न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 14 Jul 2020 05:52 PM IST
राजस्थान में चल रही सियासी महाभारत के बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के एक विधायक ने वीडियो जारी कर पार्टी के विधायकों को कैद करके रखने का आरोप लगाया है। बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद से उपजे राजनीतिक संकट के बीच बीटीपी ने अपने दो विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देश दिया है कि वह किसी के भी समर्थन में वोट न करें।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में चौरासी विधानसभा से विधायक राजकुमार रोत ने कहा, 'इस समय राजस्थान में जो स्थिति पैदा हो चुकी है, अभी ये हाल है कि हमें एक तरह से कैद कर रखा है। पुलिस प्रशासन की तीन से चार गाड़ियां हमारे साथ लगीं है। आज मैं क्षेत्र के लिए निकला लेकिन वो लोग निकलने नहीं दे रहे हैं। चारों तरफ गाड़ियां लगा दी हैं और मेरी गाड़ी की चाबी भी ले ली गई है।'
बीटीपी ने दिया तटस्थ रहने का निर्देश
बीटीपी ने विधानसभा में विश्वास मत की स्थिति में अपने दोनों विधायकों को पत्र लिखकर कहा है कि फ्लोर टेस्ट की स्थिति में वे न भाजपा को वोट देंगे और न ही कांग्रेस को। पत्र में दोनों विधायकों को सचिन पायलट के समर्थन में भी मतदान करने से मना किया गया है। बता दें कि इन दोनों विधायकों ने पहले राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन किया था।
बिगड़ सकता है विधानसभा का गणित
अभी तक माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास 104 विधायकों का समर्थन है। लेकिन बीटीपी नेतृत्व द्वारा अपने दो विधायकों को मतदान से दूर रहने का निर्देश दिए जाने के बाद गहलोत के पास 102 विधायकों का समर्थन रह जाएगा। बहुमत के लिए उन्हें 101 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में राजस्थान में भी सत्ता का खेल गड़बड़ हो सकता है।
राजस्थान में चल रही सियासी महाभारत के बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के एक विधायक ने वीडियो जारी कर पार्टी के विधायकों को कैद करके रखने का आरोप लगाया है। बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद से उपजे राजनीतिक संकट के बीच बीटीपी ने अपने दो विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देश दिया है कि वह किसी के भी समर्थन में वोट न करें।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में चौरासी विधानसभा से विधायक राजकुमार रोत ने कहा, 'इस समय राजस्थान में जो स्थिति पैदा हो चुकी है, अभी ये हाल है कि हमें एक तरह से कैद कर रखा है। पुलिस प्रशासन की तीन से चार गाड़ियां हमारे साथ लगीं है। आज मैं क्षेत्र के लिए निकला लेकिन वो लोग निकलने नहीं दे रहे हैं। चारों तरफ गाड़ियां लगा दी हैं और मेरी गाड़ी की चाबी भी ले ली गई है।'
बीटीपी ने दिया तटस्थ रहने का निर्देश
बीटीपी ने विधानसभा में विश्वास मत की स्थिति में अपने दोनों विधायकों को पत्र लिखकर कहा है कि फ्लोर टेस्ट की स्थिति में वे न भाजपा को वोट देंगे और न ही कांग्रेस को। पत्र में दोनों विधायकों को सचिन पायलट के समर्थन में भी मतदान करने से मना किया गया है। बता दें कि इन दोनों विधायकों ने पहले राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन किया था।
बिगड़ सकता है विधानसभा का गणित
अभी तक माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास 104 विधायकों का समर्थन है। लेकिन बीटीपी नेतृत्व द्वारा अपने दो विधायकों को मतदान से दूर रहने का निर्देश दिए जाने के बाद गहलोत के पास 102 विधायकों का समर्थन रह जाएगा। बहुमत के लिए उन्हें 101 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में राजस्थान में भी सत्ता का खेल गड़बड़ हो सकता है।