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Researchers develop Bluetooth transmitting virus to improve COVID 19 tracking accuracy called safe blues
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ब्लूटूथ से फोन में फैलता है यह खास वायरस, कोरोना ट्रैक करने में करता है मदद
टेक डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Tue, 16 Mar 2021 04:15 AM IST
सार
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यह वायरस सटीकता के साथ बता सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन हो रहा है या नहीं। इसके अलावा भीड़, समारोह आदि को भी यह ऑटोमेटिक ट्रैक करता है।
वायरस का नाम सुनते ही किसी के भी दिमाग में एक ऐसी चीज की छवि बनती है जो नुकसान पहुंचाने वाली हो, लेकिन शोधकर्ताओं ने अब एक ऐसा वायरस तैयार किया है जो कि कोरोना जैसे वायरस के बारे में ब्लूटूथ के जरिए काफी तेजी से लोगों अलर्ट कर सकता है। इस खास वायरस को Safe Blues नाम दिया गया है और दावा है कि यह कोरोना ट्रैकिंग का काम बेहद ही सटीकता के साथ कर सकता है। वैसे आपको बता दें कि यह वर्चुअल वायरस है और इससे आपके स्मार्टफोन को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड, मेलबर्न विश्वविद्यालय और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोधकर्ताओं ने संयुक्त रूप से इस वर्चुअल वायरस को तैयार किया है। इसे तैयार करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस वायरस के ट्रांसमिशन के दौरान किसी भी यूजर्स का डाटा रिकॉर्ड नहीं होता है और ना ही किसी सर्वर पर कोई डाटा स्टोर होता है।
यह वायरस सटीकता के साथ बता सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन हो रहा है या नहीं। इसके अलावा भीड़, समारोह आदि को भी यह ऑटोमेटिक ट्रैक करता है। यह वायरस ब्लूटूथ के जरिए काम करता है। इस वायरस को कोरोना महामारी द्वारा पूरी दुनिया में कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग के लिए तैयार किए गए सिस्टम के आधार पर ही तैयार किया गया है।
बता दें कि भारत सरकार ने कोरोना महामारी में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया है, हालांकि अब इस एप का इस्तेमाल कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए भी हो रहा है। आरोग्य सेतु एप को करीब 17 करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है और रेल यात्रा के दौरान इसका फोन में होना अनिवार्य है।
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