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Shimla News: विवि कोचिंग सेंटर को चार साल से नहीं मिला बजट
शिमला ब्यूरो
Updated Thu, 30 Mar 2023 11:29 PM IST
अनुसूचित जाति और ओबीसी विद्यार्थियों को मासिक वजीफा देना हो रहा मुश्किल अनुसूचित जनजाति विभाग के बजट से चल रही कोचिंग कक्षाएं अमर उजाला ब्यूरो शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली मुफ्त कोचिंग के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से वर्ष 2018 के बाद से वार्षिक बजट नहीं मिला है।
विवि परिसर स्थित परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र हालांकि अभी तक कोचिंग दिला रहा है। इसके लिए अनुसूचित जनजाति विभाग से 2018 के बाद 2022 में नौ लाख का बजट मिला है। इससे नीट, एचएएस प्रिलिमिनरी और बीटेक परीक्षाओं की कोचिंग कक्षाएं चलाई जा रही हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से चार सालों से बजट न आने के कारण अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को कोचिंग बैच में प्रवेश लेने पर मिलने वाला मासिक वजीफा देना मुश्किल हो रहा है।
2022 के इन दो श्रेणियों के विद्यार्थियों को भी वजीफा नहीं मिला है। नए बैच को भी यह बिना बजट के नहीं मिल पाएगा। एसटी श्रेणी के विद्यार्थियों को ही केंद्र वजीफा राशि दे पाया है। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र ने कई बार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से कोचिंग सेंटर को मिलने वाले बजट की मांग उठाई लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। कोचिंग सेंटर में हर बैच में आरक्षित वर्ग के 50 और सामान्य वर्ग के 25 से तीस विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। सेंटर ने 3 अप्रैल से एचएसएस प्रिलिमिनरी, नीट और बीटेक बैच के चयनित बैच की कोचिंग कक्षाएं शुरू करनी हैं। इन बैच को पढ़ाने के लिए केंद्र ने फैकल्टी की व्यवस्था एसटी के बजट और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों से ली जाने वाली कोचिंग फीस से व्यवस्था कर दी है। इस वर्ग के छात्रों से ढाई से तीन हजार रुपये फीस ली जाती है। अब समस्या बैच के आरक्षित वर्ग एससी और ओबीसी के चयनित विद्यार्थियों को वजीफा राशि देने में पेश आएगी। सेंटर सरकार की योजना के अनुसार एससी, एसटी और ओबीसी के स्थानीय विद्यार्थियों को 3000 और अन्य जिलों से कक्षाएं लगाने वाले विद्यार्थियों को छह हजार का वजीफा देना होता है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से बजट न आने के कारण सेंटर एससी और ओबीसी विद्यार्थियों को वजीफा नहीं दे पाएगा। यह तभी संभव होगा जब संबंधित विभाग से बजट आएगा। केंद्र एसटी विद्यार्थियों को ही वजीफे का भुगतान विभाग से मिले बजट से बराबर कर रहा है।
एसटी विभाग से मिले बज से संचालित की जा रही कक्षाएं- प्रो. वर्मा विवि के परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक प्रो. ओपी वर्मा ने माना कि 2022 में एसटी विभाग से मिले नौ लाख के बजट से कोचिंग के नए बैच की कक्षाएं संचालित की जा रही है। एसटी छात्रों को ही वजीफा दिया जा सकेगा। अन्य को बजट आने पर ही वजीफा देना संभव होगा। उन्होंने माना कि एससी और ओबीसी संबंधित विभाग से बजट की मांग की गई है। नए वित्त वर्ष में इन दोनों विभागों से बजट आने की उम्मीद है।
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कोचिंग के लिए नई संस्था से होगा करार कोचिंग सेंटर में दिल्ली की संकल्प संस्था के साथ फैकल्टी उपलब्ध करवाने का करार हुआ है। यह 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। अब प्रदेश में नई सरकार आने पर नए सिरे से किसी संस्था के साथ करार किया जाना है। इसे मंजूरी के लिए विवि कार्यकारिणी परिषद की बैठक में ले जाएगा। करार को मंजूरी और सरकार से बजट आने पर ही इस वर्ष यूपीएससी का नया बैच कोचिंग के लिए बैठाया जा सकेगा।
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