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Agra: विकास प्राधिकरण ने अरबों रुपये खर्च कर बनाए आशियाने, लेकिन खरीदार नहीं, जानें वजह

देश दीपक तिवारी, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Fri, 04 Nov 2022 01:18 PM IST
सार

शास्त्रीपुरम व ताजनगरी के एडीए हाईटस में 750 से अधिक फ्लैट नहीं बिक रहे हैं। इतना ही नहीं 112 सस्ते आवासों के लिए भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं।

एडीए हाईटस
एडीए हाईटस - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आगरा विकास प्राधिकरण की फेल योजनाएं नीलामी के इंतजार में खंडहर हो रही हैं। फ्लैट, भूखंड व दुकानों के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। 1600 से अधिक संपत्तियां अलोकप्रिय घोषित हो गई हैं। जिन्हें बिल्डर बल्क में खरीदने को तैयार हैं लेकिन अरबों रुपये खर्च के बाद भी एडीए नहीं बेच पा रहा। अब यह संपत्तियां ई-बिड या नीलामी में बेची जाएंगी।



ताजनगरी फेस-टू में अरबों रुपये की लागत से बनी एडीए हाईट्स विकास प्राधिकरण की फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है। 2015 में बने इस प्रोजेक्ट में 200 से अधिक फ्लैट जिनमें स्टूडियो टाइप, डीलक्स, सुपर डीलक्स, अल्ट्रा डीलक्स धूल फांक रहे हैं। कीमत 25 लाख से 85 लाख रुपये तक है। खरीदार नहीं मिलने के कारण फ्लैट की सीलिंग, दीवार से चूना झड़ने लगा है। फर्श खराब हो रहा है। सेनेटरी सिस्टम से लेकर लिफ्ट तक फेल है।

 
ताजनगरी की तर्ज पर शास्त्रीपुरम में बनी एडीए हाइट्स का भी यही हश्र है। यहां 550 से अधिक फ्लैट बिकाऊ हैं। खरीदार नहीं मिल रहे। शास्त्रीपुरम में ही समाजवादी योजना से बने 112 सस्ते आवास भी खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। जवाहरपुरम योजना में भी 40 से अधिक फ्लैट व भूखंड अलोकप्रिय हो गए हैं। एडीए ने पिछले 10 साल में विभिन्न प्रोजेक्ट निर्माण, भूमि खरीद आदि पर 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया है।
 

234 आवंटियों पर 7 करोड़ रुपया बकाया

एक तरफ एडीए को संपत्तियों के खरीदार नहीं मिल रहे, दूसरी तरफ 234 से अधिक संपत्तियों का बिकने बाद भी पैसा नहीं मिला। 234 संपत्तियों के आवंटियों पर एडीए का 7 करोड़ रुपया बकाया है। इन 234 लोगों के विरुद्ध भू राजस्व के माध्यम से वसूली के लिए जिलाधिकारी ने रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) से जारी हो चुकी हैं।


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दहतौरा में जमीन पर अवैध कब्जे

एडीए की लापरवाही से दहतोरा में अधिगृहीत भूमि पर कब्जा नहीं मिला। यहां 50 से अधिक निर्माण हैं। कब्जेदारों को विस्थापित कर एडीए दूसरी जगह जमीन देगा। पहले 2700 रुपये वर्ग मीटर में विस्थापित लोगों को भूमि उपलब्ध कराई जा रही थी, लेकिन उन्होंने नहीं ली। अब 13 हजार रुपये वर्ग मीटर के रेट पर भूमि मिलेगी। ऐसे में यहां कब्जा लेना एडीए के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

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1600 से अधिक संपत्तियां 

एडीए की 1600 से अधिक संपत्तियों का निस्तारण नीलामी से किया जाएगा। एडीए बोर्ड की बैठक में यह निर्णय हो चुका है। एडीए जल्द संपत्तियों के लिए ई-बिड व नीलामी प्रक्रिया का विज्ञापन जारी करेगा। इन संपत्तियों में फ्लैट, रिहायशी व व्यावसायिक भूखंड के अलावा दुकान व अन्य संपत्तियां शामिल हैं।

नीलाम किया जाएगा

आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने बताया कि एडीए के जिन प्रोजेक्ट में संपत्ति नहीं बिक रहीं हैं उन्हें नीलाम किया जाएगा। प्रोजेक्ट में सभी सुविधाएं हैं। मरम्मत व अन्य कार्य नियमित होते हैं। बिल्डर को बल्क में संपत्ति नहीं बेची जाएगी।

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