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हिमाचल हाईकोर्ट ने एचआरटीसी की ट्रांसपोर्ट मल्टीपर्पज असिस्टेंट (कंडक्टर) भर्ती पर रोक लगा दी है। इस भर्ती के खिलाफ दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इस साल 19 अक्तूबर को हुई लिखित परीक्षा के आधार पर कंडक्टर चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप न दिया जाए।
शशिभूषण की ओर से दायर याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार कंडक्टरों के 680 पद भरने के लिए लगभग 35 हजार उम्मीदवारों के परीक्षा दी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भाई- भतीजावाद के चलते इस परीक्षा का प्रश्नपत्र पहले ही लीक हो गया था।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परिवहन मंत्री के चुनावी क्षेत्र से लगभग 100 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने लिखित परीक्षा में 80 में से 80 नंबर प्राप्त किए हैं। यदि मेरिट के आधार पर सूची बनाई जाए तो लगभग 200 उम्मीदवार केवल परिवहन मंत्री के चुनावी क्षेत्र से ही चयनित होंगे।
प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई है कि कंडक्टर चयन प्रक्रिया को रद्द किया जाए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने के आदेश पारित किए जाएं। प्रार्थी ने यह भी गुहार लगाई है कि इस मामले की जांच किसी बाहरी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए।
अमर उजाला ने नौ दिसंबर के अंक में एचआरटीसी कंडक्टर भर्ती में ‘सेट थे पेपर सेट करने वाले’ खबर के माध्यम से इस मामले का खुलासा किया था। इसमें बताया था कि एचआरटीसी की सिफारिश पर पेपर सेटर तय किए गए थे, जबकि नियम अनुसार ऐसा नहीं हो सकता।
उसी दिन विधानसभा सत्र में विपक्ष ने सदन में अमर उजाला की खबर के आधार पर काम रोको नोटिस दिया। अगले दिन भी कंडक्टर भर्ती पर हंगामा हुआ और विपक्ष ने कई संगीन आरोप लगाए। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जांच का आश्वासन दिया था।
हिमाचल हाईकोर्ट ने एचआरटीसी की ट्रांसपोर्ट मल्टीपर्पज असिस्टेंट (कंडक्टर) भर्ती पर रोक लगा दी है। इस भर्ती के खिलाफ दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इस साल 19 अक्तूबर को हुई लिखित परीक्षा के आधार पर कंडक्टर चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप न दिया जाए।
शशिभूषण की ओर से दायर याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार कंडक्टरों के 680 पद भरने के लिए लगभग 35 हजार उम्मीदवारों के परीक्षा दी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भाई- भतीजावाद के चलते इस परीक्षा का प्रश्नपत्र पहले ही लीक हो गया था।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परिवहन मंत्री के चुनावी क्षेत्र से लगभग 100 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने लिखित परीक्षा में 80 में से 80 नंबर प्राप्त किए हैं। यदि मेरिट के आधार पर सूची बनाई जाए तो लगभग 200 उम्मीदवार केवल परिवहन मंत्री के चुनावी क्षेत्र से ही चयनित होंगे।
अमर उजाला ने किया था खुलासा
प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई है कि कंडक्टर चयन प्रक्रिया को रद्द किया जाए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने के आदेश पारित किए जाएं। प्रार्थी ने यह भी गुहार लगाई है कि इस मामले की जांच किसी बाहरी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए।
अमर उजाला ने नौ दिसंबर के अंक में एचआरटीसी कंडक्टर भर्ती में ‘सेट थे पेपर सेट करने वाले’ खबर के माध्यम से इस मामले का खुलासा किया था। इसमें बताया था कि एचआरटीसी की सिफारिश पर पेपर सेटर तय किए गए थे, जबकि नियम अनुसार ऐसा नहीं हो सकता।
उसी दिन विधानसभा सत्र में विपक्ष ने सदन में अमर उजाला की खबर के आधार पर काम रोको नोटिस दिया। अगले दिन भी कंडक्टर भर्ती पर हंगामा हुआ और विपक्ष ने कई संगीन आरोप लगाए। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जांच का आश्वासन दिया था।