मुहम्मदाबाद (जालौन)। चौंकिए मत लेकिन यह सौ फीसदी सच है कि औसतन दो या तीन फुट का बैगन व टमाटर का पौधा अगर आपको आठ से नौ फिट तक देखने को मिल जाए तो कौतुहल होना स्वभाविक है। आज कल कौतुहल का विषय बना है ग्राम मुहम्मदाबाद व मुहाना में लगे बैगन व टमाटर के पौधा। यह पेड़ बाकायदा फल भी देते हैं, जो एक गृहस्थी के लिए साल भर के लिए पर्याप्त है। सामान्य से कई गुना बड़े पौधे देखकर कृषि वैज्ञानिक भी हैरान हैं। उन्होंने बीज लेकर अन्य जगह उत्पादन की बात कही है। डकोर क्षेत्र के ग्राम मुहाना में किसान राजकुमार उर्फ बबलू के घर के आंगन में लगे बैंगन का पेड़ लगभग 8 फुट लंबा 4 फुट चौड़ाई में लगा हुआ है। जिसमें एक सप्ताह में 5 से 6 किलो तक बैंगन निकल आते हैं। इस पेड़ पर पूरे साल बैंगन लगते है। जो खाने में भी काफी स्वादिष्ट लगते है। बबलू ने दो साल पहले बैंगन का यह पेड़ लगाया था।
इसी तरह ग्राम मुहम्मदाबाद में शरीफ खां उर्फ भुट्टू ने बताया कि एक टमाटर की पौध उसकी लड़की नीलोफर एक साल पहले कहीं से ले आई थी, जो घर के आंगन में लगा लिया। बड़ी होने पर उसकी 3-4 पौध अलग अलग लगाई थी जो बढ़कर 9 फुट तक हो गया है। जिसमें फल लगने पर ऊंचाई का सहारा लेकर ही टमाटर तोड़ना पड़ते है। टमाटर जब पककर तैयार होता है तो खाने में मीठा व स्वादिष्ट होता है। इन दोनों गांवों में इन पेड़ों को देखकर लोग आश्चर्यचकित है तथा इन पेड़ों की चर्चा अक्सर गांवों में होती रहती है। इस बाबत कृषि वैज्ञानिक डा.राजीव सिंह का कहना है कि इकलौते पेड़ होने के कारण उन्हें खाद पानी अच्छी तरह से मिल रहा है जिससे उनकी लंबाई बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इन फलों के बीज को लेकर वह शोध करेंगे तथा अन्य किसानों को यह बीज उपलब्ध कराएंगे।
मुहम्मदाबाद (जालौन)। चौंकिए मत लेकिन यह सौ फीसदी सच है कि औसतन दो या तीन फुट का बैगन व टमाटर का पौधा अगर आपको आठ से नौ फिट तक देखने को मिल जाए तो कौतुहल होना स्वभाविक है। आज कल कौतुहल का विषय बना है ग्राम मुहम्मदाबाद व मुहाना में लगे बैगन व टमाटर के पौधा। यह पेड़ बाकायदा फल भी देते हैं, जो एक गृहस्थी के लिए साल भर के लिए पर्याप्त है। सामान्य से कई गुना बड़े पौधे देखकर कृषि वैज्ञानिक भी हैरान हैं। उन्होंने बीज लेकर अन्य जगह उत्पादन की बात कही है। डकोर क्षेत्र के ग्राम मुहाना में किसान राजकुमार उर्फ बबलू के घर के आंगन में लगे बैंगन का पेड़ लगभग 8 फुट लंबा 4 फुट चौड़ाई में लगा हुआ है। जिसमें एक सप्ताह में 5 से 6 किलो तक बैंगन निकल आते हैं। इस पेड़ पर पूरे साल बैंगन लगते है। जो खाने में भी काफी स्वादिष्ट लगते है। बबलू ने दो साल पहले बैंगन का यह पेड़ लगाया था।
इसी तरह ग्राम मुहम्मदाबाद में शरीफ खां उर्फ भुट्टू ने बताया कि एक टमाटर की पौध उसकी लड़की नीलोफर एक साल पहले कहीं से ले आई थी, जो घर के आंगन में लगा लिया। बड़ी होने पर उसकी 3-4 पौध अलग अलग लगाई थी जो बढ़कर 9 फुट तक हो गया है। जिसमें फल लगने पर ऊंचाई का सहारा लेकर ही टमाटर तोड़ना पड़ते है। टमाटर जब पककर तैयार होता है तो खाने में मीठा व स्वादिष्ट होता है। इन दोनों गांवों में इन पेड़ों को देखकर लोग आश्चर्यचकित है तथा इन पेड़ों की चर्चा अक्सर गांवों में होती रहती है। इस बाबत कृषि वैज्ञानिक डा.राजीव सिंह का कहना है कि इकलौते पेड़ होने के कारण उन्हें खाद पानी अच्छी तरह से मिल रहा है जिससे उनकी लंबाई बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इन फलों के बीज को लेकर वह शोध करेंगे तथा अन्य किसानों को यह बीज उपलब्ध कराएंगे।