मोहाली। प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (सीजीसी) के प्रशासन ने संस्थान के ही एक आला अधिकारी पर करोड़ों की हेराफेरी का आरोप लगाया है। सीजीसी के अधिकारियों ने इस बारे में पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है। प्रबंधन का कहना है कि कई साल से आरोपी अधिकारी सारा कामकाज देख रहा था। प्रबंधकों ने जब उनसे हिसाब मांगा तो वह पत्नी समेत फरार हो गया। थाना सोहाना पुलिस ने सीजीसी के प्रेसिडेंट रछपाल सिंह धालीवाल की शिकायत पर परचा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक दो करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की आशंका है।
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक विकास मल्होत्रा सीजीसी में डायरेक्टर प्लानिंग के पद पर तैनात थे। वे पिछले 11 साल से सीजीसी के घड़ूआं, झंजेड़ी और लांडरां के संस्थानों का निर्माण कार्य देख रहे थे। इसके अलावा भी कई अहम जिम्मेदारियां उसके पास थीं। 26 मई को सीजीसी के प्रबंधकों ने विकास मल्होत्रा से हिसाब-किताब मांग लिया। विकास ने मौके पर बात टाल दी और कोई हिसाब नहीं दिया। उसके बाद वे एकाएक अपनी पत्नी अमनदीप कौर निवासी आइवरी टॉवर, सेक्टर-70 के साथ फरार हो गया। किसी को सूचना दिए बगैर वे कालेज से चले गए। सीजीसी प्रबंधकों ने उन्हें काफी तलाश किया, लेकिन विकास के बारे में कुछ पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस में शिकायत दी गई। पुलिस तफ्तीश में पता चला है कि विकास मल्होत्रा के पास अपनी लांसर कार थी, जिसे वे मोहाली के ही राजिंदर नामक व्यक्ति को पांच लाख रुपये में बेच गए। उसके कब्जे में सीजीसी की तीन गाड़ियां थीं, उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।