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Meet At Agra 2022: ताजनगरी बनेगी दुनिया की फुटवियर राजधानी, 'मीट एट आगरा' में जुटेंगे 45 देशों के कारोबारी
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Fri, 07 Oct 2022 12:04 AM IST
सार
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एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि मीट एट आगरा के जरिए आगरा को 30 हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। चीन की जगह आगरा को दुनिया की फुटवियर राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
आगरा को दुनिया की फुटवियर राजधानी बनाने के लक्ष्य के साथ आज से आगरा ट्रेड सेंटर, सींगना में इंटरनेशनल लेदर फुटवियर, मशीनरी, टेक्नोलॉजी फेयर मीट एट आगरा का 14वां संस्करण शुरू हो रहा है। दुनियाभर के 45 देशों के 225 से ज्यादा कारोबारियों के स्टॉल तीन दिन के इस फेयर में लगाए गए हैं, जहां वह अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर नई तकनीक से आगरा के जूता कारोबारियों को रूबरू कराएंगे।
बृहस्पतिवार को आयोजक आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि मीट एट आगरा के जरिए आगरा को 30 हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। चीन की जगह आगरा को दुनिया की फुटवियर राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इसी दिशा में इस फेयर के जरिए तकनीकी मदद देने का प्रयास है। आगरा की हजारों इकाइयों और लाखों कारीगर इस फेयर के जरिए दुनिया की आधुनिक तकनीक को देखने आ सकते हैं।
शाम चार बजे होगा उद्घाटन
तीन दिवसीय फेयर का आज शाम को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल उद्घाटन करेंगे। उनके साथ केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल, प्रदेश सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और सांसद राजकुमार चाहर होंगे। एफमेक द्वारा यहां लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार और सबसे ज्यादा निर्यात करने वाले उद्यमियों को सम्मानित किया जाएगा।
चीन से छिटकीं वालमार्ट जैसी कंपनियां
एफमेक संयोजक कैप्टन एएस राणा ने बताया कि दुनिया के बड़े ग्रुप वालमार्ट, फ्यूचर ग्रुप, टाटा, रिलायंस, बाटा आदि ने चीन से आयात बंद कर दिया है। वह भारतीय उत्पादों पर निर्भर हैं और यहीं से खरीदारी कर रहे हैं। इससे जूते के निर्यात और घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के आसार हैं। अपने उत्पादों की गुणवत्ता, तकनीक बढ़ाकर बाजार में हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं।
एफमेक महासचिव राजीव वासन ने बताया कि 9 अक्तूबर तक चलने वाले फेयर में 8 अक्तूबर को तकनीकी सत्र होंगे, जिसमें दुनियाभर के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। इस बार 20 हजार लोग यहां आ सकते हैं। इस दौरान सचिव ललित अरोड़ा, प्रदीप वासन, जितेंद्र त्रिलोकानी, सुधीर गुप्ता, चंद्र शेखर जीपीआई आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
आंकड़ों की नजर से जूता उद्योग
220 से ज्यादा निर्यातक
12 हजार से ज्यादा घरेलू इकाइयां
3.30 लाख कारीगर
65 फीसदी घरेलू जूता आगरा में बन रहा
28 फीसदी की हिस्सेदारी है निर्यात में
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