न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मोगा (हरियाणा)
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 26 Jun 2019 08:04 PM IST
स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब में चमकी बुखार को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। साथ में इस दिमागी बुखार से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। हालांकि पंजाब में चमकी बुखार का कोई केस अभी तक सामने नहीं आया है। लेकिन बिहार में चमकी बुखार से 150 से अधिक बच्चों की मौत के बाद पंजाब में भी इस बीमारी का खतरा बन गया है। इसकी वजह ये है कि इन दिनों बिहार से अधिकतर मजदूर काम के लिए पंजाब आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ सुपरवाइजर महिंदरपाल लूंबा ने बताया कि विभाग ने चमकी बुखार से निपटने की तैयारी कर रखी है। लेकिन यह एक ऐसा दिमागी बुखार है जो कि बहुत जल्दी फैलता है।
डेंगू के साथ इस बार चमकी बुखार से बचने के लिए लोगों को पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। बिहार और यूपी सरकार को चमकी बुखार पर सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार लग चुकी है। अब पंजाब सरकार चमकी बुखार को लेकर बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहती।
क्या है चमकी बुखार
जिस बुखार की वजह से बिहार में 150 से अधिक बच्चों की मौतें हो चुकी हैं, इसे स्थानीय भाषा में चमकी बुखार नाम दिया गया है। इसे इंसेफेलाइटिस भी कहा जाता है। अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी (एईएस) शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और वह भी खासतौर पर बच्चों में।
इस बीमारी में शुरुआत में तेज बुखार आता है। शरीर में ऐंठन महसूस होती है। इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों में रुकावट आने लगती है। चक्कर आना, बच्चा बेहोश हो जाता है। दौरे पड़ने लगते हैं। कुछ केस में तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत भी हो सकती है। आमतौर पर यह बीमारी जून से अक्टूबर के बीच देखने को मिलती है।
बचाव के लिए क्या करें
ऐसे में जब चमकी बुखार के कारणों का ही ठीक से पता नहीं है। इससे बचाव का कोई सटीक उपाय भी नहीं है। हालांकि, कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। जारी एडवाइजरी के अनुसार, बच्चे को धूप और गर्मी से बचाकर रखें। पोषक आहार खिलाएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें। खाली पेट लीची बिल्कुल नहीं खाएं।
अगर सुबह उठकर बच्चे को चक्कर आएं या कमजोरी महसूस हो तो उसे तुरंत ग्लूकोज या चीनी घोलकर पिला दें। अगर यह समस्या शुगर लो होने की वजह से हुई होगी तो ग्लूकोज पीने से ठीक हो जाएगी। किसी भी तरह के बुखार या अन्य बीमारी को नजरअंदाज नहीं करें। बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब में चमकी बुखार को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। साथ में इस दिमागी बुखार से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। हालांकि पंजाब में चमकी बुखार का कोई केस अभी तक सामने नहीं आया है। लेकिन बिहार में चमकी बुखार से 150 से अधिक बच्चों की मौत के बाद पंजाब में भी इस बीमारी का खतरा बन गया है। इसकी वजह ये है कि इन दिनों बिहार से अधिकतर मजदूर काम के लिए पंजाब आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ सुपरवाइजर महिंदरपाल लूंबा ने बताया कि विभाग ने चमकी बुखार से निपटने की तैयारी कर रखी है। लेकिन यह एक ऐसा दिमागी बुखार है जो कि बहुत जल्दी फैलता है।
डेंगू के साथ इस बार चमकी बुखार से बचने के लिए लोगों को पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। बिहार और यूपी सरकार को चमकी बुखार पर सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार लग चुकी है। अब पंजाब सरकार चमकी बुखार को लेकर बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहती।
क्या है चमकी बुखार
जिस बुखार की वजह से बिहार में 150 से अधिक बच्चों की मौतें हो चुकी हैं, इसे स्थानीय भाषा में चमकी बुखार नाम दिया गया है। इसे इंसेफेलाइटिस भी कहा जाता है। अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी (एईएस) शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और वह भी खासतौर पर बच्चों में।