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छाता। वित्तीय वर्ष 2011-12 में मनरेगा योजना में कागजों में विकास कार्य कराने में रनवारी के ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक और ग्राम पंचायत अधिकारी फंस गए हैं। नेशनल मानीटर की जांच में उनको योजना में 1.39 लाख रुपये के गबन का दोषी ठहराया गया है। तीनों के खिलाफ छाता कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
ग्राम पंचायत रनवारी में पिछले दिनों नेशनल मानीटर मनरेगा पीडी माई ने स्थलीय सत्यापन किया था। इस दौरान गांव के ही ओमप्रकाश ने उनसे गड़बड़ी की शिकायत की थी। जांच मे शिकायत सही पाई गई। मामले में नेशनल मानीटर ने गांव प्रधान रामगोपाल, तकनीकी सहायक नरेश शर्मा और ग्राम पंचायत अधिकारी किशन सिंह सिसौदिया को दोषी ठहराया है। डीओ छाता रामप्रकाश शर्मा ने बताया कि तीनों आरोपियों से गबन की राशि वसूल की जाएगी।