बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राज्य में चार रैलियां कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने छपरा में आयोजित रैली में प्रदेश का मान बढ़ाने वाले गोपालगंज के बेटे का नाम लेकर बधाई दी। यह कोई और नहीं बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र और पूर्वी अफ्रीका के देश सेशेल्स के राष्ट्रपति वैवेल रामकलावन हैं। आइए जानते हैं कौन राष्ट्रपति रामकलावन और क्या है इनका बिहार से नाता...
गोपलगंज के रहने वाले हैं राष्ट्रपति रामकलावन
सेशेल्स के राष्ट्रपति रामकलावन का पूरा नाम वैवेल जॉन चार्ल्स रामकलावन है। वे बिहार के बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। हाल ही में उन्हें सेशेल्स का राष्ट्रपति चुना गया है। उनके पूर्वज गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के परसौनी गांव के रहने वाले थे और 135 साल पहले गिरमिटिया मजदूर के रूप में मॉरीशस गए थे। इसके बाद वे सेशेल्स चले गए और वहीं बस गए।
रामकलावन दो साल पहले आए थे अपने गांव
रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति रामकलावन करीब दो साल पहले अपने गांव परसौनी आए थे। इस दौरान गांव के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया था। तब रामकलावन ने कहा था कि वे इस नेह-छोह को कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने दोबारा गांव आने का वादा भी किया था।
छह बार लड़े राष्ट्रपति चुनाव
भारतवंशी वैवेल रामकलावन इससे पहले करीब छह बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में उतर चुके थे, परंतु उन्हें हर बार हार झेलनी पड़ी। हालांकि उन्होंने अपने प्रयास और लोकहित के कार्यों को जारी रखा। लिन्योन डेमोक्रेटिक सेसेल्वा पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रामकलावन ने सेशेल्स के राष्ट्रपति के चुनाव में यूनाइटेड सेशेल्स पार्टी के डैनी फॉरे को भारी मतों से शिकस्त दी है। रामकलावन को 54.9 फीसदी और डैनी फॉरे को 43.5 फीसदी वोट मिले।
रामकलावन के पिता लोहार थे
रामकलावन का जन्म सेशेल्स के प्रमुख द्वीप महे पर हुआ था। उनके पिता लोहार थे, उनकी मां प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका थीं। उनकी पत्नी का नाम लिंडा है। रामकलावन के तीन बेटे हैं सैमुअल, कालेब और अमोस। रामकलावन एक पार्टी की सरकार, कानून का शासन और मानवाधिकारों के लिए किए गए उनके कार्यों की वजह से सेशेल्स में काफी लोकप्रिय हैं।