स्विच ऑन किया और फिरौती की मांग की।
दूसरे पुलिस ने आरोपियों की कुल गिनती छह बताई है, लेकिन आरोपी इससे अधिक थे। प्रीति कुमार ने पूरे मामले की रिपोर्ट पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों से तलब करने का भरोसा भी दिया है। पूछताछ के बाद टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। दोपहर बाद महिला आयोग की टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
घटना को याद कर अभी भी डर रही है युवती
पीड़ित लड़की का कहना है कि समय के साथ उसके शरीर के जख्म तो भर जाएंगे, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने उसके दिलो दिमाग पर गहरा असर छोड़ा है। उसने सरकार से मांग की है कि उसका किसी अच्छे मनोरोगी डाक्टर से इलाज करवाने में मदद की जाए। पिता की मौत के बाद वह अपनी मां की बेटी नहीं बल्कि बेटा बन सहारा बनने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उस दिन की घटना ने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया है। घटना को याद कर अभी भी उसे काफी डर लग रहा है।
मुफ्त में केस लड़ेंगे सीनियर वकील
सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित युवती की मदद के लिए अब जिला अदालत के एक बड़े क्रिमिनल वकील ने पूरा केस मुफ्त में लड़ने की पेशकश की है। वकील का कहना है कि उनके एनजीओ के साथ देश के 35 सौ अधिवक्ता जुड़े हैं और वह आरोपियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाने में मदद करेंगे। आज उन वकीलों में से कई पीड़ित युवती से मिलने पहुंचे और मदद करने की पेशकश की। अभी युवती ने वकीलों से मुलाकात कर सोचने का वक्त मांगा है।