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मुनस्यारी में ग्रामीणों ने प्राधिकरण के विरोध में निकाला जुलूस
ब्यूरो/ अमर उजाला , मुनस्यारी (पिथौरागढ़)।
Published by:
kamlesh kamlesh
Updated Sat, 25 May 2019 10:41 PM IST
मुनस्यारी में प्राधिकरण के विरोध में ज्ञापन सौंपते लोग।
- फोटो : पिथौरागढ़
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कहीं भी, कभी भी।
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के विरोध में लोगों ने नगर में जुलूस निकाला। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी आरसी गौतम को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लागू होने से सीमांत की जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
संयोजक देवेंद्र सिंह देवा के नेतृत्व में शनिवार को जुलूस निकालते हुए लोगों ने प्राधिकरण के विरोध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज सीमांत क्षेत्र को प्राधिकरण से मुक्त करने की मांग की। इस दौरान हुई सभा में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि मुनस्यारी की भौगोलिक स्थिति प्राधिकरण के लिए तर्क संगत नहीं है। उनका कहना था कि सीमांत क्षेत्र के लोग सीमाओं के प्रहरी हैं, जो देश की सुरक्षा संबंधी सूचनाएं भी समय-समय पर शासन-प्रशासन को देते रहते हैं। प्राधिकरण लागू होने से लोगों को भवन बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोग पलायन कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जगत मर्तोलिया ने कहा कि क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्राधिकरण में शिथिलता बरती जानी चाहिए।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता श्रीराम धर्मशक्तू, एडवोकेट देव सिंह बोरा, मनोहर टोलिया, लोक बहादुर जंगपांगी, प्रमोद कुमार, हीरा देवी धर्मशक्तू, नाथू वर्मा ने भी संबोधित किया। उपजिलाधिकारी आरसी गौतम ने कहा कि जन भावनाओं को देखते हुए वे ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित कर देंगे। इस मौके पर जुलूस प्रदर्शन में मोहन दोसात, पुष्कर नितवाल, हयात सिंह रावत, पूरन पांडे, इंद्र सिंह पछाईं, नरेंद्र कोरंगा, लक्ष्मण निर्खुपा, महेश रावत, गोकर्ण सुयाल, शंकर धर्मशक्तू, कुंदन पांगती समेत दर्जनों महिला-पुरुष शामिल रहे।
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के विरोध में लोगों ने नगर में जुलूस निकाला। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी आरसी गौतम को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लागू होने से सीमांत की जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
संयोजक देवेंद्र सिंह देवा के नेतृत्व में शनिवार को जुलूस निकालते हुए लोगों ने प्राधिकरण के विरोध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज सीमांत क्षेत्र को प्राधिकरण से मुक्त करने की मांग की। इस दौरान हुई सभा में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि मुनस्यारी की भौगोलिक स्थिति प्राधिकरण के लिए तर्क संगत नहीं है। उनका कहना था कि सीमांत क्षेत्र के लोग सीमाओं के प्रहरी हैं, जो देश की सुरक्षा संबंधी सूचनाएं भी समय-समय पर शासन-प्रशासन को देते रहते हैं। प्राधिकरण लागू होने से लोगों को भवन बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोग पलायन कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जगत मर्तोलिया ने कहा कि क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्राधिकरण में शिथिलता बरती जानी चाहिए।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता श्रीराम धर्मशक्तू, एडवोकेट देव सिंह बोरा, मनोहर टोलिया, लोक बहादुर जंगपांगी, प्रमोद कुमार, हीरा देवी धर्मशक्तू, नाथू वर्मा ने भी संबोधित किया। उपजिलाधिकारी आरसी गौतम ने कहा कि जन भावनाओं को देखते हुए वे ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित कर देंगे। इस मौके पर जुलूस प्रदर्शन में मोहन दोसात, पुष्कर नितवाल, हयात सिंह रावत, पूरन पांडे, इंद्र सिंह पछाईं, नरेंद्र कोरंगा, लक्ष्मण निर्खुपा, महेश रावत, गोकर्ण सुयाल, शंकर धर्मशक्तू, कुंदन पांगती समेत दर्जनों महिला-पुरुष शामिल रहे।