{"_id":"77131","slug":"Unnao-77131-40","type":"story","status":"publish","title_hn":"अंधेरे गांव में नहीं देंगे बेटी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
अंधेरे गांव में नहीं देंगे बेटी
Unnao
Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
बांगरमऊ (उन्नाव)। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि बिजली भी शादी में रुकावट खड़ी करती है। कोतवाली क्षेत्र के हूसेपुर गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। विकास की रफ्तार में पिछड़े इस गांव के बांशिदे रोशनी को तरस रहे हैं। बिजली न होने से कोई संपन्न व्यक्ति अपनी कन्या की शादी इस गांव में करने को तैयार नहीं है। इससे गांव में अविवाहित युवकों की फौज बढ़ती जा रही है।
हूसेपुर के आस-पड़ोस के गांवों में काफी समय पूर्व विद्युतीकरण हो चुका है। यह गांव रात में बल्ब की रोशनी से जगमगा रहे हैं लेकिन इनके मध्य स्थित करीब डेढ़ हजार आबादी के गांव हूसेपुर में आज भी ढिबरी की रोशनी ही रात के अंधेरे को थोड़ा बहुत दूर करती है। ग्रामीणों के अनुसार, बिजली न होने से लोग उनके यहां शादी करने को तैयार नहीं हैं। यहां से 5 किलोमीटर दूर गंगा और कल्याणी नदियों के दोआबा क्षेत्र में बांगरमऊ-बरुआघाट मार्ग पर ग्राम हूसेपुर स्थित है। गांव की संपूर्ण आबादी पिछड़े वर्ग की है लेकिन गांव में एक इंटर कालेज तथा एक संस्थागत प्राथमिक विद्यालय होने के कारण यहां पर शिक्षितों की संख्या काफी है। इनमें कई अध्यापक तथा राजस्व विभाग के कर्मचारी भी हैं। गांव के चारों तरफ स्थित कमलापुर-जामड़, शिवपुरी-माढ़ापुर, परशुरामपुर, उमरिया भगवन्तनगर, भुलभुलियाखेड़ा व राजेपुर गांवों में करीब दो दशक पूर्व ही बिजली आ चुकी है लेकिन अब तक गांव में एक खंभा तक नहीं लग सका है। यहां के नौनिहाल अभी भी ढिबरी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं। गांव के रामदास यादव, अमरनाथ कुशवाहा, डा. अशोक कुशवाहा, राजेश, प्रकाश व सेवकलाल यादव आदि ने बताया कि गांव से उच्च क्षमता की विद्युत लाइन मात्र 200 मीटर दूर है। इसके बावजूद गांव बिजली से वंचित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली न होने से कोई संपन्न व्यक्ति अपनी कन्या की शादी यहां करने को तैयार नहीं होता है। इससे गांव में अविवाहित युवकों की फौज बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के अलावा विद्युत विभाग के अधिकारियों से गुहार के बाद भी न तो खंभे लगाए गए और न ही तार। स्थानीय लोगों ने गांव का विद्युतीकरण कर विकास की मुख्य धारा में लाने की मांग की है।
बांगरमऊ (उन्नाव)। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि बिजली भी शादी में रुकावट खड़ी करती है। कोतवाली क्षेत्र के हूसेपुर गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। विकास की रफ्तार में पिछड़े इस गांव के बांशिदे रोशनी को तरस रहे हैं। बिजली न होने से कोई संपन्न व्यक्ति अपनी कन्या की शादी इस गांव में करने को तैयार नहीं है। इससे गांव में अविवाहित युवकों की फौज बढ़ती जा रही है।
हूसेपुर के आस-पड़ोस के गांवों में काफी समय पूर्व विद्युतीकरण हो चुका है। यह गांव रात में बल्ब की रोशनी से जगमगा रहे हैं लेकिन इनके मध्य स्थित करीब डेढ़ हजार आबादी के गांव हूसेपुर में आज भी ढिबरी की रोशनी ही रात के अंधेरे को थोड़ा बहुत दूर करती है। ग्रामीणों के अनुसार, बिजली न होने से लोग उनके यहां शादी करने को तैयार नहीं हैं। यहां से 5 किलोमीटर दूर गंगा और कल्याणी नदियों के दोआबा क्षेत्र में बांगरमऊ-बरुआघाट मार्ग पर ग्राम हूसेपुर स्थित है। गांव की संपूर्ण आबादी पिछड़े वर्ग की है लेकिन गांव में एक इंटर कालेज तथा एक संस्थागत प्राथमिक विद्यालय होने के कारण यहां पर शिक्षितों की संख्या काफी है। इनमें कई अध्यापक तथा राजस्व विभाग के कर्मचारी भी हैं। गांव के चारों तरफ स्थित कमलापुर-जामड़, शिवपुरी-माढ़ापुर, परशुरामपुर, उमरिया भगवन्तनगर, भुलभुलियाखेड़ा व राजेपुर गांवों में करीब दो दशक पूर्व ही बिजली आ चुकी है लेकिन अब तक गांव में एक खंभा तक नहीं लग सका है। यहां के नौनिहाल अभी भी ढिबरी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं। गांव के रामदास यादव, अमरनाथ कुशवाहा, डा. अशोक कुशवाहा, राजेश, प्रकाश व सेवकलाल यादव आदि ने बताया कि गांव से उच्च क्षमता की विद्युत लाइन मात्र 200 मीटर दूर है। इसके बावजूद गांव बिजली से वंचित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली न होने से कोई संपन्न व्यक्ति अपनी कन्या की शादी यहां करने को तैयार नहीं होता है। इससे गांव में अविवाहित युवकों की फौज बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के अलावा विद्युत विभाग के अधिकारियों से गुहार के बाद भी न तो खंभे लगाए गए और न ही तार। स्थानीय लोगों ने गांव का विद्युतीकरण कर विकास की मुख्य धारा में लाने की मांग की है।