शैक्षणिक सत्र के बीच तबादलों पर प्रतिबंध लगाने के एक माह के भीतर ही शिक्षा विभाग ने नौ स्कूल प्रधानाचार्यों के तबादला आदेश जारी कर दिए। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने 23 जनवरी, 2020 को प्रदेश सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों, सभी विभागाध्यक्षों और सभी प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड व निगम को लिखित में 31 मार्च तक तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे।
इन तबादलों पर रोक के पीछे सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तैयार किए जा रहे बजट के लिए एस्टिमेट बनाने, फील्ड स्टाफ द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट को खर्च करना सुनिश्चित करने का तर्क दिया था। सरकार ने कहा था कि स्कूलों में शैक्षणिक सत्र की समाप्ति और बोर्ड व विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के चलते शिक्षा विभाग में भी तबादले नहीं होंगे।
सरकार ने केवल नई नियुक्तियां और पदोन्नति आदेश विशेषाधिकार के तहत ही जारी करने की बात कही थी, लेकिन इसी बीच सरकार ने 17 फरवरी देर शाम को शिक्षा विभाग में 9 स्कूल प्रधानाचार्यों के तबादला आदेश जारी कर दिए। चार स्कूल प्रधानाचार्यों के तबादले 10 किलोमीटर दायरे के भीतर आपसी सहमति से एक-दूसरे स्कूल में हुए हैं।
शिक्षा विभाग में तबादला आदेशों के कारण स्कूल की वार्षिक परीक्षाओं, बच्चों की पढ़ाई, स्कूल की अन्य गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ सकता है। उधर, इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने बार-बार फोन के बावजूद इसका कोई जवाब नहीं दिया।
रावमापा दुगेहल कुल्लू की प्रधानाचार्य रीता सेठ, कल्याणी स्कूल की सुनीता देवी, पुखरी चंबा के प्रधानाचार्य नरेश ठाकुर, कुठेड़ा की प्रधानाचार्य नीना ठाकुर, रावमापा बाल हमीरपुर की प्रधानाचार्य मंजू देवी, बणी मतेरनी स्कूल सोलन के प्रधानाचार्य बलवीर सिंह, बरठूं स्कूल शिमला के भूपेंद्र कुमार, चरड़ा चंबा स्कूल के अशोक कुमार और शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय कांगड़ा के प्रीतम चंद के तबादला आदेश जारी हुए हैं।
शैक्षणिक सत्र के बीच तबादलों पर प्रतिबंध लगाने के एक माह के भीतर ही शिक्षा विभाग ने नौ स्कूल प्रधानाचार्यों के तबादला आदेश जारी कर दिए। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने 23 जनवरी, 2020 को प्रदेश सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों, सभी विभागाध्यक्षों और सभी प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड व निगम को लिखित में 31 मार्च तक तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे।
इन तबादलों पर रोक के पीछे सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तैयार किए जा रहे बजट के लिए एस्टिमेट बनाने, फील्ड स्टाफ द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट को खर्च करना सुनिश्चित करने का तर्क दिया था। सरकार ने कहा था कि स्कूलों में शैक्षणिक सत्र की समाप्ति और बोर्ड व विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के चलते शिक्षा विभाग में भी तबादले नहीं होंगे।
सरकार ने केवल नई नियुक्तियां और पदोन्नति आदेश विशेषाधिकार के तहत ही जारी करने की बात कही थी, लेकिन इसी बीच सरकार ने 17 फरवरी देर शाम को शिक्षा विभाग में 9 स्कूल प्रधानाचार्यों के तबादला आदेश जारी कर दिए। चार स्कूल प्रधानाचार्यों के तबादले 10 किलोमीटर दायरे के भीतर आपसी सहमति से एक-दूसरे स्कूल में हुए हैं।
इन स्कूल प्रधानाचार्यों का हुआ तबादला
शिक्षा विभाग में तबादला आदेशों के कारण स्कूल की वार्षिक परीक्षाओं, बच्चों की पढ़ाई, स्कूल की अन्य गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ सकता है। उधर, इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने बार-बार फोन के बावजूद इसका कोई जवाब नहीं दिया।
रावमापा दुगेहल कुल्लू की प्रधानाचार्य रीता सेठ, कल्याणी स्कूल की सुनीता देवी, पुखरी चंबा के प्रधानाचार्य नरेश ठाकुर, कुठेड़ा की प्रधानाचार्य नीना ठाकुर, रावमापा बाल हमीरपुर की प्रधानाचार्य मंजू देवी, बणी मतेरनी स्कूल सोलन के प्रधानाचार्य बलवीर सिंह, बरठूं स्कूल शिमला के भूपेंद्र कुमार, चरड़ा चंबा स्कूल के अशोक कुमार और शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय कांगड़ा के प्रीतम चंद के तबादला आदेश जारी हुए हैं।