बहराइच। डेढ़ वर्ष तक के बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए चलाया जा रहा अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। वर्तमान सत्र में एक लाख 28 हजार 368 नौनिहालों के टीकाकरण कर लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक मात्र 64 हजार 342 बच्चों का ही टीकाकरण किया गया है। ये हालात देखते हुए सात दिसंबर से छूटे बच्चों का सर्वे किया जाएगा। इसके बाद 15 दिसंबर से टीकाकरण होगा।
नवजात शिशुओं को हेपेटाइटिस समेत विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए डेढ़ वर्ष की आयु तक समय-समय पर टीके लगाए जाते हैं। ढाई वर्ष पूर्व कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद टीकाकरण कार्यक्रम बंद कर दिया गया था। इससे काफी संख्या में नौनिहालों को टीके की नियमित खुराक नहीं दी जा सकी। शहरी क्षेत्र में तो लोगों ने निजी नर्सिंग होम पर निर्धारित शुल्क अदा कर नौनिहालों का टीकाकरण करा लिया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण नहीं हो सका।
बीते सितंबर माह में स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे कराने के बाद 15 अक्टूबर से टीकाकरण कार्य शुरू किया था। सर्वे के दौरान डेढ़ वर्ष तक के एक लाख 28 हजार 368 मासूमों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। हालांकि, नवंबर माह तक 64 हजार 342 नौनिहालों का टीकाकरण ही किया जा सका। टीकाकरण की गति तेज करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सात दिसंबर से घर-घर सर्वे की योजना बनाई है। इसके बाद 15 दिसंबर से विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जाएगी। अभियान मार्च तक जारी रहेगा।
.मासूमों के टीकाकरण के लिए जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर टीकाकरण के लिए विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं।
नौनिहालों के टीकाकरण के लिए विशेष टीमों की तैनाती की गई है। टीमें टीकाकरण से वंचित बच्चों को घर-घर जाकर टीका लगाने का कार्य कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से टीकाकरण को लेकर सजगता बरती जा रही है। साथ ही अभिभावकों को भी प्रेरित किया जा रहा है।
- डॉ. एसके सिंह, सीएमओ।