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Diploma of eight institutes which got NTT done without recognition declared illegal
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Himachal: बिना मान्यता एनटीटी करवाने वाले आठ संस्थानों के डिप्लोमा किए अवैध घोषित, आयोग ने की कार्रवाई
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Thu, 01 Dec 2022 10:39 AM IST
सार
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निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत ने दाखिले देने में नियमों का उल्लंघन करने पर एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर (पंजाब) पर 34,05,480 रुपये का जुर्माना लगाया है।
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग
- फोटो : अमर उजाला
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से मान्यता लिए बिना नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) करवाने वाले हिमाचल प्रदेश के आठ निजी शिक्षण संस्थानों से जारी 65 डिप्लोमा अवैध घोषित कर दिए हैं। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत ने दाखिले देने में नियमों का उल्लंघन करने पर एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर (पंजाब) पर 34,05,480 रुपये का जुर्माना लगाया है। पंजाब के इस संस्थान को नौ फीसदी ब्याज सहित विद्यार्थियों को फीस लौटाने को कहा है। इस संस्थान ने सूबे के 17 संस्थानों से एनटीटी करवाने के लिए एमओयू किए हैं। विद्यार्थियों से एक और दो वर्ष की ट्रेनिंग की 24 से 38 हजार रुपये तक फीस ली गई है, जिसकी अधिकृत विभागों से मंजूरी तक नहीं ली गई। 17 में से नौ संस्थानों ने आयोग को कोई जानकारी नहीं दी है।
एनसीटीई से मान्यता न लेने वाले इन नौ संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी है। आयोग ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इन 17 संस्थानों पर आयोग ने कार्रवाई के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को भी पत्र जारी किया है। आयोग ने एनटीटी के लिए समाचार पत्रों में जारी विज्ञापन पर खुद संज्ञान लेते हुए मामले की पड़ताल शुरू की थी। इसी दौरान एक व्यक्ति डॉ. डीआर चंदेल ने भी आयोग की अदालत में शिकायत दर्ज करवाई। आयोग ने मामले की लंबी सुनवाई करने और संबंधित पक्षों से दस्तावेज देखने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से आयोग को बताया गया कि एनटीटी करवाने के लिए विभाग या एनसीटीई की ओर से कोई मंजूरी नहीं दी गई। प्रतिवादी की ओर से अपने पक्ष में कई दलीलें दी गईं, लेकिन एनसीटीई से हुए पत्राचार को साबित नहीं कर पाए। शिक्षा से जुड़े कोर्स करवाने के लिए एनसीटीई से और फीस तय करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है। अदालत ने कहा कि गलत तरीके से एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर ने फीस तय की। 17 शिक्षण संस्थान भी गलत तरीके से एमओयू करने के लिए तैयार हुए।
एमएसएमई टेक्नालॉजी डेवलेपमेंट सेंटर मेरठ से एमओयू समझ से परे
अदालत ने कहा कि एमएसएमई टेक्नालॉजी डेवलेपमेंट सेंटर मेरठ से एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर की ओर से किए एमओयू समझ से परे हैं। मेरठ सेंटर के शेड्यूल कोर्स में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग शामिल ही नहीं है। यह सेंटर स्पोर्ट्स से जुड़े कार्य करता है।
हिमाचल के इन आठ शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई
आयोग की अदालत ने डेरा स्व जगत गिरि ट्रस्ट भडराया नूूरपुर(कांगड़ा), ग्लैक्सी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन घनारी (ऊना), केएलबी डीएवी कॉलेज ऑफ गर्ल्स पालमपुर (कांगड़ा), गुरु शिक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग चंबा, क्रिएटिव एजूकेशन सोसायटी धमेटा (कांगड़ा), एंजल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कुतकाना (कांगड़ा), संत नवल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफो टेक ऊना और जागृति टीचर ट्रेनिंग कॉलेज डियोधर (मंडी) के शिक्षण संस्थान पर कार्रवाई हुई।
इन नौ संस्थानों ने नहीं दी जानकारी
सरस्वती विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल बंजार (कुल्लू), मांटेसूरी स्किल्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट राजा का बाग नूरपुर (कांगड़ा), मॉडल पब्लिक स्कूल एसएसएस पंगाणा (मंडी), प्रोग्रेसिव इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन धमेटा (कांगड़ा), इंस्टीट्यूट ऑफ फायर एवं सेफ्टी सुंदरनगर, इंडो ग्लोबल एजूकेशन ट्रस्ट पांवटा साहिब, माया मेमोरियल स्कूल भरमौर, फ्यूचर मोटिवेटर कॉलेज ऑफ एजूकेशन रैहन(कांगड़ा) और लिटिल फ्लावर प्ले पब्लिक स्कूल कांगड़ा ने एमआयू की आयोग को जानकारी नहीं दी।
शिक्षा गुणवत्ता से नहीं होने देंगे खिलवाड़
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। एनटीटी के मामले में सभी पक्षों से जानकारी जुटाई गई है। उस आधार पर ही अदालत ने फैसला सुनाया।
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