कार खरीदने की प्लानिंग करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अगर आप कार को फाइनेंस पर लेने की तैयारी कर रहे हैं। तो हो सकता है कि आपको बैंक आसानी से कम ब्याज दर पर लोन दें। वहीं कई बार स्थिति विपरीत भी होती है। इसके लिए क्रेडिट स्कोर जिम्मेदार होता है। आखिर क्या होता है क्रेडिट स्कोर और किस तरह से कार दिलवाने में करता है मदद। आइए जानते हैं।
क्या होता है क्रेडिट स्कोर
किसी भी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को समझकर ही एक स्कोर दिया जाता है। इसे ही क्रेडिट स्कोर कहते हैं। इसमें आपके द्वारा लिए गए लोन और वापिस किए जाने की पूरी जानकारी होती है। इसके जरिए ये समझ आता है कि आपने कब-कब लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया। इसके बाद आपने समय से लोन का भुगतान किया या नहीं।
यह भी पढ़ें -
PDI Checking: नई कार की डिलीवरी लेने से पहले शोरूम पर जरूर करें ये काम, नहीं तो बाद में होगी बड़ी परेशानी
होती है आपकी पूरी जानकारी
क्रेडिट कार्ड, बैंक अकाउंट आदि लेने पर संस्था आपके सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स की कॉपी लेती है। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि की जानकारी होती है।
यह भी पढ़ें -
How To Check Oil Level: अपनी कार को बड़े नुकसान से बचाएं, जानें इंजन ऑयल चेक करने का सही तरीका
कैसे मिलता है लोन
क्रेडिट स्कोर निकालने के लिए उपयोग किया जाने वाला फ़ॉर्मूला एक क्रेडिट ब्यूरो से दूसरे क्रेडिट ब्यूरो में अलग हो सकता है। इस कारण किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर ब्यूरो बदलने पर अलग-अलग हो सकता है। क्रेडिट स्कोर लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन को अप्रूव करवाने में अहम भूमिका निभाता है। अगर आवेदक का स्कोर जितना ज्यादा होगा तो उसे क्रेडिट कार्ड या लोन मिलने की संभावना उतनी ज्यादा होगी।
यह भी पढ़ें -
Car Suspension: कार का सस्पेंशन कभी नहीं होगा खराब, जानें फिट रखने का सही तरीका
कितनी होती है लिमिट
क्रेडिट स्कोर की लिमिट 300 से 900 के बीच होती है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 300-579 के बीच है तो ये काफी खराब माना जाता है। इसके अलावा 580-669 के बीच रहने पर संतोषजनक, 670-739 के बीच अच्छा, 740-799 के बीच बहुत अच्छा और 800 से ऊपर होने पर सर्वोत्तम होता है।
यह भी पढ़ें -
Car AC: कार के एसी से जल्दी ठंडी हवा पाने का ये है आसान उपाय, सिर्फ एक बटन से होगा काम