प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंडी जनसभा से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है। मोदी ने जिस तरह से परिवारवाद पर निशाना साधते हुए जयराम सरकार को विकास का मॉडल कहा, उससे मुख्यमंत्री को नई ऊर्जा मिली है। दो महीने पहले मंडी लोकसभा सीट समेत तीन विधानसभा हलकों में भाजपा की हार के बाद सबकी नजरें मोदी के भाषण पर थीं कि वे हिमाचल में भाजपा की अगली रणनीति का इससे संकेत देंगे। मोदी ने सोमवार को जिस तरह से कोविड काल में भी डबल इंजन से बेहतरीन कार्य करने की बात कर जयराम ठाकुर की पीठ थपथपाई है, वहीं इससे जयराम की रीढ़ और मजबूत हुई है।
मोदी के सामने उत्साहित जयराम ने तो कह डाला कि प्रदेश में पांच साल में सरकारें बदलने का वे उनके आशीर्वाद से ट्रेंड तोड़ देंगे। सियासी पंडितों के अनुसार उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद मुख्यमंत्री के विरोधी खासे सक्रिय हो गए थे। खुद सीएम ने इस बात को माना है कि उनके दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनते ही कई बातें बनती हैं। मोदी ने उनके ऐसे विरोधियों के मुंह सिल दिए हैं। पीएम के आने पर बहुत से नेता आशंकित भी थे। प्रधानमंत्री का दौरा तय हुआ तो मौसम भी बाधा बना। चिंतित सीएम ने बारिश के देवता कमरूनाग की विशेष पूजा की। वह इस अवसर को कतई नहीं चूकना चाहते थे।
इस रैली स्थल पर साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये की बिजली परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के अलावा उनके पास 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग का भी प्रधानमंत्री के आने को न्यायोचित बताती योजना भी थी। छोटी काशी मंडी में मौसम ने भी साथ दिया और प्रधानमंत्री का सफल दौरा भी संभव हुआ। मंडी के मंच से मोदी ने कांग्रेस के परिवारवाद पर निशाना साधने से पहले ही रास्ते में सीएम से भाजपा के भी कई नेताओं का फीडबैक ले लिया था। मंच से उन्होंने हिमकेयर, गृहिणी सुविधा जैसी कई योजनाओं की तारीफ की। उन्हें लोकप्रिय और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहा।
उपचुनाव में भी बनाया था परिवारवाद को निशाना
मंडी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भी भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के खिलाफ परिवारवाद को बड़ा हथियार बनाया था। मगर भितरघात के अलावा महंगाई, वीरभद्र सिंह के देहांत के सहानुभूति फैक्टर, विकास में असंतुलन जैसे मुद्दों से घिरी भाजपा यहां फिर भी चुनाव हार गई। हालांकि, इस हार से निराशा का मोदी ने मंच से एक भी संकेत नहीं दिया। इसके विपरीत बहुत से मामलों में जयराम सरकार की पीठ थपथपा डाली। यह भी जताया कि वन रैंक वन पेंशन का लाभ हिमाचल को भी खूब मिला है। इसे इससे जरूर जोड़ा जा रहा है कि भाजपा ने मंडी से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में पूर्व सैन्य अधिकारी को ही चुना था।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंडी जनसभा से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है। मोदी ने जिस तरह से परिवारवाद पर निशाना साधते हुए जयराम सरकार को विकास का मॉडल कहा, उससे मुख्यमंत्री को नई ऊर्जा मिली है। दो महीने पहले मंडी लोकसभा सीट समेत तीन विधानसभा हलकों में भाजपा की हार के बाद सबकी नजरें मोदी के भाषण पर थीं कि वे हिमाचल में भाजपा की अगली रणनीति का इससे संकेत देंगे। मोदी ने सोमवार को जिस तरह से कोविड काल में भी डबल इंजन से बेहतरीन कार्य करने की बात कर जयराम ठाकुर की पीठ थपथपाई है, वहीं इससे जयराम की रीढ़ और मजबूत हुई है।
मोदी के सामने उत्साहित जयराम ने तो कह डाला कि प्रदेश में पांच साल में सरकारें बदलने का वे उनके आशीर्वाद से ट्रेंड तोड़ देंगे। सियासी पंडितों के अनुसार उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद मुख्यमंत्री के विरोधी खासे सक्रिय हो गए थे। खुद सीएम ने इस बात को माना है कि उनके दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनते ही कई बातें बनती हैं। मोदी ने उनके ऐसे विरोधियों के मुंह सिल दिए हैं। पीएम के आने पर बहुत से नेता आशंकित भी थे। प्रधानमंत्री का दौरा तय हुआ तो मौसम भी बाधा बना। चिंतित सीएम ने बारिश के देवता कमरूनाग की विशेष पूजा की। वह इस अवसर को कतई नहीं चूकना चाहते थे।
इस रैली स्थल पर साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये की बिजली परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के अलावा उनके पास 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग का भी प्रधानमंत्री के आने को न्यायोचित बताती योजना भी थी। छोटी काशी मंडी में मौसम ने भी साथ दिया और प्रधानमंत्री का सफल दौरा भी संभव हुआ। मंडी के मंच से मोदी ने कांग्रेस के परिवारवाद पर निशाना साधने से पहले ही रास्ते में सीएम से भाजपा के भी कई नेताओं का फीडबैक ले लिया था। मंच से उन्होंने हिमकेयर, गृहिणी सुविधा जैसी कई योजनाओं की तारीफ की। उन्हें लोकप्रिय और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहा।
उपचुनाव में भी बनाया था परिवारवाद को निशाना
मंडी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भी भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के खिलाफ परिवारवाद को बड़ा हथियार बनाया था। मगर भितरघात के अलावा महंगाई, वीरभद्र सिंह के देहांत के सहानुभूति फैक्टर, विकास में असंतुलन जैसे मुद्दों से घिरी भाजपा यहां फिर भी चुनाव हार गई। हालांकि, इस हार से निराशा का मोदी ने मंच से एक भी संकेत नहीं दिया। इसके विपरीत बहुत से मामलों में जयराम सरकार की पीठ थपथपा डाली। यह भी जताया कि वन रैंक वन पेंशन का लाभ हिमाचल को भी खूब मिला है। इसे इससे जरूर जोड़ा जा रहा है कि भाजपा ने मंडी से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में पूर्व सैन्य अधिकारी को ही चुना था।