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Troubled by the injustice of the government lawyer, the woman judge pleaded for justice in the court
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Jaipur: सरकारी वकील के अन्याय से परेशान महिला जज, कोर्ट में लगाई न्याय की गुहार, जानें क्या है मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Fri, 07 Apr 2023 03:16 PM IST
दूसरों के फैसले करने वाली एक महिला जज ही अपनी शिकायत लेकर जयपुर शहर फैमिली कोर्ट संख्या-1 पहुंची। महिला जज ने एक सरकारी वकील के अन्याय के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दी।
राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर फैमिली कोर्ट संख्या-1 में एक अनोखा मामला देखने को मिला जहां दूसरों के फैसले करने वाली एक महिला जज ही अपनी शिकायत लेकर फैमिली कोर्ट पहुंची। यहां महिला जज ने एक सरकारी वकील के अन्याय के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दी। असल में महिला जज और सरकारी वकील आपस में पति-पत्नी हैं।
जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर में कार्यरत एडीजे इंदिरा बनेरा ने जयपुर शहर फैमिली कोर्ट संख्या-1 में जज पत्नी ने अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगा रखा था। इस मामले में दोनों पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने सरकारी वकील से बच्चों के अंतरिम भरण पोषण के लिए हर माह 24 हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।
मामले के अनुसार प्रार्थना पत्र में इंदिरा बनेरा ने कहा था कि 24 नवंबर 2007 को उनकी शादी जयपुर के भारत अजमेरा से हुई थी। साल 2010 में दोनों को एक बेटी और 2015 में एक बेटा हुआ। दोनों बच्चे इंदिरा के साथ ही रहे पति भारत ने उन्हें कभी भी अपने साथ नहीं रखा। आरोप था कि पति और उसके परिवार वालों का बच्चों और उसके प्रति व्यवहार कभी भी अच्छा नहीं रहा। पति बच्चों की परवरिश में भी कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई। इस वजह से उसे भरण पोषण दिलाया जाए। साथ ही ये भी आरोप लगाया कि शादी के समय पति रोजगार की तलाश में प्रयासरत था। उस समय मैंने आर्थिक सहयोग किया, जिसके चलते पति अजमेर में सहायक अभियोजन अधिकारी पद पर सेवारत हो गया। इसके बाद भी कभी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।
प्रार्थना पत्र खारिज करने की मांग
वहीं, दूसरे पक्ष में वकील पति के अधिवक्ता डीएस शेखावत ने कोर्ट में कहा कि शिकायतकर्ता का वेतन ही दो लाख रुपये से ज्यादा है, जबकि उसके पति का वेतन मात्र 75 हजार रुपये है। वहीं, शिकायतकर्ता पत्नी ने खुद ही तलाक का प्रार्थना पत्र दायर कर रखा है। साथ ही वह खुद बच्चों का भरण-पोषण करने में सक्षम है। इस लिहाज से प्रार्थना पत्र खारिज किया जाए।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट पीठासीन अधिकारी अरुण कुमार दुबे ने पति को दोनों बच्चों के लिए 12-12 हजार रुपये महीने भरण पोषण भत्ता देने के आदेश दिए हैं। साथ ही भरण-पोषण राशि 20 दिसंबर 2021 से देने के लिए कहा है।
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