मुरादाबाद। दस्तकारों के हित में एक से बढ़कर एक लागू की गई योजनाओं का लाभ आम कारीगरों तक पहुंचता है। उन्हें तो इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि केंद्रीय सरकार की ओर से कौन सी योजना उनके लिए चलाई जा रही है। आरोप है कि बड़ी योजनाओं का लाभ स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी आपस में मिल बांट कर उठाते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से कारीगरों को मशीन स्थापित करने, स्वास्थ्य बीमा कार्ड, ऋण सुविधा, सस्ते दरों पर रॉ मैटेरियल, दस्तकारों को प्रशिक्षण देने की योजनाएं वर्तमान में चल रही है। पर इसका लाभ दस्तकारों तक नहीं पहुंच रहा है। सरकार की हर एक योजना की जानकारी प्रत्येक कारीगर तक पहुंचे इस बाबत जिम्मेदार सरकारी संस्थान की ओर से न तो कोई प्रचार - प्रसार किया जाता है और न ही कोई बैठकें आयोजित की जाती हैं। जिसकी वजह से असल में जो कारीगर हैं उन तक कोई सूचना नहीं पहुंच पाती। दरअसल जो वास्तव में कारीगर हैं वे बड़े दस्तकारों की फैक्ट्री में दैनिक मजदूरी या फिर मासिक वेतन पर कार्यरत हैं। जो योजनाएं आती हैं उसकी जानकारी फैक्ट्री के मालिकों तक ही रह जाती है और जिनकी संस्था होती है वे अपनों के बीच मिल बांट कर लाभ उठा लेते हैं। ब्राश आर्टीजन सोसायटी के अध्यक्ष सैय्यद गानिम मियां ने बताया कि योजनाओं के लाभ उठाने के लिए आवश्यक कार्रवाई और कागजात पूरा करना आवश्यक होता है। जो इस काम को पूरा कर पाते हैं उन्हें लाभ मिलता है।