शतरंज ओलंपियाड की मशाल गुरुवार को चंडीगढ़ पहुंची। रॉक गार्डन में प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने यह मशाल ग्रैंड मास्टर दीप सेनगुप्ता से प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शतरंज के खेल में जात-पात का भेद नहीं है। इसमें ब्राह्मण-ठाकुर कुछ नहीं है। पिछड़ी जाति का ठाकुर को भी हरा सकता है। भाजपा नेता संजय टंडन की ओर देखते हुए पुरोहित ने कहा कि यह दिमाग का खेल है। चाल कैसे चलनी है यह राजनितिज्ञों के लिए जरूरी है।
बता दें कि 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई में होने जा रहे शतरंज ओलंपियाड के 44वें संस्करण की मेजबानी पहली बार भारत को मिली है। वर्ष 1927 से आयोजित हो रही यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 30 साल बाद एशिया में हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में इस रिले का शुभारंभ किया था।
मशाल को चेन्नई के पास महाबलीपुरम में पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि में 75 शहरों में ले जाया जाएगा। प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मशाल रिले की नई परंपरा की पहल के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस साल भारत शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करने जा रहा है।
पुरोहित ने कहा कि आज जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है तो यह शतरंज ओलंपियाड मशाल देश के 75 शहरों में जा रही है। रॉक गार्डन में आयोजित कार्यक्रम के उपरांत पुरोहित ने मशाल को फिर से ग्रैंडमास्टर दीप सेनगुप्ता को सौंपकर उसे आगे रवाना कर दिया। बता दें कि इस ओलंपियाड में 189 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
प्रशासक बोले- शतरंज का आविष्कार हमारे पूर्वजों ने किया था
प्रशासक पुरोहित ने भारत के वैभवपूर्ण इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने विश्लेषण क्षमता का अद्भुत इस्तेमाल करते हुए शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। यह खेल आज पूरे विश्व में लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि शतरंज खेल व्यक्ति के मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार करता है।
इससे हमें निरंतर अपने ध्येय की ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इससे पहले समारोह में चंडीगढ़ चेस एसोसिएशन के प्रोफेसर अनिल रैना ने प्रशासक का स्वागत किया व शतरंज ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में चंडीगढ़ के डीसी विनय प्रताप, भाजपा नेता और यूटीसीए के अध्यक्ष संजय टंडन, एसएसपी कुलदीप चहल सहित बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद रहे।
शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का गिद्दे व भंगड़े से स्वागत
44वें शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले का मोहाली पहुंचने पर भी भंगड़े व गिद्दे से स्वागत हुआ। चंडीगढ़ से मशाल सीधे सेक्टर-65 गोल्फ रेंज में पहुंची। वहां पर खेल विभाग के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी, डीसी अमित तलवार व शतरंज एसोसिएशन के प्रधान मुनीष थापर ने मशाल प्राप्त की। इसके अलावा खेल जगत की कई हस्तियां हाजिर रहीं।
मशाल पटियाला होते हुए अमृतसर और फिर बाघा सीमा तक जाएगी। इसके बाद हरियाणा की तरफ रवाना होगी। प्रमुख सचिव ने बताया कि मशाल चेन्नई के महाबलीपुरम में स्थापित होने से पहले देश के 75 शहरों की यात्रा करेगी। इस मुकाबले में विभिन्न देशों के 147 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। पंजाब के छह खिलाड़ी इस मुकाबले में किस्मत आजमाएंगे।
डीसी ने कहा कि शतरंज फेडरेशन ऑफ पंजाब के नुमाइंदों के साथ मिलकर खेल को और उत्साहित किया जाएगा। खेल विभाग की तरफ से हर संभव सहायता दी जाएगी। इस साल पहली बार अंतरराष्ट्रीय शतरंज संस्था एनआईडीई ने शतरंज ओलंपियाड मशाल की स्थापना की है। भारत 44वीं शतरज ओलंपियाड मशाल रिले करवाने वाला पहला देश होगा। यह मशाल शतरंज के बारे लोगों में जागरूकता बढ़ाएगी।
मान सरकार के पहले बजट में खेलों को विशेष तरजीह मिलेगी: गुरलाल सिंह
विश्व के 190 देशों के शतरंज खिलाड़ियों की भागीदारी वाली और भारत में पहली बार आयोजित होने जा रही 44वीं चेस ओलंपियाड की मशाल गुरुवार को पटियाला पहुंची। खुली जीप में सवार चेस के ग्रैंड मास्टर दीप सेन गुप्ता के हाथ में इस मशाल का एनआईएस में पंजाब सरकार, जिला प्रशासन, एनआईएस, खिलाड़ियों, विद्यार्थियों, नेहरू युवा केंद्र के वालंटियरों और पंजाब स्टेट चेस एसोसिएशन ने शानदार स्वागत किया गया। इस मौके पर विशेष तौर से पहुंचे घन्नौर से आप विधायक गुरलाल सिंह घन्नौर ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार के पहले बजट में भी खेलों को खास तरजीह मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह मशाल शतरंज खेल के लिए एक नई शुरुआत है, जो नौजवानों को खेलों के साथ जोड़ने के लिए और बढ़ावा देगी। मुख्य मेहमान खेल व युवक सेवाएं विभाग पंजाब के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी ने कहा कि महाबलीपुरम (चेन्नई) में होने जा रही 44वीं चेस ओलंपियाड में पंजाब के छह खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। डीसी साक्षी साहनी ने कहा कि इस मशाल ने नौजवानों में खेलों व खास करके शतरंज के खेल प्रति जोश भरा है। चेस ग्रैंड मास्टर दीप सेन गुप्ता ने पटियाला के छोटी उम्र के खिलाड़ियों के साथ शतरंज खेल कर उन्हें प्रेरित किया।
विस्तार
शतरंज ओलंपियाड की मशाल गुरुवार को चंडीगढ़ पहुंची। रॉक गार्डन में प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने यह मशाल ग्रैंड मास्टर दीप सेनगुप्ता से प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शतरंज के खेल में जात-पात का भेद नहीं है। इसमें ब्राह्मण-ठाकुर कुछ नहीं है। पिछड़ी जाति का ठाकुर को भी हरा सकता है। भाजपा नेता संजय टंडन की ओर देखते हुए पुरोहित ने कहा कि यह दिमाग का खेल है। चाल कैसे चलनी है यह राजनितिज्ञों के लिए जरूरी है।
बता दें कि 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई में होने जा रहे शतरंज ओलंपियाड के 44वें संस्करण की मेजबानी पहली बार भारत को मिली है। वर्ष 1927 से आयोजित हो रही यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 30 साल बाद एशिया में हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में इस रिले का शुभारंभ किया था।
मशाल को चेन्नई के पास महाबलीपुरम में पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि में 75 शहरों में ले जाया जाएगा। प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मशाल रिले की नई परंपरा की पहल के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस साल भारत शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करने जा रहा है।
पुरोहित ने कहा कि आज जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है तो यह शतरंज ओलंपियाड मशाल देश के 75 शहरों में जा रही है। रॉक गार्डन में आयोजित कार्यक्रम के उपरांत पुरोहित ने मशाल को फिर से ग्रैंडमास्टर दीप सेनगुप्ता को सौंपकर उसे आगे रवाना कर दिया। बता दें कि इस ओलंपियाड में 189 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
प्रशासक बोले- शतरंज का आविष्कार हमारे पूर्वजों ने किया था
प्रशासक पुरोहित ने भारत के वैभवपूर्ण इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने विश्लेषण क्षमता का अद्भुत इस्तेमाल करते हुए शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। यह खेल आज पूरे विश्व में लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि शतरंज खेल व्यक्ति के मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार करता है।
इससे हमें निरंतर अपने ध्येय की ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इससे पहले समारोह में चंडीगढ़ चेस एसोसिएशन के प्रोफेसर अनिल रैना ने प्रशासक का स्वागत किया व शतरंज ओलंपियाड की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में चंडीगढ़ के डीसी विनय प्रताप, भाजपा नेता और यूटीसीए के अध्यक्ष संजय टंडन, एसएसपी कुलदीप चहल सहित बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद रहे।
शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का गिद्दे व भंगड़े से स्वागत
44वें शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले का मोहाली पहुंचने पर भी भंगड़े व गिद्दे से स्वागत हुआ। चंडीगढ़ से मशाल सीधे सेक्टर-65 गोल्फ रेंज में पहुंची। वहां पर खेल विभाग के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी, डीसी अमित तलवार व शतरंज एसोसिएशन के प्रधान मुनीष थापर ने मशाल प्राप्त की। इसके अलावा खेल जगत की कई हस्तियां हाजिर रहीं।
मशाल पटियाला होते हुए अमृतसर और फिर बाघा सीमा तक जाएगी। इसके बाद हरियाणा की तरफ रवाना होगी। प्रमुख सचिव ने बताया कि मशाल चेन्नई के महाबलीपुरम में स्थापित होने से पहले देश के 75 शहरों की यात्रा करेगी। इस मुकाबले में विभिन्न देशों के 147 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। पंजाब के छह खिलाड़ी इस मुकाबले में किस्मत आजमाएंगे।
डीसी ने कहा कि शतरंज फेडरेशन ऑफ पंजाब के नुमाइंदों के साथ मिलकर खेल को और उत्साहित किया जाएगा। खेल विभाग की तरफ से हर संभव सहायता दी जाएगी। इस साल पहली बार अंतरराष्ट्रीय शतरंज संस्था एनआईडीई ने शतरंज ओलंपियाड मशाल की स्थापना की है। भारत 44वीं शतरज ओलंपियाड मशाल रिले करवाने वाला पहला देश होगा। यह मशाल शतरंज के बारे लोगों में जागरूकता बढ़ाएगी।