पूर्व हॉकी खिलाड़ी और कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने शराब माफिया और खनन माफिया का मुद्दा उठाते हुए अपनी ही सरकार पर गोल दाग दिया है। उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार की नाकामियों को खुले तौर पर उजागर करते हुए न सिर्फ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जानकारी दी, बल्कि उन्हें चुनाव घोषणापत्र में जनता से किए वादे भी याद दिलाए। उन्होंने कैप्टन को भेजे पत्र की एक कॉपी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी भेज दी है।
वहीं, परगट सिंह का कहना है कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष को भेजा गया पत्र पार्टी का अंदरूनी मामला है। यह पत्र भी इंटरनल ही था, लेकिन यह किसी तरह मीडिया में लीक हो गया है। परगट सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि वे दिसंबर 2019 में भी पत्र लिख चुके हैं। उसमें उन्होंने उस समय भी नशे के खिलाफ राज्य सरकार की विफलता का मामला उठाया था।
नए पत्र में परगट सिंह ने कहा है कि सरकार राज्य में शराब माफिया और खनन माफिया पर लगाम कसने में नाकाम रही है। माफिया राज ठीक उसी तरह चल रहा है, जैसे बादल सरकार के समय चल रहा था। राज्य में भ्रष्टाचार पर भी अंकुश नहीं लगाया जा सका। उन्होंने कैप्टन को चुनाव घोषणापत्र में जनता के किए वादों की याद भी दिलाई और कहा कि जनता से किए वादे पूरे नहीं हो सके हैं।
मुख्यमंत्री की नीतियों का खुला विरोध करने वाले परगट सिंह कांग्रेस के पहले विधायक नहीं हैं। उनसे पहले सुरजीत धीमान, रणदीप सिंह, निर्मल सिंह, हरदयाल कंबोज, मदनलाल जलालपुर, राजिंदर सिंह और राजा वड़िंग भी सरकार के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं। वैसे परगट सिंह को पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी साथी माना जाता है। सिद्धू बीते साल जुलाई में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मनमुटाव के चलते कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके हैं।
पूर्व हॉकी खिलाड़ी और कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने शराब माफिया और खनन माफिया का मुद्दा उठाते हुए अपनी ही सरकार पर गोल दाग दिया है। उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार की नाकामियों को खुले तौर पर उजागर करते हुए न सिर्फ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जानकारी दी, बल्कि उन्हें चुनाव घोषणापत्र में जनता से किए वादे भी याद दिलाए। उन्होंने कैप्टन को भेजे पत्र की एक कॉपी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी भेज दी है।
वहीं, परगट सिंह का कहना है कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष को भेजा गया पत्र पार्टी का अंदरूनी मामला है। यह पत्र भी इंटरनल ही था, लेकिन यह किसी तरह मीडिया में लीक हो गया है। परगट सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि वे दिसंबर 2019 में भी पत्र लिख चुके हैं। उसमें उन्होंने उस समय भी नशे के खिलाफ राज्य सरकार की विफलता का मामला उठाया था।
नए पत्र में परगट सिंह ने कहा है कि सरकार राज्य में शराब माफिया और खनन माफिया पर लगाम कसने में नाकाम रही है। माफिया राज ठीक उसी तरह चल रहा है, जैसे बादल सरकार के समय चल रहा था। राज्य में भ्रष्टाचार पर भी अंकुश नहीं लगाया जा सका। उन्होंने कैप्टन को चुनाव घोषणापत्र में जनता के किए वादों की याद भी दिलाई और कहा कि जनता से किए वादे पूरे नहीं हो सके हैं।
मुख्यमंत्री की नीतियों का खुला विरोध करने वाले परगट सिंह कांग्रेस के पहले विधायक नहीं हैं। उनसे पहले सुरजीत धीमान, रणदीप सिंह, निर्मल सिंह, हरदयाल कंबोज, मदनलाल जलालपुर, राजिंदर सिंह और राजा वड़िंग भी सरकार के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं। वैसे परगट सिंह को पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी साथी माना जाता है। सिद्धू बीते साल जुलाई में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मनमुटाव के चलते कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके हैं।