स्थानीय बाजार में गुमटी पलटने के बाद महिला व उसकी बेटी को पीटने के मामले में पुलिस के रवैए से आक्रोशित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बृहस्पतिवार को थाने का घेराव कर हंगामा किया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी के बीच पीड़िता की हालत बिगड़ गई। आननफानन में उसे पहले मेडिकल कॉलेज बाद प्रयागराज ले जाया गया। उसकी मौत की खबर मिलने से आक्रोशित महिलाओं ने जाम लगा दिया। मामले में प्रधान को हिरासत में लेने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने भी थाने का घेराव कर उसे छुड़वाया। पांच घंटे तक थाने में मची अफरा-तफरी मुकदमे में सभी आरोपों को शामिल करने के आश्वासन के बाद समाप्त हो सकी।
मानधाता बाजार में रहने वाली अनीता गुप्ता महिला स्वयं सहायता समूह की उपाध्यक्ष हैं। दो दिन पहले उसने अपने पुराने मकान के पास लोहे की गुमटी रखवाई थी। इसे लेकर उसका वहां रहने वाले सत्यनारायण सोनी के पक्ष से विवाद हो गया। बुधवार सुबह सत्यनारायण के पक्ष के लोग गुमटी पलटने लगे। विरोध करने पर अनीता व उसकी बेटी को पीटा गया। पुलिस ने दोनों तरफ से मिली तहरीर पर मारपीट का केस दर्ज कर कुछ लोगों का शांतिभंग की आशंका में चालान कर दिया।
बृहस्पतिवार को पुलिस के रवैए से आक्रोशित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं थाने पहुंचकर घेराव करते हुए नारेबाजी करने लगीं। इस दौरान कुछ महिलाओं ने थाने के सामने जाम भी लगाया। हालांकि मानधाता ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि व पुलिस के समझाने पर महिलाएं थाना परिसर से चली गईं। सूचना मिलने के बाद कई थानों की फोर्स लेकर सीओ रानीगंज अतुल अंजान त्रिपाठी व सीओ सदर पवन त्रिवेदी भी पहुंच गए।
महिलाओं का कहना था कि आरोपित पक्ष के खिलाफ दर्ज एफआईआर में छेड़खानी की धारा भी जोड़ी जाए। हंगामे के बीच अचानक पीड़िता की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां से उसे प्रयागराज रेफर कर दिया गया। उधर, महिलाएं ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाने लगीं। बवाल शांत कराने के उद्देश्य से पुलिस ने प्रधान को भी हिरासत में ले लिया। इस बीच पता चला कि पीड़िता की प्रयागराज में मौत हो गई है।
जिसके बाद उग्र महिलाओं ने सड़क पर जाम लगा दिया। यह देख पुलिस अफसरों ने पीड़िता के साथ गई महिला आरक्षी से जानकारी लेते हुए प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं से बात कराई। अनीता के ठीक होने की जानकारी मिलने के बाद महिलाएं शांत हुईं। इस बीच साथी को हिरासत में लेने की खबर पर प्रधान संघ के पदाधिकारी भी थाने पहुंच गए।
दोनों ओर से तनातनी के बीच सीओ रानीगंज ने सभी को समझाबुझाकर शांत कराया। करीब पांच घंटे तक थाने में मचा बवाल इस आश्वासन पर शांत हुआ कि महिला के जो आरोप हैं, उसे दर्ज मुकदमे में शामिल किया जाएगा। तब जाकर आक्रोशित महिलाएं वहां से हटीं। प्रधान को छोड़ने के बाद संगठन के पदाधिकारी भी चले गए।
प्रधान को हिरासत में लेने के बाद छोड़ा
मानधाता थाने पर बुधवार को पांच घंटे तक हंगामे का दौर चलता रहा। पीड़ित महिला ने प्रधान हरिराम मोदनवाल पर विपक्षियों का साथ देने का आरोप लगाया तो महिलाओं की भीड़ व आक्रोश देख पुलिस ने प्रधान को हिरासत में लेकर थाने में बैठा लिया। इधर प्रधान को हिरासत में लेने की खबर मिलने पर प्रधानसंघ के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, रमेश सिंह, मुजम्मिल खान, सादिक अली, रामअजोर, विकास कुमार, पूर्व प्रधान मदन गोपाल सिंह, मो. इरशाद, चंद्रशेखर पटेल, महफूज अहमद, विकास कुमार,धर्मेंद्र सिंह, अंसार अहमद, अतीक अहमद ,दीपू सिंह, राजेश, अरुण कुमार सिंह, महेंद्र सिंह सहित कई ग्राम प्रधान थाने पहुंचे। प्रधानों ने जब दबाव बनाया तो हरिराम मोदनवाल व एक व्यवसायी को पुलिस ने छोड़ दिया। हालांकि तनाव को देखते हुए पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया।
मानधाता बाजार में हुई घटना में दोनों पक्षों से पांच लोगों का शांति भंग में चालान किया गया था। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के आरोप दर्ज मुकदमे में शामिल किए गए हैं। छेड़खानी समेत अन्य धाराएं बढ़ाई गई हैं।
अतुल अंजान त्रिपाठी, सीओ, रानीगंज
स्थानीय बाजार में गुमटी पलटने के बाद महिला व उसकी बेटी को पीटने के मामले में पुलिस के रवैए से आक्रोशित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बृहस्पतिवार को थाने का घेराव कर हंगामा किया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी के बीच पीड़िता की हालत बिगड़ गई। आननफानन में उसे पहले मेडिकल कॉलेज बाद प्रयागराज ले जाया गया। उसकी मौत की खबर मिलने से आक्रोशित महिलाओं ने जाम लगा दिया। मामले में प्रधान को हिरासत में लेने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने भी थाने का घेराव कर उसे छुड़वाया। पांच घंटे तक थाने में मची अफरा-तफरी मुकदमे में सभी आरोपों को शामिल करने के आश्वासन के बाद समाप्त हो सकी।
मानधाता बाजार में रहने वाली अनीता गुप्ता महिला स्वयं सहायता समूह की उपाध्यक्ष हैं। दो दिन पहले उसने अपने पुराने मकान के पास लोहे की गुमटी रखवाई थी। इसे लेकर उसका वहां रहने वाले सत्यनारायण सोनी के पक्ष से विवाद हो गया। बुधवार सुबह सत्यनारायण के पक्ष के लोग गुमटी पलटने लगे। विरोध करने पर अनीता व उसकी बेटी को पीटा गया। पुलिस ने दोनों तरफ से मिली तहरीर पर मारपीट का केस दर्ज कर कुछ लोगों का शांतिभंग की आशंका में चालान कर दिया।
बृहस्पतिवार को पुलिस के रवैए से आक्रोशित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं थाने पहुंचकर घेराव करते हुए नारेबाजी करने लगीं। इस दौरान कुछ महिलाओं ने थाने के सामने जाम भी लगाया। हालांकि मानधाता ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि व पुलिस के समझाने पर महिलाएं थाना परिसर से चली गईं। सूचना मिलने के बाद कई थानों की फोर्स लेकर सीओ रानीगंज अतुल अंजान त्रिपाठी व सीओ सदर पवन त्रिवेदी भी पहुंच गए।
महिलाओं का कहना था कि आरोपित पक्ष के खिलाफ दर्ज एफआईआर में छेड़खानी की धारा भी जोड़ी जाए। हंगामे के बीच अचानक पीड़िता की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां से उसे प्रयागराज रेफर कर दिया गया। उधर, महिलाएं ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाने लगीं। बवाल शांत कराने के उद्देश्य से पुलिस ने प्रधान को भी हिरासत में ले लिया। इस बीच पता चला कि पीड़िता की प्रयागराज में मौत हो गई है।
जिसके बाद उग्र महिलाओं ने सड़क पर जाम लगा दिया। यह देख पुलिस अफसरों ने पीड़िता के साथ गई महिला आरक्षी से जानकारी लेते हुए प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं से बात कराई। अनीता के ठीक होने की जानकारी मिलने के बाद महिलाएं शांत हुईं। इस बीच साथी को हिरासत में लेने की खबर पर प्रधान संघ के पदाधिकारी भी थाने पहुंच गए।
दोनों ओर से तनातनी के बीच सीओ रानीगंज ने सभी को समझाबुझाकर शांत कराया। करीब पांच घंटे तक थाने में मचा बवाल इस आश्वासन पर शांत हुआ कि महिला के जो आरोप हैं, उसे दर्ज मुकदमे में शामिल किया जाएगा। तब जाकर आक्रोशित महिलाएं वहां से हटीं। प्रधान को छोड़ने के बाद संगठन के पदाधिकारी भी चले गए।
प्रधान को हिरासत में लेने के बाद छोड़ा
मानधाता थाने पर बुधवार को पांच घंटे तक हंगामे का दौर चलता रहा। पीड़ित महिला ने प्रधान हरिराम मोदनवाल पर विपक्षियों का साथ देने का आरोप लगाया तो महिलाओं की भीड़ व आक्रोश देख पुलिस ने प्रधान को हिरासत में लेकर थाने में बैठा लिया। इधर प्रधान को हिरासत में लेने की खबर मिलने पर प्रधानसंघ के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, रमेश सिंह, मुजम्मिल खान, सादिक अली, रामअजोर, विकास कुमार, पूर्व प्रधान मदन गोपाल सिंह, मो. इरशाद, चंद्रशेखर पटेल, महफूज अहमद, विकास कुमार,धर्मेंद्र सिंह, अंसार अहमद, अतीक अहमद ,दीपू सिंह, राजेश, अरुण कुमार सिंह, महेंद्र सिंह सहित कई ग्राम प्रधान थाने पहुंचे। प्रधानों ने जब दबाव बनाया तो हरिराम मोदनवाल व एक व्यवसायी को पुलिस ने छोड़ दिया। हालांकि तनाव को देखते हुए पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया।
मानधाता बाजार में हुई घटना में दोनों पक्षों से पांच लोगों का शांति भंग में चालान किया गया था। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के आरोप दर्ज मुकदमे में शामिल किए गए हैं। छेड़खानी समेत अन्य धाराएं बढ़ाई गई हैं।
अतुल अंजान त्रिपाठी, सीओ, रानीगंज