चर्चित बेहमई कांड में गुरुवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट में लिखित बहस और हाईकोर्ट की कुछ रूलिंग दाखिल कर दी हैं। कोर्ट 18 जनवरी को फैसला सुना सकती है। 14 फरवरी 1981 को डाकू फूलन देवी और उसके गिरोह ने बेहमई गांव में धावा बोलकर 20 लोगों की हत्या कर दी थी। कई लोग गोली लगने से घायल हो गए थे।
बेहमई गांव निवासी राजाराम सिंह ने फूलन देवी समेत 35-36 डकैतों के खिलाफ थाना सिकंदरा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही फूलनदेवी समेत कई डकैतों की मौत हो चुकी है।
सुनवाई सुधीर कुमार विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (एंटी डकैती) की कोर्ट में चल रही है। जमानत पर चल रहे अभियुक्त विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप और भीखा के अधिवक्ता गिरीश नारायन दुबे ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि उनकी ओर से लिखित बहस और उच्च न्यायालय की कुछ रूलिंग कोर्ट में पेश की जानी है।
इस पर कोर्ट ने लिखित बहस व रूलिंग दाखिल करने के लिए 16 जनवरी का समय दिया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे ने बताया कि गुरुवार को कोर्ट में लिखित बहस व रूलिंग दाखिल कर दी गई है। इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट में घटना के दौरान 80-90 घरों में लूट की बात कही गई थी।
पुलिस किसी भी डकैत से लूट का सामान बरामद नहीं कर सकी थी। 20 डकैतों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कुछ ग्रामीणों से जेल में डकैतों की शिनाख्त कार्यवाही (चेहरा देखकर अभियुक्त को पहचानना) कराई थी।
तब ग्रामीणों ने किसी को चेहरे से नहीं पहचाना था। बाद में कोर्ट में गवाहों ने अभियुक्तों के नाम लेकर घटना में शामिल होने की बात कही थी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजू पोरवाल ने बताया कि अब कोर्ट 18 जनवरी को फैसला सुनाएगी।