लाल निशान से 33 सेंमी. नीचे आया पानी
फैजाबाद। उफनाई सरयू का जलस्तर जहां धीरे-धीरे कम हो रहा है वहीं कटान में इजाफा हुआ है। हालांकि नदी का जलस्तर कम होने से विस्थापितों और बंधों पर शरण लिये ग्रामीणों में घर लौटने की आस जगी है।
केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार, सरयू का जलस्तर हर 12 घंटे में चार सेंमी. कम हो रहा है। मंगलवार दोपहर दो बजे नदी का जलस्तर लाल निशान से 33 सेंमी. नीचे 92.400 मीटर पर दर्ज किया गया। सरयू का जलस्तर जैसे-जैसे कम हो रहा है, कछार क्षेत्रों में कटान में तेजी आई है।
बताया जा रहा है कि रौनाही बंधे के निकट गांवों अब्बूपुरवा, सराय नासिर इलाके में सुबह से दो बीघा से अधिक कटान हुई और तीन किसानों जगदीश, राम जियावन व एक अन्य के खेत नदी में समा गए। हालांकि ग्रामीणों ने तेजी से घट रहे जलस्तर से घर की ओर लौटने लगे हैं।
उनका कहना है कि नदी में पहाड़ों से और पानी नही आया तो वे सभी घर लौट सकेंगे। वहीं बिल्वहरि बंधे और नदी के बीच घिरे गांवों से पानी तेजी से खिसकता जा रहा है। ग्रामीणों ने इससे संतोष जाहिर किया है। हालांकि यहां बंधे के पांच सौ मीटर हिस्से में अति संवेदनशील हिस्से को लेकर खतरा भी बताया है।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि नदी के जलस्तर कम होने पर खतरा बढ़ जाता है। दरअसल पानी अपने साथ मिट्टी को तेजी से समेटता है। इससे बंधे के कटान होने का खतरा बढ़ जाता है।
लाल निशान से 33 सेंमी. नीचे आया पानी
फैजाबाद। उफनाई सरयू का जलस्तर जहां धीरे-धीरे कम हो रहा है वहीं कटान में इजाफा हुआ है। हालांकि नदी का जलस्तर कम होने से विस्थापितों और बंधों पर शरण लिये ग्रामीणों में घर लौटने की आस जगी है।
केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार, सरयू का जलस्तर हर 12 घंटे में चार सेंमी. कम हो रहा है। मंगलवार दोपहर दो बजे नदी का जलस्तर लाल निशान से 33 सेंमी. नीचे 92.400 मीटर पर दर्ज किया गया। सरयू का जलस्तर जैसे-जैसे कम हो रहा है, कछार क्षेत्रों में कटान में तेजी आई है।
बताया जा रहा है कि रौनाही बंधे के निकट गांवों अब्बूपुरवा, सराय नासिर इलाके में सुबह से दो बीघा से अधिक कटान हुई और तीन किसानों जगदीश, राम जियावन व एक अन्य के खेत नदी में समा गए। हालांकि ग्रामीणों ने तेजी से घट रहे जलस्तर से घर की ओर लौटने लगे हैं।
उनका कहना है कि नदी में पहाड़ों से और पानी नही आया तो वे सभी घर लौट सकेंगे। वहीं बिल्वहरि बंधे और नदी के बीच घिरे गांवों से पानी तेजी से खिसकता जा रहा है। ग्रामीणों ने इससे संतोष जाहिर किया है। हालांकि यहां बंधे के पांच सौ मीटर हिस्से में अति संवेदनशील हिस्से को लेकर खतरा भी बताया है।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि नदी के जलस्तर कम होने पर खतरा बढ़ जाता है। दरअसल पानी अपने साथ मिट्टी को तेजी से समेटता है। इससे बंधे के कटान होने का खतरा बढ़ जाता है।